जोसे मोरिन्हो ने अपने पूर्व क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाफ लाल कार्ड पाया, फिर भी फेनर बाक्चे ने किया ड्रा

जोसे मोरिन्हो ने अपने पूर्व क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाफ लाल कार्ड पाया, फिर भी फेनर बाक्चे ने किया ड्रा

25 अक्तूबर 2024 · 9 टिप्पणि

मोरिन्हो और फेनर बाक्चे की चुनौतियाँ

जोसे मोरिन्हो, जो अपने अद्वितीय कोचिंग शैली के लिए जाने जाते हैं, ने अपनी नई टीम फेनर बाक्चे के लिए मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मैच खेला। यह मैच काफी अद्भुत रहा जिसमें दोनों टीमों ने अपने श्रेष्ठ प्रयास किए। क्रिश्चियन एरिक्सन ने मैनचेस्टर यूनाइटेड को पहले ही 15वें मिनट में बढ़त दिलाई। उनके श्रेष्ट शॉट ने गोलकीपर को चकित कर दिया और यूनाइटेड को शुरुआती बढ़त मिल गई। लेकिन फेनर बाक्चे ने भी हार नहीं मानी और उन्‍नचासवें मिनट में युसेफ एन-नेसरी के बराबरी गोले के साथ मुकाबले को संतुलित कर दिया। एन-नेसरी का यह गोल बेहद महत्वपूर्ण था।

मोरिन्हो का लाल कार्ड

खेल के दौरान, जोसे मोरिन्हो के तीव्र स्वाभाव और जमीन पर उत्साह ने एक विवादास्पद मोड़ को जन्म दिया जब उन्हें मैदान से बाहर भेजा गया। निर्णय विवादास्पद था और मैनचेस्टर यूनाइटेड के प्रशंसक और फेनर बाक्चे के समर्थक समान रूप से मोरिन्हो के प्रति सहानुभूति दिखाने लगे। मोरिन्हो ने रेफरी के निर्णय पर सवाल उठाते हुए एक पेनल्टी दावे के बाद नाराज़गी प्रकट की। उनके व्यवहार ने रेफरी को मजबूर किया कि वे उन्हें वापस भेजें, जो उनके करियर में एक मुश्किल पल था।

फेनर बाक्चे की सामूहिक प्रदर्शन

फेनर बाक्चे की सामूहिक प्रदर्शन

मोरिन्हो के निकाले जाने के बावजूद, फेनर बाक्चे ने अपनी ताकत और एकता को दिखाते हुए पूरे मैच में संतुलन बनाए रखा। टीम के खिलाड़ियों ने ऐसे सामरिक परिवर्तन किए जिनकी वजह से यह मैच रोमांचक बना रहा, बावजूद इसके कि उन्हें अपने कुछ खिलाड़ियों को उनकी सामान्य स्थितियों से बाहर खेलना पड़ा। यह समर्पण और टीम भावना का उदाहरण था।

यूरोपा लीग में युनाइटेड का प्रदर्शन

मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए यह ड्रॉ उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरा क्योंकि यह उनका यूरोपा लीग में लगातार तीसरा ड्रॉ था। टीम पर अधिक दबाव बढ़ गया है और इस मैच के नतीजे ने प्रबुद्ध किया कि वे किस तरह का सुधार कर सकते हैं। इनकी कोचिंग टीम को आगे के मैचों में सुधार करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता महसूस होगी।

कुल मिलाकर यह मुकाबला अप्रत्याशित था और इससे मिली सीख चाहे फेनर बाक्चे के लिए हों या मैनचेस्टर यूनाइटेड के प्रशासक के लिए, दोनों पक्ष को आगामी प्रतियोगिताओं में गर्वित होने का मौका मिला। मोरिन्हो के लिए यह एक ऐसा पल था जब उन्होंने अपनी अनुभव कौशल का प्रदर्शन किया और यह दिखाया कि फेनर बाक्चे जैसे टीमों के पास भी बड़े क्लबों के लिए खेल जीतने की संभावनाएँ होती हैं।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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9 टिप्पणि
  • Shailendra Thakur
    Shailendra Thakur
    अक्तूबर 25, 2024 AT 17:03

