जब NDTV ने 10 अक्टूबर 2025 को जारी किया अपना बाजार विश्लेषण, तो पता चला कि सोना की कीमतों में हल्की गिरावट आई, ठीक करवा चौथ से एक दिन पहले। इस गिरावट का कारण वैश्विक बाजार‑संकट, रुपये‑डॉलर की पेयर में बदलाव और मौसमी खरी‑दारी‑भारी माह का मिलाजुला असर था।
इसी दिन Multi-Commodity Exchange (MCX) पर 10‑gram सोने के फ्यूचर की कीमत रु 1,22,795 रही, जो पिछले दिन से 0.34 % (₹ 414) गिरावट दर्शाती है। साथ ही, सिल्वर फ्यूचर रु 1,48,731 प्रति किलोग्राम पर 0.75 % (₹ 1,124) कम हुआ।
शहर‑वार रिटेल सोने की दरें
NDTV ने 12 प्रमुख शहरों की रिटेल दरें भी प्रकाशित कीं। दिल्ली में 24‑Karat सोने का भाव रु 1,24,300 और 22‑Karat का रु 1,13,950 था। मुंबई, कोलकाता, बंगलोर और हैदराबाद में कीमतें लगभग समान – 24K ₹ 1,24,150, 22K ₹ 1,13,800 रही। चennai में 24‑K ₹ 1,24,370, 22‑K ₹ 1,14,000 तक पहुँच गया। जयपुर‑लखनऊ, अहमदाबाद में भी 24K ₹ 1,24,300‑₹ 1,24,200 के बीच था।
इन मुख्य शहरों के अलावा, BankBazaar.com ने छोटे‑छोटे टाउन‑लेवल की कीमतें भी शेयर कीं – बार्शी, बिड़ार, भादरगढ़ आदि, जहाँ 24‑Karat की दर लगभग रु 91,400‑₹ 91,920 के बीच थी। हालांकि इन आंकड़ों में कैरेट की शुद्धता स्पष्ट नहीं थी, फिर भी खरीदारों को एक मोटा‑मोटा अंदाज़ा मिला।
बाजार‑की गतिशीलता का कारण
गैर‑सरकारी तकनीकी पोर्टल Gadgets360.com ने कहा कि सोने की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं। जब रुपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले घटता है, तो आयातित सोना महँगा हो जाता है, जिससे स्थानीय मूल्य में उछाल आता है। इस प्रक्रिया में Reserve Bank of India (RBI) का रिज़र्व भी एक बड़ी भूमिका निभाता है, क्योंकि RBI विश्वभर में सोने के रिज़र्व रखता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में सोना एक "सुरक्षित अभयारण्य" माना जाता है, खासकर भू‑राजनीतिक तनाव (जैसे युद्ध‑स्थिति) के समय। इसके अलावा, सोने की कीमतों का ‘नकारात्मक या कम‑सहसंबंध’ प्रमुख एसेट क्लासेज़ (जैसे इक्विटीज़, बॉन्ड) से होने के कारण यह पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफ़ाई करने में मदद करता है।
करवा चौथ के प्रभाव
करवा चौथ का त्योहार 10 अक्टूबर को मनाया गया, और इस दिन अक्सर महिलाएँ अपने पतियों के स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करती हैं। इस अवसर पर सोने की माँग साल‑दर‑साल बढ़ती है, क्योंकि कई परिवार इस ख़ास दिन के लिए सोने के आभूषण खरीदते हैं। NDTV ने कहा कि हल्की गिरावट के बाद भी, अक्टूबर‑नवंबर के उत्सव‑सीज़न में कीमतें स्थिर या धीरे‑धीरे ऊपर जाती हैं। इसलिए निवेशकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि “फेस्टिव डिमांड” आने वाले हफ़्तों में कीमतों को समर्थन दे सकती है।

करवाइयों के लिए टिप्स और टैक्स की जानकारी
