जब चेन्नई, तमिलनाडु में आज 21 अक्टूबर 2025 को केवल दोपहर का समय था, इंडिया मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 96% संभावना के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की, तो शहर की सड़कों पर पहले ही जलभराव हो रहा था। तापमान 26.1°C पर नज़र आया, पर ‘फील्स लाइक’ 29°C तक पहुँच गया, जिससे नमी और गर्मी का मिश्रण शहर को चुपचाप घेर रहा था। यह खबर इंडियन एक्सप्रेस और इकॉनॉमिक टाइम्स दोनों ने एक ही टाइम में रिपोर्ट किया, और इस बात पर ज़ोर दिया कि AQI 131 के साथ ‘मध्यम’ स्तर पर बना हुआ है।
पृष्ठभूमि: चेन्नई का मौसमी माहौल
चेन्नई का अक्टूबर महीना आम तौर पर 8‑15 बरसाती दिन लाता है, औसत तापमान 27‑32°C के बीच रहता है। पिछले दशक में इस महीने में लगभग 200‑250 mm की औसत वर्षा दर्ज हुई है। इस साल मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि एक ‘सतत तनावपूर्ण’ जलवायु प्रणाली टेम्पलेट के रूप में दक्षिण भारत के ऊपर घुम रही है, जो पूरे सप्ताह तक शहर को भीगाती रहेगी।
विस्तृत 7‑दिवसीय मौसम पूर्वानुमान
नीचे आने वाले हफ़्ते के लिए प्रमुख आंकड़े दिखाए गए हैं।
- 21 अक्टूबर (मंगलवार): भारी बारिश, तापमान 25‑30.7°C, नमी 85%, हवाएँ 16 km/h, दृश्यता 9.5 km।
- 22 अक्टूबर (बुधवार): भारी बारिश, तापमान 24.9°C, नमी 94%, हवाएँ 16.6 km/h, दृश्यता 7.9 km।
- 23 अक्टूबर (गुरुवार): सबसे अधिक वर्षा (लगभग 28 mm), तापमान 25.2°C, नमी 87%, हवाएँ 28.4 km/h, दृश्यता 9.5 km।
- 24 अक्टूबर (शुक्रवार): बिखरी हुई रेन, तापमान 26.8°C, नमी 71%, हवाएँ 39.2 km/h।
- 25‑27 अक्टूबर: बिखरी हुई रेन के साथ हल्की धूप, नमी 74‑86% के बीच, तापमान 24.7‑25.6°C।
इन आँकड़ों ने मॉडलों को यह दिखाया है कि गुरुवार को सबसे ज़्यादा जलसंभवन होगा, जबकि सप्ताहांत की ओर हल्की धूप का झांका दिख रहा है।
शहर पर तत्काल प्रभाव
पहले ही दो घंटे में मुख्य राजमार्गों पर जलभराव देखी गई, खासकर कनिंकम सर्कल और एमजी रोड पर। सार्वजनिक परिवहन ने हल्की देरी की सूचना दी, और मीट्रो के कुछ स्टेशन अस्थायी रूप से बंद रहे। छोटे पैमाने की स्थानीय उद्यमीने कहा कि इन बाढ़ से उनकी दुकानें पानी में डूबने के खतरे में हैं, और उन्हें आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है।
आरोग्य विभाग ने बताया कि अत्यधिक नमी के कारण धुंध और एजीआई में मामूली गिरावट आएगी, पर फिर भी औसत स्तर ‘मध्यम’ ही रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बारिश अस्थायी रूप से पॉल्लिन से उत्पन्न धूल को नीचे लाएगी, पर टपकते पानी के टूटते रोगजनक भी बढ़ सकते हैं।

विशेषज्ञों की राय और भविष्यवाणी
इंडिया मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट के स्पीकर रवि कुमार ने कहा, “हमारे मॉडल दर्शाते हैं कि इस वर्ष की मॉनसून का तीव्र चरण गहराई से बरसना जारी रखेगा। संभावित बाढ़ क्षेत्रों के लिए स्थानीय प्रशासन को त्वरित राहत कार्य शुरू करना चाहिए।”
एक स्थानीय पर्यावरण वैज्ञानिक, डॉ. शिवानी राव, ने जोड़ते हुए बताया कि “बातचीत के दौरान नागरिकों को सिटीक्लाथ्स, वाटरप्रूफ जूते, और हाइड्रेटेड रहने की सलाह देनी चाहिए। वायु गुणवत्ता के मामूली सुधार के बावजूद, लगातार नमी के कारण साँस लेने में असुविधा बनी रह सकती है।”
मेट्रोकॉर्निया के CEO, अजीत सिंह, ने अपने स्टाफ को “रेनजैकेट और ट्रैफिक शिफ्ट प्लान” लागू करने का निर्देश दिया, जिससे ऑफिस के कर्मचारियों का घोटाला कम हो सके।
आगे क्या हो सकता है? सावधानी और तैयारी
मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर मौजूदा जलवायु प्रणाली और अधिक समय तक बनी रही, तो अगले सात दिनों में कुल मिलाकर 150‑180 mm की अतिरिक्त वर्षा हो सकती है। इसका मतलब है कि जल निकासी व्यवस्था को तुरंत साफ़‑सफ़ाई की जरूरत है, नाकाबंदी वाले नालियों को खोलना, और आस-पास के तालाबों को भरना।
सरकारी अधिकारियों ने इस बात को दोहराया है कि जलरोक स्क्रीन और टेम्पररी बाढ़ रोकने वाले बेड बनवाए जाएंगे। साथ ही, आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखने की सलाह दी गई है, ताकि किसी भी अति‑व्रज्य घटना में त्वरित मदद पहुँच सके।

मुख्य तथ्य
- 96% संभावना के साथ भारी बारिश 21 अक्टूबर को शुरू।
- आज का औसत तापमान: 26.1°C, “फील्स लाइक” 29°C।
- एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI): 131 – मध्यम स्तर।
- सबसे ज्यादा वर्षा 23 अक्टूबर को अनुमानित 28 mm।
- हवाएँ 15‑40 km/h, दृश्यता 7‑10 km।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इस बारिश से स्थानीय व्यवसायों पर क्या असर पड़ेगा?
