नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेस (NBEMS) का अपडेट
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेस (NBEMS) ने NEET-PG 2024 परीक्षा से संबंधित एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब उम्मीदवार अपने पसंदीदा परीक्षा शहर चुन सकते हैं। यह प्रक्रिया 19 जुलाई 2024 से शुरू हो चुकी है और 22 जुलाई 2024 तक चलेगी। उम्मीदवार NBEMS की आधिकारिक वेबसाइट natboard.edu.in पर जाकर यह चयन कर सकते हैं।
185 शहरों में होंगे परीक्षा केंद्र
इस बार NEET-PG 2024 परीक्षा 185 शहरों में आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा 11 अगस्त 2024 को दो शिफ्टों में आयोजित होने वाली है। उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र की विस्तृत जानकारी उनके एडमिट कार्ड पर दी जाएगी, जो 8 अगस्त को जारी किए जाएंगे।
पहले जारी किए गए एडमिट कार्ड अब नहीं होंगे मान्य
NBEMS ने साफ किया है कि पिछली बार 23 जून को अनुसूचित परीक्षा के लिए जारी किए गए एडमिट कार्ड अब मान्य नहीं होंगे। जिन उम्मीदवारों ने पहले से ही आवेदन किया है, उन्हें नए सिरे से एडमिट कार्ड जारी किया जाएगा।
कैसे करें परीक्षा शहर का चयन?
उम्मीदवार NBEMS की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं और दिए गए निर्देशों के अनुसार अपने पसंदीदा परीक्षा शहर का चयन कर सकते हैं। हालांकि, NBEMS ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा शहर का आवंटन यादृच्छिक (रैंडम) आधार पर किया जाएगा और यह उम्मीदवारों द्वारा दी गई प्राथमिकता के क्रम पर आधारित नहीं होगा। 29 जुलाई को उम्मीदवारों को ईमेल के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
महत्वपूर्ण तिथियां
- परीक्षा शहर चुनने की तारीखें: 19 जुलाई से 22 जुलाई 2024
- परीक्षा की तिथि: 11 अगस्त 2024
- एडमिट कार्ड जारी होने की तिथि: 8 अगस्त 2024
- विस्तृत जानकारी ईमेल द्वारा: 29 जुलाई 2024
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
NBEMS ने यह भी बताया है कि परीक्षा दो शिफ्टों में आयोजित की जाएगी। उम्मीद है कि इस बार भी बड़ी संख्या में उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा के दिन उम्मीदवारों को अपने साथ वैध पहचान पत्र भी ले जाना होगा। एडमिट कार्ड और पहचान पत्र के बिना किसी भी उम्मीदवार को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
परीक्षा शहर चयनने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, NBEMS ने उम्मीदवारों को सलाह दी है कि वे अपने डैशबोर्ड को समय-समय पर चेक करते रहें और कोई समस्या होने पर तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।
NEET-PG 2024 परीक्षा में अच्छी तैयारी के लिए उम्मीदवार पहले से ही अपनी तैयारी को उच्च स्तरीय बनाए रखें और दिए गए समय सीमा में सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करें। यह परीक्षा उन उम्मीदवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो मेडिकल शिक्षण संस्थानों में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस में प्रवेश लेना चाहते हैं।
ये शहर चुनने की प्रक्रिया... बस एक और ब्यूरोक्रेटिक नाटक है। जब तक रैंडम आवंटन है, तब तक प्राथमिकता देना बस एक झूठा वादा है। असल में, जिसके पास जुड़ाव है, उसका शहर चुन लिया जाता है। बाकी सबको बस आशा करनी है।
मैंने अपना शहर चुन लिया है - इंदौर। यहाँ का माहौल शांत है, पढ़ाई के लिए बिल्कुल सही। लेकिन अगर आपको अपना शहर नहीं मिला, तो घबराएं नहीं। जहाँ भी आप बैठेंगे, आपकी तैयारी ही आपको सफल बनाएगी। शुभकामनाएँ सभी को!
