नवंबर 2025 की पहली सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार के लिए एक ऐतिहासिक सप्ताह शुरू होने वाला है। लेंसकार्ट सॉल्यूशन्स, स्टुड्स एक्सेसरीज लिमिटेड और ऑर्क्ला इंडिया लिमिटेड — तीन अलग-अलग सेक्टर्स की बड़ी कंपनियाँ — एक साथ लिस्ट होने जा रही हैं। ये आईपीओ न सिर्फ निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर हैं, बल्कि बाजार के भावनात्मक और वित्तीय तापमान का भी एक स्पष्ट संकेत हैं। लेंसकार्ट जैसी ब्रांड वाली कंपनी को सिर्फ 2.02x सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि स्टुड्स को 73.25x — ये अंतर किसी बड़े रहस्य की तरह है।
आईपीओ का विस्तृत नक्शा: कौन कब लिस्ट होगा?
निफ्टी ट्रेडर के अनुसार, ऑर्क्ला इंडिया 5 नवंबर को लिस्ट होगी, स्टुड्स एक्सेसरीज 6 नवंबर को, और लेंसकार्ट 7 नवंबर को। लेकिन यहाँ एक ट्विस्ट है: लेंसकार्ट का अलोटमेंट 6 नवंबर को होगा, और लिस्टिंग 10 नवंबर को। ये देरी क्यों? फाइनेंशियल एक्सपर्ट मोहित गंग के अनुसार, ये अलोटमेंट की जटिलता के कारण है — इतने बड़े निवेशकों ने आवेदन किया कि रजिस्ट्रार को अलोटमेंट की प्रक्रिया धीरे-धीरे चलानी पड़ रही है।
सब्सक्रिप्शन के अंक: निवेशकों की भावनाएँ क्या बोल रही हैं?
स्टुड्स एक्सेसरीज का 73.25x सब्सक्रिप्शन एक जबरदस्त घटना है। ये केवल एक ऑटोमोटिव एक्सेसरीज कंपनी नहीं है — ये भारत के युवा ड्राइवर्स के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। हेलमेट्स के लिए लोग अब सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि स्टाइल और ब्रांड भी चाहते हैं। ऑर्क्ला इंडिया का 48.74x सब्सक्रिप्शन भी बहुत ज्यादा है — और ये समझना जरूरी है कि ये कंपनी मटर की दाल, एमटीआर के रेडी मिक्स और ईस्टर्न के डेसर्ट्स को नियंत्रित करती है। ये वो ब्रांड हैं जिनका नाम भारतीय घरों में बचपन से जुड़ा है।
लेकिन लेंसकार्ट? सिर्फ 2.02x। ये आश्चर्यजनक नहीं है। ये कंपनी अपनी नीति में एक अजीब द्वंद्व का शिकार है: वह एक रिटेलर है, लेकिन बाजार उसे एक लाइफस्टाइल ब्रांड के रूप में मूल्यांकन कर रहा है। एनरिच मनी के विश्लेषण के अनुसार, "ये वैल्यूएशन एक ट्रेडिशनल रिटेलर जैसा नहीं, बल्कि एक प्रीमियम लाइफस्टाइल कंपनी जैसा है।" और वहीं वैल्यूएशन ₹70,000 करोड़ है। ये उसकी फाइनेंशियल्स के मुकाबले बहुत ज्यादा है।
क्यों इतना अंतर? बाजार की समझ
ये तीनों कंपनियाँ अलग-अलग दुनिया से हैं। स्टुड्स एक ग्रासरूट्स बिजनेस है — जहाँ उत्पाद जीवन-मृत्यु के साथ जुड़ा है। ऑर्क्ला इंडिया एक नियमित खपत ब्रांड है — जिसकी डिमांड आर्थिक उतार-चढ़ाव से अछूती है। लेंसकार्ट? ये एक टेक-ड्रिवन रिटेलर है जिसने ऑनलाइन और ऑफलाइन को जोड़ा है, लेकिन उसकी मुनाफा मार्जिन सिर्फ 8% है। तो क्यों इतना ज्यादा वैल्यूएशन? शायद निवेशक उसके डेटा, एप्प यूजर्स और ब्रांड लॉयल्टी को भविष्य के लिए खरीद रहे हैं। लेकिन ये एक बड़ा रिस्क है।
ग्रे मार्केट और निवेशकों की चेतावनी
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ने स्टुड्स को बहुत ऊपर उठा दिया — अक्सर 100% से ज्यादा प्रीमियम देखा गया। लेकिन याद रखें: ग्रे मार्केट एक अनिश्चित बाजार है। वहाँ की कीमतें बाजार के भावनात्मक अंदाज़ों पर आधारित होती हैं। लेंसकार्ट का GMP बहुत कम रहा — ये एक स्पष्ट संकेत है कि निवेशक इसकी वैल्यूएशन से संतुष्ट नहीं हैं।
यहाँ एक और बड़ा नंबर: ग्रोव की पेरेंट कंपनी, बिलियनब्रेन्स गैरेज वेंचर्स, 4 नवंबर को अपना आईपीओ शुरू करेगी — ₹61,700 करोड़ की कंपनी। ये लेंसकार्ट के बाद आने वाली एक और बड़ी चुनौती है। निवेशकों के पास अब दो विकल्प हैं: या तो नए आईपीओ में पैसा डालें, या पहले लिस्ट होने वाली कंपनियों का इंतज़ार करें।
अलोटमेंट और लिस्टिंग कैसे चेक करें?