Gadgets360.com ने बताया कि सोने पर स्थानीय “ऑक्ट्रोई” और “एंट्री टैक्स” भी लगते हैं, जो राज्य‑शहर के हिसाब से अलग‑अलग हो सकता है। अगर आपके सोने का मूल्य ₹ 30 लाख से अधिक है, तो वैल्थ टैक्स का भी प्रावधान है, हालांकि यह अभी भी विवादित है। साथ ही, KDM सोना (92 % सोना + 8 % कैडमियम) की बात भी उठायी गई – इसका प्रमाण BIS (ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स) द्वारा नहीं है, और इससे जुड़ी स्वास्थ्य‑समस्याएँ भी रिपोर्ट की गईं।
भविष्य के अनुमान
बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर रू‑डॉलर की रेंज स्थिर रहे और कोई बड़ा भू‑राजनीतिक झटका न आए, तो सोने की कीमतें अगले दो‑तीन हफ़्तों में 0.5 %‑1 % की रेंज में रह सकती हैं। वहीं, यदि अक्टूबर‑नवंबर के प्रमुख उत्सव में उपभोक्ता‑भारी माँग बढ़ी, तो कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं।

सारांश – मुख्य बिंदु
- MCX पर 10‑gram सोने का फ्यूचर 1,22,795 ₹ (‑0.34 %) रहा।
- सिल्वर फ्यूचर 1,48,731 ₹ प्रति किलोग्राम (‑0.75 %)।
- मुख्य शहरों में 24‑Karat की कीमत 1,24,150‑1,24,370 ₹, 22‑Karat 1,13,800‑1,14,000 ₹।
- करवा चौथ के कारण तुरंत माँग में वृद्धि की संभावना, कीमतों को समर्थन मिला रहे हैं।
- रूपए‑डॉलर की दर, वैश्विक भू‑राजनीतिक तनाव और RBI के रिज़र्व कीमतों को दिशा देते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
करवा चौथ के दौरान सोने की कीमतें क्यों बढ़ती हैं?
उत्सव‑सीज़न में महिलाओं और परिवारों द्वारा आभूषण खरीदने की इच्छा बढ़ जाती है। इस मौसमी माँग के कारण थोक व रिटेल दोनों बाजार में खरी‑दारी‑ऊपर दबाव बनता है, जिससे कीमतें स्थिर या बढ़ती हैं।
क्या 10‑gram सोने का फ्यूचर खरीदना सुरक्षित है?
फ्यूचर ट्रेडिंग में कीमत तय होती है, लेकिन वास्तविक सोना तुरंत नहीं मिलता। यदि आप कीमतों में गिरावट से बचना चाहते हैं तो फ्यूचर के बजाय स्पॉट मार्केट या भौतिक सोना खरीदना बेहतर हो सकता है।
रुपए‑डॉलर की दर में बदलाव सोने की कीमत को कैसे प्रभावित करता है?
सोना अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर में मूल्यांकित होता है। यदि रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले गिरती है, तो आयातित सोना महँगा हो जाता है, जिससे भारतीय बाजार में अंततः कीमतें बढ़ती हैं।
क्या करवा चौथ के बाद कीमतें फिर से गिर सकती हैं?
अगर उत्सव‑समय की माँग के बाद बाजार में सप्लाई ज़्यादा हो और वैश्विक आर्थिक संकेतक (जैसे ब्याज दरें) बदलें, तो कीमतें फिर गिर सकती हैं। लेकिन आमतौर पर फेस्टिव‑डिमांड के बाद एक छोटी‑सी स्थिरता बनी रहती है।
सोने पर स्थानीय टैक्स और वैल्थ टैक्स कैसे लागू होते हैं?
हर राज्य‑शहर में ऑक्ट्रोई और एंट्री टैक्स अलग‑अलग होते हैं, जो वस्तु‑प्रवेश के समय लगते हैं। यदि व्यक्तिगत सोने का मूल्य ₹ 30 लाख से अधिक हो, तो वैल्थ टैक्स (यदि लागू हो) भी लगाया जा सकता है। स्थानीय कर दरें स्थान‑विशेष में बदलती रहती हैं।
करवा चौथ में सोना खरीदते समय थोड़ा धीरज रखें 😊 क्योंकि कीमतें अभी हल्की गिर रही हैं। अगर आप 24‑Karat की तुलना में 22‑Karat से शुरुआत करें तो बजट में बचत होगी। साथ ही, स्थानीय टैक्स की दरें भी देखना न भूलें।