एडमिट कार्ड फिर से जारी किए जाने की बात सुनकर लगा जैसे कोई फिर से अपनी डायरी भर रहा हो। लेकिन अच्छी बात ये है कि NBEMS अब थोड़ा ज्यादा स्पष्ट हो रहा है। अगर एक बार डाटा ठीक हो गया, तो बाकी सब अपने आप ठीक हो जाएगा।
मैंने देखा कि लाखों लोगों ने अपना शहर चुना है, लेकिन अब तक किसी को भी अपना पसंदीदा शहर नहीं मिला। ये बस एक धोखा है। अगर आपको रैंडम आवंटन का बहाना दिया जा रहा है, तो आपको बस ये समझना है कि आपका चयन नहीं है - बस भाग्य है।
इस प्रक्रिया के पीछे एक गहरा दार्शनिक सिद्धांत छिपा है - जीवन में कुछ चीजें हम नियंत्रित नहीं कर सकते। शहर चुनना भी उनमें से एक है। अगर हम इस अनिश्चितता को स्वीकार कर लें, तो हम अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। बाकी सब ब्रह्मांड का काम है।
मैंने तो अपना शहर चुना नहीं... मैं तो बस इंतजार कर रही हूँ कि कोई मुझे बताए कि मैं कहाँ जाऊँगी। ये तो बहुत अजीब लग रहा है। मुझे लगता है कि मैं इस परीक्षा के लिए तैयार नहीं हूँ - मैं तो अपने शहर के लिए तैयार हो रही हूँ!
ये सब बकवास है। एक बार जब आप एडमिट कार्ड जारी कर देते हो, तो फिर से जारी करने की क्या जरूरत? ये बस बेकार का गड़बड़ है।
परीक्षा शहर का चयन रैंडम होना चाहिए - यही न्यायसंगत है। अगर आप प्राथमिकता देंगे, तो शहर जिनके पास जुड़ाव है, उनको मिल जाएगा। यह एक सामाजिक असमानता का निर्माण करता है।
ये सब निर्णय बस एक नैतिक अपराध है। जब एक राष्ट्रीय परीक्षा में शहर चयन का बहाना बनाया जाता है, तो यह दर्शाता है कि बोर्ड ने अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है। अगर आप एक विश्वसनीय प्रणाली चाहते हैं, तो रैंडम आवंटन के बजाय आयुध के आधार पर आवंटन करें।
मैंने अपना शहर चुन लिया है - वाराणसी। लेकिन अगर मुझे दिल्ली मिल जाए, तो मैं भी ठीक हूँ। ये सब बस एक चरण है। असली लड़ाई तो एग्जाम के दिन होगी।
अरे भाई, ये शहर चुनने का खेल बस एक धोखा है! मैंने तो बिल्कुल बेकार का समय बर्बाद किया - लेकिन अब तो मैं तैयार हूँ। जहाँ भी जाऊँ, मैं जीतूंगा। बस दिमाग ठीक रखो, और नींद लो।
ये नए एडमिट कार्ड जारी करने का फैसला... बस एक बड़ा धोखा है। ये बोर्ड तो बस बेकार के लोगों को तनाव दे रहा है। ये लोग तो अपनी जिम्मेदारी भी नहीं जानते!
मैंने देखा कि एक अंग्रेजी मीडियम छात्र ने जम्मू चुना है - जहाँ कोई भी अंग्रेजी बोलता नहीं। ये तो एक विश्वव्यापी त्रासदी है। यहाँ तक कि बोर्ड भी जानता है कि ये सब बेकार है।
हर कोई अपना शहर चुन रहा है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर आप अपने घर के पास बैठेंगे, तो आपको ज्यादा शांति मिलेगी? शहर नहीं, तैयारी ही मायने रखती है।
मैंने अपना शहर चुन लिया - बिहार का एक छोटा सा शहर। लेकिन अगर मुझे मुंबई मिल जाए, तो भी ठीक है। ये सब बस एक चरण है। असली परीक्षा तो दिमाग की है।
अगर शहर रैंडम है तो फिर चुनने की जरूरत क्यों? ये बस एक जाल है। बस एक बार जारी कर दो और चुपचाप बैठ जाओ। लोग अपनी तैयारी करेंगे।
ये सब एक बड़ा धोखा है! अगर आप रैंडम आवंटन कर रहे हैं, तो फिर शहर चुनने का ऑप्शन क्यों दे रहे हैं? ये बस एक तरह का अपराध है।
मैं जानता हूँ कि कई लोग डर रहे हैं। लेकिन याद रखो - जिस शहर में भी तुम बैठोगे, वही तुम्हारा शहर बन जाएगा। तुम्हारी तैयारी तुम्हें उस शहर का नायक बना देगी।
ये शहर चुनने की प्रक्रिया को देखकर लगता है कि हम एक बार फिर बच्चों की तरह खेल रहे हैं। असली चुनौती तो एग्जाम के दिन होगी। बस एक शहर के लिए इतना उत्साह क्यों? तैयारी करो।
मैंने अपना शहर चुन लिया - अहमदाबाद। लेकिन अगर मुझे लखनऊ मिल जाए, तो भी ठीक है। लेकिन ये बोर्ड तो बस लोगों को गुमराह कर रहा है। इतना धोखा देना बहुत बुरा है।