नोवाक जोकोविच ने कार्लोस अल्काराज़ को हराकर जीता अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक और पूरा किया करियर गोल्डन स्लैम

नोवाक जोकोविच ने कार्लोस अल्काराज़ को हराकर जीता अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक और पूरा किया करियर गोल्डन स्लैम

5 अगस्त 2024 · 20 टिप्पणि

नोवाक जोकोविच का ऐतिहासिक सफर

नोवाक जोकोविच ने पेरिस 2024 ओलंपिक के पुरुष एकल फाइनल में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। 37 वर्षीय सर्बियाई खिलाडी ने नवोदित स्टार कार्लोस अल्काराज़ को बेहद नजदीकी मुकाबले में पराजित कर अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। जोकोविच ने दोनों सेट टाईब्रेक में जीते, स्कोर रहे 7-6(3) और 7-6(2)।

जोकोविच का अद्वितीय प्रदर्शन और अपनी छाप

यह जीत न केवल जोकोविच के लिए ऐतिहासिक थी, बल्कि टेनिस इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। पाँच बार प्रयास करने के बाद तीसरी बार रोलां गैरो पर जीत प्राप्त कर, जोकोविच ने करियर गोल्डन स्लैम पूरा किया। वे स्टेफी ग्राफ, आंद्रे अगासी, राफेल नडाल और सेरेना विलियम्स के पुनीत क्लब में शामिल किए गए, जिन्होंने सभी चार ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट्स और एक ओलंपिक एकल स्वर्ण पदक जीते हैं।

शारीरिक चुनौतियों पर काबू

शारीरिक चुनौतियों पर काबू

जोकोविच ने इस जीत को पाकर अपनी शारीरिक और मानसिक संघर्षों पर विजय प्राप्त की। उनके दायें घुटने की सर्जरी के बाद, टेनिस जगत में उनकी क्षमता पर सवाल उठ रहे थे। लेकिन, उनकी अद्भुत खेल क्षमता और रणनीति ने इन सवालों का मुंहतोड़ जवाब दिया।

कार्लोस अल्काराज़ की मजबूत चुनौती

21 वर्षीय युवा स्पेनिश खिलाड़ी कार्लोस अल्काराज़ ने भी इस मुकाबले में अपनी पूरी ताकत दिखाई। वेंबली 2024 फाइनल में जोकोविच से मिली जीत के बाद, अल्काराज़ ऑलंपिक में अपनी जीत को दोहराने के इरादे से उतरे थे। हालांकि, उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया, लेकिन उन्होंने साहस और खेल भावना का अद्भुत प्रदर्शन किया। मुकाबले के बाद, अल्काराज़ की आँखों में आंसू थे, और उन्होंने अपनी हार को दिल से स्वीकारा।

जोकोविच का उत्सव और परिवार का समर्थन

जोकोविच का उत्सव और परिवार का समर्थन

जोकोविच की जीत के बाद, उन्होंने उत्साह के साथ सर्बियाई ध्वज को घुमाया और अपने परिवार को गले लगाया। उनकी इस जीत ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे सर्बियाई टेनिस प्रेमियों को गौरवान्वित किया।

अन्य पदक विजेता

इतालवी खिलाड़ी लोरेंजो मुसेटी ने पुरुष वर्ग में कांस्य पदक जीता। इसी ओलंपिक में, महिलाओं के डबल्स फाइनल में रशियन खिलाड़ी मिर्रा अंद्रेवा और डायना श्नाइडर का मुकाबला इतालवी टीम सारा एरानी और जैस्मिन पाओलिनी से होना है।

जोकोविच की टेनिस यात्रा का नया अध्याय

जोकोविच की टेनिस यात्रा का नया अध्याय

जोकोविच की इस जीत से उनकी टेनिस यात्रा का नया अध्याय जुड़ गया है। इसका महत्व समझाते हुए, यह जीत भविष्य के खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा साबित होगी, कि दृढ़ता और साहस से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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20 टिप्पणि
  • amrit arora
    amrit arora
    अगस्त 5, 2024 AT 09:57

    इस जीत को सिर्फ एक टेनिस विजय नहीं कह सकते, ये तो एक अध्याय है जिसमें इंसानी इच्छाशक्ति का जादू दिखा। 37 साल की उम्र में घुटनों की सर्जरी के बाद भी ओलंपिक गोल्ड जीतना, ये कोई खेल नहीं, ये तो एक अद्भुत जीवन दर्शन है। जोकोविच ने साबित कर दिया कि बॉडी बूढ़ी हो सकती है, लेकिन माइंड कभी नहीं। उनकी रणनीति, उनकी शांति, उनका धैर्य - ये सब एक युवा पीढ़ी के लिए एक बड़ा पाठ है। अल्काराज़ ने भी जो दिखाया, वो भी बेहद गर्व की बात है, लेकिन जोकोविच ने जिस तरह से अपनी अनुभव की गहराई से खेला, वो देखने वालों को शामिल कर लेता है।