बारिश के कारण कई छोटे व्यापारियों को पानी में डूबते स्टॉक का नुकसान झेलना पड़ सकता है, जबकि ट्रैफिक जाम से डिलीवरी में देरी होगी। कुछ रेस्तरां और किचन वेंडरों ने पहले से ही वैकल्पिक रूट और रेनप्रूफ पैकेजिंग की तैयारी शुरू कर दी है।
आगामी दिनों में कौन‑से इलाकों में जलभराव की संभावना है?
कनिंकम सर्कल, मदुरै एक्सप्रेसवे, और पेरियावूर के पास विशेष रूप से जोखिमपूर्ण क्षेत्र हैं। नगर पालिका ने कहा है कि इन इलाकों में नाली सफ़ाई और बाढ़ रोकने वाले बॅरियर्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
क्या एजीआई में सुधार की कोई संभावना है?
स्थायी बरसात से हवा में मौजूद धूल और कण नीचे गिरते हैं, इसलिए एजीआई कुछ हद तक घट सकता है। परन्तु नमी के कारण पॉल्लेन की रासायनिक प्रतिक्रिया बढ़ सकती है, जिससे साँस लेने में असूप सुगमता बनी रह सकती है।
क्या अगले सप्ताह तक बारिश कम हो जाएगी?
मॉडल के अनुसार, 26‑27 अक्टूबर को थोड़ी सफ़ाई की संभावना है, लेकिन नमी और हल्की बिंदु-बिंदु बारिश जारी रहेगी। पूरी तरह से सूखे की उम्मीद अगले दो हफ़्तों के बाद है।
आपातकालीन सेवाएँ किन तैयारियों पर काम कर रही हैं?
शहर की जल आपूर्ति विभाग ने अस्थायी पंपिंग स्टेशन स्थापित किए हैं, स्वास्थ्य विभाग ने जलजनित रोगों के लिए टीकाकरण शिविर चलाए हैं, और पुलिस ने जलभराव‑प्रभावित क्षेत्रों में बचाव‑सहायता टीमों की तैनाती की है।
भाईयों, चेन्नई में आज गड़गड़ाते बादलों ने जैसे शहर की रीढ़ को थरथरा दिया है! 96% संभावित भारी बारिश, मानो आकाश अपना कड़वा आँसू बहा रहा हो। गंदे सड़कें, जलभराव, और वो सन्नाटे वाली ध्वनि-सभी मिलकर एक सिनेमाई महाकाव्य बना रहे हैं।
इसी मौसम की दुविधा में हम क्यों उलझते रहते हैं? बारिश तो प्रकृति का अधिकार है, पर मानव ने अपनी अडिग लापरवाही से इसे मारक बना दिया।
साथियों, इस जलवायु आपदा को एक एक्सट्रीम केस स्टडी मानें और अपने स्थानीय व्यापार में रिस्क मैनेजमेंट प्लान तुरंत लागू करें। डेडलाइन को देखते हुए, इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम का एक्टिवेशन अभी से शुरू होना चाहिए, वेंडिंग नेटवर्क को रेन‑प्रूफ पैकेजिंग में बदलें।
आपके सुझाव व्यावहारिक हैं, पर सावधानी के साथ कार्यान्वयन आवश्यक है। कृपया स्थानीय अधिकारियों को समय‑समय पर अपडेट दें।
क्या यह लगातार वर्षा जलचक्र के परिवर्तन का स्पष्ट संकेत नहीं है, जिसे हमें व्यापक रूप से निगरानी करने की आवश्यकता है? इस संदर्भ में, विश्व‑स्तर पर CO₂ उत्सर्जन की प्रवृत्ति को समझना अनिवार्य है।
आपकी बात सही है, हमें इस डेटा को बड़े पैमाने पर जोड़कर एक मॉडल बनाना चाहिए। साथ ही, छोटे व्यापारियों को वैकल्पिक रूट और बीमा विकल्पों की जानकारी देना भी फायदेमंद रहेगा।
वाह, फिर तो चेन्नई का मौसम भी अब फ़िल्मी ड्रामा बन गया है, ट्रैफ़िक जाम को बाढ़ के साथ मिलाकर। क्या कहें, हमें अब गीले जूते और भी भीगी उम्मीदें साथ लेनी पड़ेंगी।