पुणेरी पलतन और डैबांग दिल्ली के बीच प्रो कबड्डी लीग 12 का फाइनल, बैंगलौर और तेलुगु टाइटंस ने कमाई फाइनल की जगह

पुणेरी पलतन और डैबांग दिल्ली के बीच प्रो कबड्डी लीग 12 का फाइनल, बैंगलौर और तेलुगु टाइटंस ने कमाई फाइनल की जगह

24 नवंबर 2025 · 0 टिप्पणि

प्रो कबड्डी लीग के 12वें सीज़न का अंतिम पार दिल्ली के थ्यागराज इंडोर स्टेडियम में खेला गया, जहां पुणेरी पलतन और डैबांग दिल्ली के ने एक ऐतिहासिक फाइनल के लिए अपनी जगह बनाई। दोनों टीमें 18 मैचों के बाद 26 अंकों के साथ शीर्ष पर टाई रहीं, लेकिन पुणेरी पलतन का +88 का पॉइंट डिफरेंशियल उसे क्वालिफायर 1 का दर्जा दिलाने में सफल रहा, जबकि दिल्ली के पास सिर्फ +38 था। ये अंतर फाइनल में घरेलू फायदा और मनोबल के मामले में बड़ा असर डाल सकता है।

प्लेऑफ्स की रेस: कौन बना चौथा नंबर?

चौथे स्थान के लिए बहुत बड़ी लड़ाई थी। तेलुगु टाइटंस, हरियाणा स्टीलर्स और यू एम बुम्बा तीनों ने 10 जीत और 8 हार के साथ 20 अंक हासिल किए। लेकिन जीत का फैसला पॉइंट डिफरेंशियल ने किया — तेलुगु टाइटंस का +45, हरियाणा का +40 और यू एम बुम्बा का +8। ये अंतर एक ऐसा निर्णय था जिसने लाखों प्रशंसकों को हैरान कर दिया। जबकि यू एम बुम्बा की टीम ने बहुत सारे बड़े नामों को शामिल किया था, लेकिन उनका डिफेंस अस्थिर रहा।

प्लेइन मैच: जब नीचे की टीमें ऊपर चढ़ीं

पांचवें से आठवें स्थान वाली टीमों के बीच खेले गए प्लेइन मैचों में दो बड़े अप्रत्याशित परिणाम आए। हरियाणा स्टीलर्स ने जयपुर पिंक पैंथर्स को 27-30 से हराया, जबकि पटना पायरेट्स ने यू एम बुम्बा को 40-31 से धूल चटाई। ये दोनों जीत अंतिम फाइनल में शामिल होने के लिए अगले दौर के लिए बहुत जरूरी थीं। पटना के लिए ये फाइनल तक पहुंचना एक अजेय रास्ता था — वे पिछले दो सीज़न में भी फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन अब उनकी टीम बहुत नए खिलाड़ियों पर निर्भर थी।

फाइनल के लिए तैयारी: दिल्ली और पुणे की लड़ाई

29 अक्टूबर को हुए क्वालिफायर 2 मैच में पुणेरी पलतन ने अपनी जगह बरकरार रखी, जबकि डैबांग दिल्ली के ने अपने प्लेऑफ्स के रास्ते को बेहतर तरीके से बनाया। दोनों टीमों के बीच 12 अक्टूबर को खेले गए मैच में 38-38 की बराबरी हुई थी — एक ऐसा मैच जिसमें दोनों ओर से बड़े रेड्स और टैकल्स आए। अब फाइनल में दोनों टीमें अपनी रणनीति बदलेंगी। पुणेरी पलतन के कैप्टन अर्जुन देसाई के लिए ये फाइनल एक व्यक्तिगत जीत है — वे पिछले दो सीज़न में भी फाइनल में थे, लेकिन हार गए।

बैंगलौर और तेलुगु टाइटंस: शीर्ष चार की जीत

बैंगलौर और तेलुगु टाइटंस: शीर्ष चार की जीत

बैंगलौर बुल्स ने 22 अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया, जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। उनके रेडर अमित नागर ने सीज़न भर में 187 रेड पॉइंट्स बनाए — ये सीज़न का सबसे अधिक है। तेलुगु टाइटंस के लिए भी ये एक जीत थी — उन्होंने सीज़न के शुरुआती महीनों में बहुत खराब प्रदर्शन किया था, लेकिन अंतिम चार मैचों में उन्होंने लगातार जीत दर्ज की। उनके बैकलाइन खिलाड़ी विक्रम सिंह की टैकलिंग की क्षमता ने टीम को बचाया।

अंतिम दिनों के ऐतिहासिक मैच

सीज़न के अंतिम सप्ताह में कई मैच ऐतिहासिक रहे। 9 अक्टूबर को चेन्नई में बैंगलौर वॉरियर्स ने डैबांग दिल्ली के को 37-36 से हराया — एक ऐसा मैच जिसमें अंतिम 30 सेकंड में दोनों ओर से रेड्स लगे। फिर 15 अक्टूबर को दिल्ली में तेलुगु टाइटंस और बैंगलौर वॉरियर्स के बीच 45-45 की बराबरी हुई — ये प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में सबसे ज्यादा स्कोर वाला टाई मैच था।

महिला कबड्डी विश्व कप 2025: भारत की जीत का अहम संदेश

प्रो कबड्डी लीग के साथ ही महिला कबड्डी विश्व कप 2025 ढाका में आयोजित हुई। भारत ने फाइनल में चाइनीज ताइवान को 35-28 से हराकर ट्रॉफी जीती। भारत की टीम ने ग्रुप ए में चारों मैच जीते, जबकि चाइनीज ताइवान ने ग्रुप बी में पांच मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश किया। ये जीत भारतीय महिला कबड्डी के लिए एक नई शुरुआत है — अब युवा खिलाड़ियों को अधिक समर्थन और अवसर मिलने की उम्मीद है।

क्यों ये सीज़न अलग था?