  • Ambica Sharma
    Ambica Sharma
    अगस्त 5, 2024 AT 20:25

    ओह माय गॉड ये तो बस दिल को छू गया 😭 मैंने इस मैच को देखा था और मैं रो पड़ी… जोकोविच के चेहरे पर जब वो जीत का एहसास हुआ, तो मैंने सोचा ये आदमी तो देवता है। अल्काराज़ के आँसू भी देखे तो लगा जैसे दो भाई एक दूसरे को जीत दे रहे हों। ये टेनिस नहीं, ये तो इंसानियत का नाटक है।

  • Hitender Tanwar
    Hitender Tanwar
    अगस्त 6, 2024 AT 03:09

    गोल्डन स्लैम? बस एक बड़ा शब्द है। ये सब ने किया है लेकिन किसी को नहीं बताया कि ये सब बहुत ज्यादा पैसे और ट्रेनिंग के बाद ही संभव है। आम आदमी के लिए ये सब बकवास है।

  • pritish jain
    pritish jain
    अगस्त 6, 2024 AT 15:57

    वास्तव में, जोकोविच के इस उपलब्धि का ऐतिहासिक महत्व उनके शारीरिक असमर्थता के बावजूद अपनी तकनीकी शुद्धता, जैसे कि उनके बैकहैंड टाइमिंग और फॉर्वहैंड ड्राइव की असाधारण नियंत्रण के कारण है। उनकी विश्लेषणात्मक खेल बुद्धि और टाइमिंग के लिए अद्वितीय समय-समय पर अपनी गति को बदलने की क्षमता, जो आधुनिक टेनिस में लगभग अनुपलब्ध है, उन्हें इस जीत के लिए अद्वितीय बनाती है।

  • Gowtham Smith
    Gowtham Smith
    अगस्त 7, 2024 AT 15:32

    ये सब बकवास है। अल्काराज़ को जीतना चाहिए था। ये जोकोविच तो बस अपनी उम्र के साथ खेल रहा है। ये सब गोल्डन स्लैम की बातें बस एक बड़ा धोखा है। इंडिया के खिलाड़ियों को तो बिल्कुल नहीं देखा जाता। ये यूरोपीय लोग ही सब कुछ चालू रखते हैं।

  • Shivateja Telukuntla
    Shivateja Telukuntla
    अगस्त 8, 2024 AT 17:32

    मैंने ये मैच देखा। बहुत शांत रहे। बस एक बार जोकोविच ने बैकहैंड पर बहुत शानदार शॉट लगाया - उसके बाद सब कुछ बदल गया। अल्काराज़ ने भी बहुत अच्छा खेला। बस एक बार जब टाइम ब्रेक आया, तो जोकोविच ने अपनी अनुभव की शक्ति से फैसला कर दिया। बहुत अच्छा खेल था।

  • Ravi Kumar
    Ravi Kumar
    अगस्त 9, 2024 AT 00:40

    भाई ये तो बस जानवर है जोकोविच! देखो ना उसके आंखों में वो आग कैसे जल रही थी - वो नहीं चाहता था कि कोई उसे रोके। अल्काराज़ तो बस एक बिजली की चमक था, लेकिन जोकोविच तो तूफान था। उसके बाद उसके घुटने चिल्ला रहे थे, लेकिन दिल नहीं। ये जीत तो बस एक जीत नहीं, ये तो एक जीवन की कहानी है। अगर तुम जीना चाहते हो तो ऐसे खेलो।

  • rashmi kothalikar
    rashmi kothalikar
    अगस्त 10, 2024 AT 18:09

    इतना गौरव क्यों दिखाया जा रहा है? जोकोविच के लिए ये तो बस अपनी नियमित जीत है। इंडिया के खिलाड़ियों को कभी ऐसा मौका नहीं मिलता। ये सब बस एक नियंत्रित नरेश की बात है। जोकोविच को जीतने दो, लेकिन इंडिया के खिलाड़ियों को भी बराबरी दो।

  • vinoba prinson
    vinoba prinson
    अगस्त 11, 2024 AT 02:40

    जोकोविच की इस जीत को गोल्डन स्लैम कहना एक अतिशयोक्ति है। ओलंपिक टेनिस टूर्नामेंट ग्रैंड स्लैम के समान नहीं है। इसमें टॉप 10 के खिलाड़ी भी नहीं खेलते। ये सब जोकोविच के बारे में बनाई गई मिथक है।

  • Shailendra Thakur
    Shailendra Thakur
    अगस्त 11, 2024 AT 04:17

    मैं एक टेनिस कोच हूँ। जोकोविच के बचपन के वीडियो देखे हैं - वो बिल्कुल अलग तरह से खेलता था। आज वो जो कर रहा है, वो उसकी बुद्धि का नतीजा है। उसकी रणनीति बदल गई, उसने अपनी बाहों को बचाया, और अब वो दिमाग से खेलता है। ये युवाओं के लिए एक बड़ा सबक है - ताकत नहीं, बुद्धि ही जीतती है।

