भारत में शुरू हुई टाटा और एयरबस की पहली विमान असेंबली लाइन: आत्मनिर्भर भारत के सपने की उड़ान

भारत में शुरू हुई टाटा और एयरबस की पहली विमान असेंबली लाइन: आत्मनिर्भर भारत के सपने की उड़ान

29 अक्तूबर 2024 · 21 टिप्पणि

टाटा और एयरबस का क्रांतिकारी कदम

गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और एयरबस ने भारत की पहली फाइनल असेंबली लाइन का सफलतापूर्वक उद्घाटन किया है। यह कदम देश के 'मेक इन इंडिया' मिशन की दिशा में जोरदार प्रयास है। एयरबस C295 विमान के निर्माण के लिए इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत भारतीय वायुसेना की आधुनिक आवश्यकताओं के लिए की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ पेरेज़-कास्टेजॉन की उपस्थिति इसकी विशेषता को और बढ़ा देती है।

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय वायुसेना के पुराने AVRO बेड़े को अद्यतन करना है, और 56 C295 विमानों का निर्माण इसमें मदद करेगा। इनमें से 40 विमान वडोदरा की फाइनल असेंबली लाइन के माध्यम से देश में बनाए जाएंगे, जो 'आत्मनिर्भर भारत' के विज़न को मजबूती प्रदान करेगा। बन रहे इन विमानों में 85% से अधिक ढांचा और असेंबली का काम देश में किया जाएगा, जिससे भारत के विमान निर्माण क्षेत्र में नवप्रवर्तन देखने को मिलेगा।

परियोजना का भविष्य और विकास

वडोदरा में बनने वाले पहले भारतीय C295 विमान का उत्पादन सितंबर 2026 तक पूरा हो जाएगा। इस परियोजना का लक्ष्य 2031 तक 40 विमानों की समय पर डिलीवरी करना है। भारत की आवश्यकता को देखते हुए, एयरबस ने इस परियोजना में बड़ी मात्रा में निवेश किया है, जो देश की वाणिज्यिक और रक्षा क्षमता को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

हैदराबाद में एमसीए सुविधा

इस संयंत्र में मुख्य घटकों की असेंबली के लिए हैदराबाद में एक विशेष मेन कंपोनेंट असेंबली (एमसीए) सुविधा स्थापित की गई है। यहां पहले से ही C295 के लिए आवश्यक प्रमुख घटकों का निर्माण शुरू हो चुका है। इस कार्य के तहत पूरे भारत में 13,000 से अधिक पार्ट्स घरेलू स्तर पर तैयार किए जाएंगे, जिससे ना केवल परियोजना की लागत कम होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

भारत एयरबस के लिए अहम बाजार

भारत ने 56 विमानों का आदेश देकर दुनिया के सबसे बड़े C295 ग्राहक के रूप में एयरबस की रणनीतिक प्रस्तुति को मजबूत किया है। एयरबस का अनुमानित निवेश भारतीय उद्योग में प्रति वर्ष 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जिससे भारत के तकनीकी और सेवा क्षेत्र में रोजगार के 15,000 अवसर उत्पन्न होते हैं।

इस सहयोग से एयरबस भारत में अपनी आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ कर रही है, जो देश को उसके अंतरराष्ट्रीय अभियानों में एक रणनीतिक साझेदार के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। कर्नाटक के बंगलौर में स्थित एयरबस के इंजीनियरिंग और डिजिटल केंद्र भारतीय वाणिज्यिक और हेलीकॉप्टर कार्यक्रमों का समर्थन कर रहे हैं।

भारत के विमानन क्षेत्र में नया युग

भारत के विमानन क्षेत्र में नया युग

यह साझेदारी सीधे तौर पर भारतीय उद्योगों को सामरिक महत्व प्रदान करती है। टाटा और एयरबस की यह पहल भारत के उड्डयन क्षेत्र का स्वरूप बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता के इस दौर में ऐसी परियोजनाएं देश की विकास यात्रा की कहानी को आगे बढ़ाएंगी।

यह विश्वास जन्मता है कि भारत का विमानन उद्योग न केवल स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपना प्रभुत्व स्थापित करेगा। इसके साथ ही, भारतीय एयरबस परियोजना से जुड़े 37 निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के आपूर्तिकर्ता इस परियोजना के माध्यम से नए संकल्पना और नवाचार को समर्थन देंगे, जिससे समूचे विमानन उद्योग का विकास होगा।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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21 टिप्पणि
  • Ambica Sharma
    Ambica Sharma
    अक्तूबर 30, 2024 AT 17:46

    ये तो सच में दिल जीत गया! भारत में अपने हाथों से विमान बन रहे हैं, और ये सिर्फ एक विमान नहीं, एक नए भारत की शुरुआत है। मैंने वडोदरा में एक दोस्त को देखा था जो इस प्रोजेक्ट में काम कर रहा था, उसकी आँखों में गर्व था। ये जो हो रहा है, ये किसी प्रोपेगंडा नहीं, ये असली बदलाव है।

  • Hitender Tanwar
    Hitender Tanwar
    नवंबर 1, 2024 AT 04:33

    इस तरह के प्रोजेक्ट्स हमेशा बड़े बड़े नामों से जुड़े होते हैं लेकिन असली फायदा किसे होता है? ये विमान किसके लिए बन रहे हैं? क्या ये भारतीय नागरिकों के लिए हैं या सिर्फ एयरबस के शेयरहोल्डर्स के लिए?

