अगला हफ्ता: उतार-चढ़ाव के बीच तेजी की उम्मीद
भारतीय मार्केट आउटलुक को लेकर आने वाला हफ्ता काफी दिलचस्प होने वाला है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की वजह से बाजार में हलचल बनी रहेगी, पर रुझान अभी भी सकारात्मक ही दिखाई दे रहा है। निवेशकों की नजर कई बड़े फैक्टर्स पर रहने वाली है—जिनमें नई व्यापार नीतियां, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की पॉलिसी और अमेरिका के फेडरल रिजर्व के संकेत शामिल हैं।
इस हफ्ते भी साथी देशों से आने वाले संकेत अहम रहेंगे। अमेरिका में व्यापार शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने के कयास, एशियन मार्केट्स में ध्यान खींचने वाली हलचल और IMF-World Bank जैसे वैश्विक सम्मेलनों का असर दिख सकता है। वहीं, घरेलू फोकस RBI की नई गाइडलाइंस और फेडरल रिजर्व के बयान पर रहेगा, जो बाजार की लिक्विडिटी को तय करेंगे।
इस दौरान Q4 के नतीजे बाजार की चाल को और निर्देशित करेंगे। खासतौर पर HDFC बैंक, ICICI बैंक, और इंफोसिस जैसी दिग्गज कंपनियों के तिमाही प्रदर्शन पर लोगों की उम्मीदें टिकी रहेंगी। बैंकिंग सेक्टर में फिलहाल अच्छा खासा जोश है, जिसका असर यूनिवर्सल इंडेक्सेस यानी निफ्टी और बैंक निफ्टी दोनों पर पड़ रहा है।
तकनीकी स्तर और स्टॉक्स की चाल
अगर बात करें निफ्टी की, तो ट्रेडर्स में उम्मीद है कि यह 24,000 से 24,300 के बीच जा सकता है। 23,200 का स्तर प्रमुख सपोर्ट रहेगा और इस पर बाजार को मजबूत सहारा मिलेगा। इसमें निफ्टी 50 के लिए FII यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों की जबरदस्त खरीदारी खास भूमिका निभा रही है। हाल के सत्रों में FII ने 4,600 करोड़ रुपये से ज्यादा की नेट खरीदारी की है, जिससे बाजार को ताकत मिली है।
बैंक निफ्टी ने पिछले दो हफ्तों में कई रेजिस्टेंस ब्रेक कर नई ऊंचाई छू ली है। बैंक निफ्टी 54,800-55,000 पार कर सकता है, क्योंकि बैंकिंग सेक्टर में क्रेडिट ग्रोथ और एसेट क्वालिटी मजबूत बनी हुई है। कई प्रमुख बैंक और फाइनेंस कंपनियों के शेयर, खासतौर पर HDFC बैंक और ICICI बैंक, निवेशकों के फेवरेट बने हुए हैं।
शॉर्ट टर्म निवेश के लिए Jindal Steel & Power और Reliance Infrastructure जैसे स्टॉक्स को विश्लेषक पसंद कर रहे हैं। इन कंपनियों की तकनीकी चार्ट्स में तेजी के संकेत मिल रहे हैं। साथ ही, Angel One पिछली बार F&O बैन लिस्ट में आ गया, जिससे उसे लेकर ट्रेडर्स की रुचि बढ़ गई है।
वैश्विक घटनाओं का असर भी बाजार की चाल पर महसूस होगा, खासकर अमेरिका और एशिया की मिलेजुले संकेतों की वजह से उतार-चढ़ाव रह सकता है। IMF/World Bank की मीटिंग भी इन्वेस्टर्स का रुख प्रभावित कर सकती है। रिटेल निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि जब बाजार में करेक्शन यानी गिरावट आए, उस समय अच्छा मौका बन सकता है ‘बाय ऑन डिप’ करने का—यानी चयनित मजबूत शेयरों को खरीदने का। ट्रेडर्स के मुताबिक, निफ्टी के 23,600-23,800 लेवल पर मजबूत सपोर्ट हैं, क्योंकि पुट ऑप्शंस में भरपूर गतिविधि दिखी है।
