रविवार का रोमांचक रेस डे
रविवार को बार्सिलोना का सर्किट डे कैटालुन्या रेस प्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं था। स्पेनिश ग्रां प्री में इस बार कुछ ऐसा हुआ जो न केवल जॉर्ज रसेल के करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि मोटरस्पोर्ट की दुनिया में भी चर्चा का विषय बन गया।
शानदार शुरुआत और रोमांचक मोड
जॉर्ज रसेल ने चौथी पोजिशन से रेस का आरंभ किया, लेकिन उनकी दृढता और प्रतिस्पर्धी भावना ने उन्हें चंद सेकंडों में शीर्ष पर ला खड़ा किया। टर्न 1 पर उन्होंने न केवल अपने साथी ड्राइवर लुईस हेमिल्टन को पीछे छोड़ा, बल्कि मैक्स वेरस्टैपेन और लैंडो नॉरिस को भी शानदार तरीके से ओवरटेक किया। यह दृष्टि केवल प्रेरणादायक नहीं थी, बल्कि रसेल की अद्वितीय कुशलता का प्रमाण भी थी।
वेरस्टैपेन की सपाटार
यहां तक कि जब रसेल ने बढ़त बनाई, मैक्स वेरस्टैपेन ने अपनी उच्च गति और उत्कृष्ट पदर्शन से खुद को संभावित विजेता के रूप में स्थापित कर लिया। रेस की तीसरी लैप में वेरस्टैपेन ने रसेल को पीछे छोड़ते हुए पहली पोजिशन हासिल की। जहां एक तरफ रसेल के प्रशंसक थोड़े निराश हुए, वहीं वेरस्टैपेन की प्रतिष्ठा एक बार फिर मजबूत हो गई।
लुईस हेमिल्टन की स्थिति
रसेल की शुरुआती ओवरटेक देखने के बाद, लुईस हेमिल्टन चौथी पोजिशन पर ही बने रहे। हालांकि, उन्होंने हमेशा की तरह अपने वाहन की स्पीड और कुशलता को साबित करते हुए पीछे से आने वाले चार्ल्स लेक्लेर और कार्लोस सैंज़ से अपनी पोजिशन सुरक्षित रखी।
कैसे बदलती है रेस की दिशा
प्रत्येक रेस में, और विशेष रूप से इतने बड़े आयोजन में, कुछ भी संभव है। लेकिन जिस तरह से जॉर्ज रसेल ने शुरुआत की और उसके बाद वेरस्टैपेन ने अपनी बढ़त बनाई, वो दर्शाता है कि मोटरस्पोर्ट्स में सुपरस्टार बनने के लिए कुशलता और धैर्य दोनों का मिश्रण आवश्यक है।
रेस प्रशंसकों की प्रतिक्रियाएं
रेस के बाद, सोशल मीडिया पर जॉर्ज रसेल की प्रशंसा की बाढ़ आ गई। प्रशंसकों ने उनके साहस और उत्कृष्ट ड्राइविंग कौशल की सराहना की। वहीं, वेरस्टैपेन के समर्थकों ने उनकी अद्वितीय प्रतिभा को एक बार फिर स्वीकारा।
आगे की चुनौतियाँ
अब जबकि यह रेस समाप्त हो गई है, ड्राइवरों को आने वाले आयोजनों में और भी चुनौतियों का सामना करना है। जॉर्ज रसेल के लिए यह प्रदर्शन निश्चित रूप से प्रेरणादायक है, लेकिन भविष्य में उन्हें और भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा। वहीं मैक्स वेरस्टैपेन और लुईस हेमिल्टन जैसे ड्राइवरों के लिए भी यह एक सीख है कि रेस कभी भी किसी एक के लिए निश्चित नहीं होती।
निष्कर्ष
स्पेनिश ग्रां प्री का यह एपिसोड निश्चित रूप से लंबे समय तक याद रखा जाएगा। यह न केवल ड्राइवरों की कुशलता का परीक्षण था, बल्कि सभी प्रशंसकों के लिए एक अद्भुत अनुभव भी था। जॉर्ज रसेल और मैक्स वेरस्टैपेन के बीच की यह प्रतियोगिता आने वाले आयोजनों में और भी बढ़िया मुकाबलों को देखने की उम्मीद जगाती है।
जॉर्ज रसेल ने टर्न 1 में जो किया वो कोई चमत्कार नहीं था बल्कि तैयारी का नतीजा था। लुईस हेमिल्टन को ओवरटेक करना तो आम बात है लेकिन वेरस्टैपेन को भी शुरुआत में ही पीछे छोड़ना ये तो बहुत बड़ी बात है। रेस के बाद जो लोग उसे नहीं मान रहे वो सिर्फ बदलाव से डरते हैं।
हमारे देश में कोई भी ड्राइवर ऐसा कर पाता तो उसे राष्ट्रीय नायक बना दिया जाता। लेकिन ये बाहरी लड़का बस एक बार अच्छा ड्राइव कर लेता है और पूरी दुनिया उसके आगे झुक जाती है। ये दुनिया क्या है ये समझ नहीं आ रहा।
बहुत अच्छा प्रदर्शन रसेल ने किया। बस इतना ही।
इस रेस ने मुझे ये समझने में मदद की कि जीतना अक्सर एक तरह का अहंकार होता है। रसेल ने जो शुरुआत की वो उसकी आत्मा की आवाज थी। वेरस्टैपेन ने जो किया वो उसके नियमों का पालन था। दोनों अलग रास्ते अपनाते हैं लेकिन दोनों ही सच्चे हैं।
मैंने इस रेस को अपने बच्चों के साथ देखा। उन्होंने रसेल की शुरुआत देखकर चिल्लाकर बताया कि वो अब उनका फेवरेट ड्राइवर है। ये रेस न सिर्फ एक स्पोर्ट्स इवेंट थी बल्कि एक प्रेरणा भी थी।
वेरस्टैपेन की बढ़त तो देखकर लगा जैसे कोई अंतरिक्ष यान बन गया हो। लेकिन रसेल की शुरुआत तो दिल को छू गई। इस तरह के पलों के लिए ही तो मोटरस्पोर्ट दुनिया को इतना प्यारा लगता है।
रसेल के बारे में जो लोग इतना बड़ा बहाना बना रहे हैं वो अपने देश के ड्राइवरों के लिए भी अपनी भावनाओं को ठीक कर लें। एक बार अच्छा ड्राइव करने से कोई नायक नहीं बन जाता। ये सब बहुत जल्दबाजी है।
मैं इस रेस को तीन बार देख चुका हूं। पहली बार तो मैंने बस ओवरटेक्स देखे। दूसरी बार मैंने टायर वर्किंग को फोकस किया। तीसरी बार मैंने ड्राइवर की सांसों को निगलने की कोशिश की। रसेल के लिए टर्न 1 बस एक टर्न नहीं था वो एक अध्यात्मिक अनुभव था। वेरस्टैपेन की बढ़त भी तो एक शास्त्रीय गति का उदाहरण थी। ये दोनों ड्राइवर एक दूसरे के लिए एक दर्पण हैं। एक अस्थिरता का और एक स्थिरता का। यही तो खेल का असली मजा है।
रसेल ने जो किया वो तो बहुत अच्छा था लेकिन वेरस्टैपेन के बाद उसका दिल टूट गया होगा। मैं उसके लिए रो रही हूं।