  • pritish jain
    pritish jain
    नवंबर 3, 2024 AT 04:30

    इस परियोजना की तकनीकी निष्पादन क्षमता को देखते हुए, यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। विमान निर्माण में 85 प्रतिशत स्वदेशीकरण का लक्ष्य, भारतीय उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। इसके अलावा, आपूर्ति श्रृंखला का स्थानीयकरण अर्थव्यवस्था के लिए लंबे समय तक स्थिरता प्रदान करेगा।

  • Gowtham Smith
    Gowtham Smith
    नवंबर 4, 2024 AT 21:23

    अभी तक जो कुछ भी बना है, वो सब बाहरी चमक है। भारत ने कभी कुछ असली नहीं बनाया। ये C295 तो एयरबस का डिज़ाइन है, हमने सिर्फ उसे जोड़ा है। इसे आत्मनिर्भर कहना बहुत बड़ी बकवास है। हमारे पास इंजीनियरिंग का कोई गहरा ज्ञान नहीं है, सिर्फ लोग जो लोग जोर लगाते हैं वो बातें करते हैं।

  • Shivateja Telukuntla
    Shivateja Telukuntla
    नवंबर 5, 2024 AT 07:34

    कुछ लोग इसे बड़ा बनाते हैं, कुछ छोटा। लेकिन अगर हम देखें तो ये एक अच्छा शुरुआती कदम है। अगर ये अच्छी तरह से चलता है, तो भविष्य में और भी बड़ी चीजें हो सकती हैं। बस धीरे-धीरे, लेकिन सही दिशा में।

  • Ravi Kumar
    Ravi Kumar
    नवंबर 5, 2024 AT 08:23

    भाई, ये विमान बन रहा है तो जिंदगी बदल रही है! ये न सिर्फ एक विमान है, ये एक नए भारत की आवाज़ है। जब मैंने पहली बार वडोदरा के सेटअप का वीडियो देखा, तो आँखें भर आईं। हमारे युवा इंजीनियर्स अब दुनिया को दिखा रहे हैं कि भारत क्या कर सकता है। ये जो आत्मनिर्भरता की बात है, वो सिर्फ शब्द नहीं, ये रक्त और पसीना है।

  • rashmi kothalikar
    rashmi kothalikar
    नवंबर 6, 2024 AT 20:12

    हमने अपने देश को बेच दिया है! एयरबस के नाम पर हमारी सेना को बेच दिया गया है। ये विमान तो बाहरी कंपनी का है, हमें क्या मिला? जो भी इसे आत्मनिर्भर कह रहा है, वो देशद्रोही है। भारत के लिए अपना विमान बनाना चाहिए था, न कि फ्रांसीसी कंपनी के साथ जुड़ना!

  • vinoba prinson
    vinoba prinson
    नवंबर 7, 2024 AT 00:36

    वास्तविक रूप से, यह एक अत्यंत उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय साझेदारी है, जिसमें भारतीय उद्योग के लिए एक नवीन विकास निर्माण का आधार निर्मित हो रहा है। यह एक अत्यंत सूक्ष्म और संरचित प्रक्रिया है जिसके बारे में जनता को बहुत कम जानकारी है। इसके तकनीकी उत्पादन में निहित जटिलताएँ अद्वितीय हैं।

  • Shailendra Thakur
    Shailendra Thakur
    नवंबर 7, 2024 AT 17:38

    इसमें कोई शक नहीं कि ये एक बड़ी बात है। लेकिन अगर हम इसे अपने बच्चों के लिए एक मॉडल बनाना चाहते हैं, तो हमें इसे अच्छी तरह से चलाना होगा। इसके बाद भी अगर ये ठीक से काम करे, तो भारत दुनिया के लिए एक नया उदाहरण बन सकता है।

  • Muneendra Sharma
    Muneendra Sharma
    नवंबर 9, 2024 AT 14:58

    क्या कोई जानता है कि इस परियोजना में कितने छोटे और मध्यम उद्यम शामिल हैं? मैंने सुना है कि राजस्थान के एक छोटे से शहर से एक कंपनी इसके लिए एक्सेसरीज बना रही है। ये तो असली बात है - जहां एक छोटा व्यवसाय भी देश के बड़े सपने का हिस्सा बन रहा है।