  • Muneendra Sharma
    Muneendra Sharma
    अगस्त 12, 2024 AT 02:04

    अल्काराज़ के आँसू देखकर मुझे लगा - ये जीत नहीं, ये एक अंत है। एक युवा ताकत का। लेकिन जोकोविच के चेहरे पर जो शांति थी, वो बता रही थी कि वो जीत चुका है - न केवल मैच, बल्कि अपने डर को भी। ये दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे को बेहतर बना रहे हैं। ये टेनिस की असली शान है।

  • Anand Itagi
    Anand Itagi
    अगस्त 13, 2024 AT 19:09

    जोकोविच ने जीत ली अल्काराज़ ने बहुत अच्छा खेला दोनों टाइम ब्रेक में जीते बहुत अच्छा था

  • Sumeet M.
    Sumeet M.
    अगस्त 15, 2024 AT 13:12

    ये सब बस एक रूपक है! जोकोविच की ये जीत एक बड़े नियंत्रण तंत्र का हिस्सा है! यूरोपीय टेनिस लॉबी ने इसे तैयार किया है! इंडिया के खिलाड़ियों को बर्बाद किया जा रहा है! ये ओलंपिक भी एक बड़ा फ्रेमवर्क है! ये जीत नहीं, ये एक राजनीति है!!!

  • Kisna Patil
    Kisna Patil
    अगस्त 17, 2024 AT 05:50

    अगर तुम अपने बच्चे को टेनिस सिखाना चाहते हो, तो उन्हें जोकोविच के मैच दिखाओ। न कि बस शॉट्स, बल्कि उसकी शांति, उसकी धैर्य, उसकी अपने आप पर विश्वास। ये खेल नहीं, ये जीवन का तरीका है। उसके बाद अल्काराज़ की हार को भी देखो - उसने अपनी आत्मा को दिखाया। ये दोनों ही जीते।

  • ASHOK BANJARA
    ASHOK BANJARA
    अगस्त 18, 2024 AT 15:05

    जोकोविच के लिए ये जीत सिर्फ एक पदक नहीं, ये तो एक न्याय है। उन्होंने दुनिया के सबसे कठिन टूर्नामेंट्स जीते, लेकिन ओलंपिक उनके लिए एक अधूरा सपना था। आज वो उसे पूरा कर गए। अल्काराज़ के साथ ये मुकाबला उनकी अद्वितीय रणनीति का एक नमूना था - उन्होंने जो भी दिया, वो बिल्कुल नियंत्रित था। ये जीत उनके अतीत के सभी घावों को भर देती है।

  • Sahil Kapila
    Sahil Kapila
    अगस्त 19, 2024 AT 06:43

    अल्काराज़ तो बस एक बच्चा है जो अपने आप को बड़ा समझ रहा है। जोकोविच तो एक देवता है। ये जीत तो बस देवता का अधिकार है। जो लोग इसे बराबर बताते हैं, वो नहीं जानते कि टेनिस क्या है। ये जोकोविच की जीत है, बाकी सब बस रोशनी के नीचे छाया हैं

  • Rajveer Singh
    Rajveer Singh
    अगस्त 19, 2024 AT 19:32

    जोकोविच ने जीत ली, लेकिन ये सब एक बड़ा नाटक है। ये लोग तो अपने आप को देवता बना लेते हैं। अल्काराज़ जैसे युवा खिलाड़ियों को तो दुनिया भर में लाखों लोग देखते हैं, लेकिन इंडिया के खिलाड़ियों को नहीं। ये सब एक रंग बिरंगा धोखा है। जोकोविच की जीत का मतलब ये नहीं कि वो बेहतर है - बल्कि ये कि उसके पास ज्यादा संसाधन हैं।

  • Ankit Meshram
    Ankit Meshram
    अगस्त 21, 2024 AT 09:46

    जीत गया।

  • Shaik Rafi
    Shaik Rafi
    अगस्त 21, 2024 AT 19:28

    इस जीत का असली महत्व ये है कि ये दिखाता है कि अनुभव और ज्ञान, शारीरिक ताकत से ज्यादा शक्तिशाली हो सकते हैं। जोकोविच ने अपनी आंखों से खेला - उसने अल्काराज़ के हर शॉट को पढ़ लिया। ये जीत किसी एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक नए तरीके से खेलने की है। जब तक हम शारीरिक ऊर्जा को ही ताकत मानेंगे, तब तक हम इस तरह की जीत को नहीं समझ पाएंगे।

  • Ashmeet Kaur
    Ashmeet Kaur
    अगस्त 22, 2024 AT 07:50

    जोकोविच की ये जीत भारतीय खिलाड़ियों के लिए भी एक नई दिशा है। हम अक्सर ये सोचते हैं कि ये सब दूर की बात है, लेकिन वो भी तो एक छोटे शहर से आया था। उसने अपने आप को बदला। हमें भी बदलना होगा - न केवल खेल में, बल्कि अपनी सोच में। ये जीत उसकी है, लेकिन इसका फायदा हम सबका होना चाहिए।

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