क्यों ये सीज़न अलग था?

इस सीज़न में खेल का स्तर बहुत ऊंचा रहा। टीमों ने बहुत ज्यादा टैकलिंग पर फोकस किया, जिससे रेड्स की संख्या कम हुई। लेकिन जब रेड्स आए, तो वे बहुत ज्यादा बड़े थे। एक रेडर ने एक मैच में 14 पॉइंट्स बनाए — ये लीग के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। इसके अलावा, दर्शकों की संख्या भी बढ़ी — अंतिम दो मैचों में थ्यागराज स्टेडियम में 22,000 से अधिक लोग आए।

अगला क्या?

अगले सीज़न के लिए टीमों को अपनी रणनीति बदलनी होगी। पुणेरी पलतन और डैबांग दिल्ली के के बीच फाइनल के बाद दोनों टीमें अपने खिलाड़ियों को बरकरार रखने के लिए बहुत ज्यादा प्रयास करेंगी। इसके अलावा, लीग ने अगले सीज़न में दो नई टीमें शामिल करने की योजना बनाई है — एक ओडिशा और एक असम से। ये नई टीमें लीग को और भी विविध बना देंगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रो कबड्डी लीग में पॉइंट्स कैसे दिए जाते हैं?

प्रो कबड्डी लीग में जीत पर 2 अंक, हार पर 0 अंक दिए जाते हैं। टाई मैच होने पर दोनों टीमों को 1-1 अंक मिलते हैं। प्लेऑफ्स के लिए टीमों को पहले अंकों के आधार पर रैंक किया जाता है, और अगर अंक बराबर हों तो पॉइंट डिफरेंशियल (कुल रेड पॉइंट्स माइनस कुल टैकल पॉइंट्स) तय करता है कौन आगे रहता है।

पुणेरी पलतन और डैबांग दिल्ली के के बीच फाइनल क्यों इतना खास है?

ये दोनों टीमें पिछले तीन सीज़न में हर साल फाइनल में पहुंच चुकी हैं। इस बार दोनों के बीच 38-38 की बराबरी भी हुई थी, जिसने उनकी रणनीति और खिलाड़ियों की गहराई को दर्शाया। ये फाइनल लीग के इतिहास में दूसरी बार हो रहा है जहां दो टीमें लगातार तीन साल फाइनल में पहुंच रही हैं।

तेलुगु टाइटंस कैसे चौथे स्थान पर आए जबकि हरियाणा और यू एम बुम्बा भी 20 अंक थे?

सभी तीनों टीमों के 10 जीत और 8 हार थे, लेकिन तेलुगु टाइटंस का पॉइंट डिफरेंशियल +45 था, जबकि हरियाणा का +40 और यू एम बुम्बा का +8 था। इसलिए तेलुगु टाइटंस ने अपने बेहतर रेडिंग और टैकलिंग के आधार पर चौथा स्थान हासिल किया। यू एम बुम्बा की टीम ने कई मैचों में बहुत ज्यादा रेड पॉइंट्स बनाए, लेकिन उनका डिफेंस बहुत कमजोर रहा।

महिला कबड्डी विश्व कप 2025 में भारत ने कैसे जीत दर्ज की?

भारत ने ग्रुप ए में चारों मैच जीते और फाइनल में चाइनीज ताइवान को 35-28 से हराया। उनकी टीम के रेडर अनुष्का शर्मा ने फाइनल में 10 रेड पॉइंट्स बनाए, जबकि डिफेंस ने केवल 8 टैकल पॉइंट्स दिए। ये जीत भारतीय महिला कबड्डी के लिए एक नई पहचान बन गई है।

अगले सीज़न में दो नई टीमें क्यों शामिल हो रही हैं?

लीग ने ओडिशा और असम से दो नई टीमें शामिल करने का फैसला किया है ताकि कबड्डी की लोकप्रियता देश के पूर्वोत्तर और पूर्वी भागों तक फैल सके। ये टीमें नए खिलाड़ियों को अवसर देंगी और दर्शकों की संख्या भी बढ़ाएंगी। ओडिशा के खिलाड़ियों ने पिछले सीज़न में राष्ट्रीय स्तर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था।

क्या प्रो कबड्डी लीग अब ओलंपिक खेलों का हिस्सा बन सकती है?

हां, भारतीय ओलंपिक संघ ने कबड्डी को ओलंपिक खेलों में शामिल करने के लिए आधिकारिक आवेदन दिया है। लीग के बढ़ते लोकप्रियता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते खिलाड़ियों के कारण, 2032 के ओलंपिक्स के लिए इसकी संभावना बहुत अच्छी है। अगर यह हो जाता है, तो भारत इस खेल में स्वर्ण पदक का दावेदार बन जाएगा।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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