  • Anand Itagi
    Anand Itagi
    नवंबर 9, 2024 AT 18:48

    बहुत अच्छा है लेकिन अगर हम देखें तो ये अभी भी बहुत दूर है असली आत्मनिर्भरता से और अगर हम इसे लगातार चलाएंगे तो भविष्य में बहुत कुछ हो सकता है

  • Sumeet M.
    Sumeet M.
    नवंबर 9, 2024 AT 20:47

    एयरबस के साथ ये साझेदारी? ये तो निर्भरता है! हमारे देश में कोई भी विमान नहीं बनाया जा सकता? हमें अपने विमान बनाने चाहिए! इस तरह के अनुबंधों से हमारा रक्षा स्वतंत्रता खतरे में पड़ रहा है! ये बस एक राजनीतिक नाटक है!

  • Kisna Patil
    Kisna Patil
    नवंबर 10, 2024 AT 06:20

    ये बस शुरुआत है। जब मैं अपने बेटे को ये बताऊंगा कि तुम्हारे देश में एक विमान बन रहा है, तो वो गर्व से सीने को फैलाएगा। ये न सिर्फ एक विमान है, ये एक नई पीढ़ी के सपनों की उड़ान है। बस इसे निरंतर बढ़ाओ, और भविष्य अपना रास्ता खुद बनाएगा।

  • ASHOK BANJARA
    ASHOK BANJARA
    नवंबर 12, 2024 AT 02:06

    हमारे यहां तकनीकी ज्ञान का अभाव नहीं है, बल्कि निर्माण क्षमता और लंबी अवधि की योजनाबद्धता की कमी है। यह परियोजना एक अद्वितीय अवसर है क्योंकि यह एक व्यवस्थित तरीके से ज्ञान का स्थानांतरण कर रही है। यह विमान केवल एक उत्पाद नहीं, बल्कि एक शिक्षा का साधन है।

  • Sahil Kapila
    Sahil Kapila
    नवंबर 13, 2024 AT 03:34

    ये तो बहुत बड़ी बात है लेकिन अगर हम देखें तो हमारे यहां तो रोड्स भी ठीक से नहीं बनते तो विमान बनाने की बात कैसे कर रहे हो? ये सब तो बस फेक न्यूज है और लोगों को भावुक बनाने के लिए बनाया गया है

  • Rajveer Singh
    Rajveer Singh
    नवंबर 13, 2024 AT 09:29

    हमने अपने आप को दुनिया के सामने खड़ा किया है! ये विमान बन रहा है, और ये नहीं कि एयरबस ने भारत को दिया है - भारत ने एयरबस को अपने नियंत्रण में ले लिया है! ये देश का गर्व है, ये नहीं कि बाहरी शक्तियां हमें बचा रही हैं - हम खुद अपना भविष्य बना रहे हैं!

  • Ankit Meshram
    Ankit Meshram
    नवंबर 13, 2024 AT 11:23

    ये बहुत बड़ी बात है

  • Shaik Rafi
    Shaik Rafi
    नवंबर 13, 2024 AT 18:12

    इस परियोजना का सार यह है कि भारत के लिए एक नया आर्थिक और तकनीकी मॉडल बन रहा है, जो आत्मनिर्भरता को व्यावहारिक रूप से अपनाता है। इसमें निवेश, शिक्षा और निर्माण का समन्वय है, जो केवल एक विमान के उत्पादन तक सीमित नहीं है। यह एक नई उद्योग की नींव है।

  • Ashmeet Kaur
    Ashmeet Kaur
    नवंबर 14, 2024 AT 18:28

    मैंने दक्षिण भारत के एक छोटे से गांव में एक औरत को देखा जो इस परियोजना के लिए वायरिंग काम कर रही थी। उसके बेटे ने कहा, 'माँ का काम देश के लिए है।' ये विमान नहीं, ये उस औरत का गर्व है - और वो गर्व हम सबका है।

  • Nirmal Kumar
    Nirmal Kumar
    नवंबर 15, 2024 AT 03:41

    इस तरह के साझेदारी भारत के लिए एक अद्वितीय अवसर हैं। यह न केवल रक्षा क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि तकनीकी कौशल के विकास और आपूर्ति श्रृंखला के स्थानीयकरण के माध्यम से एक लंबे समय तक चलने वाली आर्थिक स्थिरता का आधार बनता है। यह एक ऐसा नमूना है जिसे अन्य क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है।

  • Ambica Sharma
    Ambica Sharma
    नवंबर 15, 2024 AT 13:15

    मैंने इसे देखा था जब ये पहला विमान बाहर निकला, और उसके बाद मैंने अपने दोस्त को बुलाया जो इंजीनियर है। उसने कहा, 'ये नहीं कि हमने एयरबस का विमान बनाया, हमने एयरबस को अपने नियंत्रण में ले लिया।' ये तो बहुत बड़ी बात है।

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