    मोरिन्हो का ये रिएक्शन तो बिल्कुल उनका ही अंदाज़ है। लेकिन फेनर बाक्चे ने बिना कोच के भी जो दिखाया, वो असली टीमवर्क था।

  • Muneendra Sharma
    Muneendra Sharma
    अक्तूबर 26, 2024 AT 23:13

    एरिक्सन का गोल तो देखने लायक था, लेकिन एन-नेसरी का बराबरी वाला गोल तो दिल जीत गया। ये मैच बिना किसी रंग-बिरंगे ट्रेंड के, सिर्फ फुटबॉल के लिए खेला गया। 😊

  • Anand Itagi
    Anand Itagi
    अक्तूबर 28, 2024 AT 17:28

    मोरिन्हो को लाल कार्ड देना जरूरी था क्या या फिर रेफरी ने जल्दबाजी की इसमें दोनों तरफ से बहुत भावनाएं थीं और वो बस एक ट्रिगर था

  • Sumeet M.
    Sumeet M.
    अक्तूबर 28, 2024 AT 19:53

    मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाफ ड्रॉ होना? ये तो शर्म की बात है! अगर इतना ताकतवर टीम है तो घर पर ही बैठे रहो! फेनर बाक्चे को तो बहुत आसानी से जीतना चाहिए था! इन लोगों को तो बस बड़े क्लबों का नाम देकर बैठ जाना है!

  • Kisna Patil
    Kisna Patil
    अक्तूबर 28, 2024 AT 23:24

    इस मैच में जो दिखा गया, वो फुटबॉल का असली आत्मा था। एक कोच को बाहर निकाल देना उसकी आत्मा को नहीं, बल्कि उसकी जुनून को दिखाता है। फेनर बाक्चे के खिलाड़ियों ने उस जुनून को सम्मान दिया। ये खेल है, न कि राजनीति।

  • ASHOK BANJARA
    ASHOK BANJARA
    अक्तूबर 29, 2024 AT 13:31

    मोरिन्हो का ये रिएक्शन उनके अनुभव का परिणाम है। उन्होंने इतने सालों में ऐसे मैच देखे हैं जहां निर्णय बदल गए। लेकिन ये बात भी सच है कि फेनर बाक्चे ने बिना कोच के भी एक ऐसा मैच खेला जिसमें नियंत्रण और जिद्द दोनों थे। ये टीम बड़ी चीजों के लिए तैयार है।

  • Sahil Kapila
    Sahil Kapila
    अक्तूबर 30, 2024 AT 15:32

    मोरिन्हो को लाल कार्ड देने वाला रेफरी तो अपने आप को बहुत बड़ा समझता है लेकिन उसकी नज़र नहीं थी कि ये मैच उसके निर्णय से बहुत आगे था और फेनर बाक्चे ने तो बस खेल को अपने नाम कर लिया ये नहीं कि मोरिन्हो को बाहर निकालकर

  • Rajveer Singh
    Rajveer Singh
    नवंबर 1, 2024 AT 05:06

    मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाफ ड्रॉ होना भारत के लिए शर्म की बात है ये टीम तो दुनिया की नंबर वन टीम है और फेनर बाक्चे जैसी टीम को बस इतना ही देना चाहिए कि वो अपने घर पर बैठे रहें ये ड्रॉ तो बस इसलिए हुआ क्योंकि यूनाइटेड ने नहीं खेला बल्कि सिर्फ जीत का इंतज़ार किया

  • Ankit Meshram
    Ankit Meshram
    नवंबर 2, 2024 AT 06:07

    बिल्कुल जीत नहीं तो भी जीत।

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