- निफ्टी 50 – सपोर्ट: 23,200, रेजिस्टेंस: 24,300, आउटलुक: धीमी-धीमी तेजी
- बैंक निफ्टी – सपोर्ट: 53,500, रेजिस्टेंस: 55,000, आउटलुक: जोश कायम
एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि DII यानी घरेलू संस्थागत निवेशकों ने पिछले कुछ सत्रों में मुनाफा वसूली की है, जबकि FII की खरीदारी के कारण बाजार में मजबूती दिखी। इससे यह साफ है कि शेयर बाजार में फिलहाल ज्यादा तेजी विदेशी निवेशकों के हाथ में है।
अगर आप ट्रेडिंग या निवेश की योजना बना रहे हैं, तो आने वाले हफ्ते के लिए स्टॉक्स की लिस्ट तैयार रखें, बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें और मजबूत सपोर्ट वाले शेयरों में गिरावट आने पर खरीद का मौका न चूकें। विदेशी संकेतों से भले उतार-चढ़ाव आए, मगर भारतीय बाजारों का फंडामेंटल अब भी मजबूत है।
बाजार अभी भी मजबूत है लेकिन धीमी गति से चल रहा है। FII की खरीदारी तो बहुत अच्छी है, लेकिन DII का वापसी का रुख भी नजर आ रहा है। अगर 23,200 के नीचे नहीं गिरा तो अगले हफ्ते 24,300 तक जाने की संभावना है।
अरे भाई ये सब ट्रेडिंग वाले तो बस अपनी चार्ट्स देखकर बातें कर रहे हैं! अमेरिका के टैरिफ बढ़े तो भारतीय बाजार क्यों नहीं गिरेगा? FII का पैसा तो एक दिन भाग जाएगा, और फिर हमारे छोटे निवेशकों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। ये सब जादू का खेल है!
हमारे देश के बाजार को विदेशी निवेशकों के आधार पर चलने देना गलत है। हमारे अपने DII और रिटेल निवेशकों को बल देना चाहिए। ये सब विदेशी निवेशक तो अपने घर लौट जाएंगे जैसे ही अमेरिका में ब्याज दर बढ़े। हमारे बैंक निफ्टी की ताकत हमारी खुद की जमीन पर है, न कि विदेशी फंड्स पर!
सच तो ये है कि बैंकिंग सेक्टर में क्रेडिट ग्रोथ अच्छी है और एसेट क्वालिटी भी सुधर रही है। HDFC और ICICI के नतीजे अगले हफ्ते बहुत अहम होंगे। अगर वो अच्छे आए तो बैंक निफ्टी 55,000 के पार जा सकता है
23,600 पर सपोर्ट मजबूत है खरीदो
हम जब तक अपने घरेलू निवेशकों को शिक्षित नहीं करेंगे, तब तक विदेशी निवेशक यही खेल चलाते रहेंगे। एक छोटा निवेशक जब अपने बाजार की बुनियाद समझे, तो वह ट्रेंड बनाने लगता है, न कि बस फॉलो करे। ये सब चार्ट्स और टेक्निकल एनालिसिस तो बस एक धुंध है जो बड़े खिलाड़ियों के लिए बनाई गई है।
मैंने पिछले हफ्ते इंफोसिस के शेयर खरीदे थे। उनके Q4 रिजल्ट्स अच्छे आए और अभी तक 8% रिटर्न मिल गया है। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं तो बेसिक्स पर फोकस करें, ट्रेडिंग की बजाय।
ये सब ट्रेडर्स तो अपने बाजार के बारे में बहुत अधिक बात करते हैं, लेकिन क्या उन्होंने कभी सोचा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का वास्तविक आधार तो कृषि है, जिसका कोई भी विश्लेषण नहीं करता? निफ्टी के 24,300 और बैंक निफ्टी के 55,000 के बीच एक अरब किसानों की आय छिपी है, जिसे कोई नहीं देखता। आप जो बाजार देख रहे हैं, वो बस एक शहरी बुद्धिजीवियों का खेल है।