निवेशक अपने आईपीओ अलोटमेंट की स्थिति चेक कर सकते हैं — बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और रजिस्ट्रार Kfin Technologies की वेबसाइट पर। ऑर्क्ला का अलोटमेंट 3 नवंबर को पूरा होने की उम्मीद है। स्टुड्स और लेंसकार्ट के लिए ये अगले दिन होगा।
क्या ये आईपीओ बाजार को बदल देगा?
ये तीनों आईपीओ एक नए युग की शुरुआत हैं — जहाँ ब्रांड वैल्यू और डेटा को फाइनेंशियल्स से ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। लेकिन याद रखें: जब बाजार एक साथ बहुत सारे आईपीओ को लेकर उत्साहित होता है, तो बाद में ठंडक आती है। 2021 की आईपीओ बूम के बाद क्या हुआ? कई कंपनियाँ लिस्टिंग के बाद 30-40% गिर गईं। लेंसकार्ट का अगर शुरुआती दिन में बहुत ज्यादा उछाल हुआ, तो ये एक बड़ा चेतावनी का संकेत हो सकता है।
फ्रीक्वेंटली एस्क्वायर्ड वेल्स
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
लेंसकार्ट का आईपीओ क्यों इतना कम सब्सक्राइब हुआ?
लेंसकार्ट का आईपीओ कम सब्सक्राइब हुआ क्योंकि इसकी वैल्यूएशन ₹70,000 करोड़ है, जबकि इसका नेट प्रॉफिट मात्र ₹310 करोड़ है। निवेशक इसे एक लाइफस्टाइल ब्रांड की तरह देख रहे हैं, न कि एक रिटेलर के रूप में। ये अतिरिक्त मूल्य अभी तक व्यावहारिक लाभों से जुड़ा नहीं है, जिससे बाजार शक कर रहा है।
स्टुड्स एक्सेसरीज का 73.25x सब्सक्रिप्शन क्यों हुआ?
स्टुड्स का इतना ज्यादा सब्सक्रिप्शन इसलिए हुआ क्योंकि ये एक ऐसी कंपनी है जिसका उत्पाद जीवन-मृत्यु से जुड़ा है — हेलमेट। भारत में बढ़ती दुर्घटनाओं और सड़क सुरक्षा कानूनों के कारण इसकी मांग बढ़ रही है। इसके अलावा, युवा ड्राइवर्स इसे स्टाइल और ब्रांड के रूप में भी देखते हैं।
ऑर्क्ला इंडिया का आईपीओ क्यों सफल हुआ?
ऑर्क्ला इंडिया का आईपीओ सफल इसलिए हुआ क्योंकि इसके ब्रांड — MTR, Eastern — भारतीय घरों में दशकों से विश्वसनीय हैं। ये एक नियमित खपत ब्रांड है जिसकी डिमांड आर्थिक मंदी में भी नहीं घटती। इसके अलावा, ये एक नॉर्वेजियाई कंपनी की भारतीय शाखा है, जिससे निवेशकों को गुणवत्ता का विश्वास है।
लेंसकार्ट लिस्ट होने के बाद क्या हो सकता है?
अगर लेंसकार्ट लिस्टिंग पर ₹400 से ज्यादा पर खुलता है, तो ये एक बड़ा बुलिश सिग्नल लग सकता है। लेकिन अगर ये ₹350 से नीचे आ जाए, तो ये बाजार की असंतोष की निशानी होगी। ऐसे में अगले आईपीओ, जैसे ग्रोव, के लिए भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्या ग्रोव का आईपीओ इन तीनों को प्रभावित करेगा?
हाँ, बिल्कुल। ग्रोव का ₹61,700 करोड़ का आईपीओ बाजार के लिए एक बड़ा चुनौती है। निवेशकों के पास अब दो विकल्प हैं — या तो लेंसकार्ट या स्टुड्स में पैसा लगाएँ, या ग्रोव का इंतज़ार करें। ये वित्तीय तनाव अगले 10 दिनों में बाजार के व्यवहार को बदल सकता है।
आईपीओ अलोटमेंट कैसे चेक करें?
आईपीओ अलोटमेंट की स्थिति बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और Kfin Technologies की वेबसाइट पर आप अपने एप्लीकेशन नंबर और पैन नंबर से चेक कर सकते हैं। अलोटमेंट के बाद ही शेयर आपके डीमैट अकाउंट में जमा होंगे।