लुकिंग अट दे फेडरल रिजर्व गाइडलाइंस, दे यूएस फिस्कल पॉलिसी इंडिकेटर्स, एंड दे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया'स लिक्विडिटी टार्गेट्स, इट'स क्लियर दैट दे डायनेमिक्स आर बिगिनिंग टू डिवर्ज फ्रॉम दे लास्ट क्वार्टरली ट्रेंड्स। एफआईआई इंफ्लो इज नॉट सस्टेनेबल इफ दे डॉलर रिस्ट्रेंग्थन्स एंड ग्लोबल रिस्क ऑफ अवर्सिन इंक्रीज।
कोई भी बाजार लंबे समय तक विदेशी निवेश पर निर्भर नहीं रह सकता। हमें अपने छोटे निवेशकों को शिक्षित करना होगा। एक निवेशक जब अपने घर के बाजार को समझे, तो वह अपना फैसला अपने दिमाग से लेता है, न कि किसी टिप के लिए। ये ट्रेडिंग बाजार नहीं, ये एक जीवन शैली है।
ये सब जो बोल रहे हैं वो सब निवेश करने की बजाय बातें कर रहे हैं। किसी ने बताया कि अगर निफ्टी 23,200 पर टिक गया तो अगले दो हफ्ते में 25,000 तक जाएगा? नहीं। किसी ने बताया कि इंफोसिस के नतीजे के बाद शेयर कितना चढ़ा? नहीं। सब बस बातें कर रहे हैं।
क्या आपने कभी सोचा कि ये सब बैंक निफ्टी का जोश बस एक बड़े फंड के निवेश की वजह से है? और अगर वो फंड निकल गया तो? ये बाजार तो एक बड़े बैंक के निवेश पर टिका हुआ है। जब तक हम अपने छोटे निवेशकों को नहीं समझाएंगे कि ये जोश अस्थायी है, तब तक हम सब फिसडड़ी में रहेंगे
हमारे देश के बाजार को विदेशी निवेशकों के हाथों में छोड़ देना एक देशद्रोह है। हमारे अपने निवेशकों को बल देना चाहिए। अगर विदेशी निवेशक चले गए तो भारतीय बाजार गिर जाएगा? नहीं। हमारे अपने निवेशक उसे फिर से खड़ा कर देंगे। हमें अपने बाजार पर गर्व करना चाहिए, न कि विदेशी निवेशकों की खुशी के लिए बाजार चलाना।
मैंने इंफोसिस के शेयर खरीदे थे और अब वो 12% ऊपर हैं। लेकिन मैं डर रही हूँ कि अगले हफ्ते अमेरिका की बातें बिगाड़ देंगे। मुझे लगता है कि मुझे बेच देना चाहिए। क्या आप लोगों को लगता है कि ये तेजी चलेगी? मैं बहुत डर रही हूँ
बाजार का कोई भी तकनीकी विश्लेषण तब तक असली नहीं होता जब तक वह उस व्यक्ति के व्यवहार और मानसिकता को नहीं समझता। एक निवेशक जो डर से बेचता है, वह हमेशा खो जाता है। जो शांत रहता है, वह अपने लक्ष्य तक पहुँचता है। बाजार की गति नहीं, बल्कि हमारी अंतर्निहित शांति ही सफलता की कुंजी है।
आप सब निफ्टी के 24,300 के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन क्या आपने कभी देखा है कि एक छोटे गाँव के एक व्यापारी का बैंक खाता कितना बढ़ रहा है? भारतीय अर्थव्यवस्था का वास्तविक विकास तो उन्हीं छोटे व्यापारियों और किसानों के बीच हो रहा है। बाजार की चाल तो बस एक दिखावा है।
हमारे बाजार में अभी जो तेजी है, वह वास्तविक नहीं है। यह बस एक फेक बुल रन है। जब तक हम अपने घरेलू निवेशकों को निवेश के बारे में शिक्षित नहीं करते, तब तक यह बाजार एक घूंट में गिर जाएगा।
क्या आपने कभी देखा है कि एक निवेशक जो अपने घर के बाजार को समझता है, वह अपनी आय को बढ़ाता है? नहीं। आप सब बाजार के नंबरों के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन आपके घर में कौन बदल रहा है? यही समस्या है।