स्वप्निल कुशाले: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में 50 मीटर राइफल 3 पोज़ीशंस फाइनल में पहुंचने वाले भारतीय शूटर

स्वप्निल कुशाले: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में 50 मीटर राइफल 3 पोज़ीशंस फाइनल में पहुंचने वाले भारतीय शूटर

31 जुलाई 2024 · 0 टिप्पणि

स्वप्निल कुशाले: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में नई उम्मीद

स्वप्निल कुशाले ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में 50 मीटर राइफल 3 पोज़ीशंस फाइनल के लिए क्वालिफाई कर इतिहास रच दिया। कुशाले ने चाटुरौ में आयोजित क्वालीफाइंग राउंड में 590 अंक प्राप्त करके सातवें स्थान पर रहते हुए केवल शीर्ष आठ स्थानों में अपनी जगह बनाई। उनकी इस उपलब्धि ने उनकी प्रतिभा और उनके कोच तथा पूरी टीम की मेहनत को दर्शाया है।

कुशाले के लिए यह मुकाम आसान नहीं था। उन्होंने घुटने वाली स्थिति में 198, प्रवण स्थिति में 197 और खड़ी स्थिति में 195 अंक प्राप्त किए, जिससे उनका कुल स्कोर 590 अंक हो गया। इस तरह उन्होंने न केवल फाइनल में अपनी जगह बनाई, बल्कि भारतीय शूटिंग के क्षेत्र में नया कीर्तिमान भी स्थापित किया।

महाराष्ट्र से पेरिस तक का सफर

स्वप्निल कुशाले का सफर बहुत ही प्रेरणादायक है। उनके पिता ने उन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित एक प्राइमरी स्पोर्टिंग प्रोग्राम में शामिल किया था। वहां से शुरू हुए उनके सफर ने उन्हें न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। कुशाले ने शूटिंग को अपना करियर चुना और इसके बाद वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडलिस्ट बने।

कुशाले की इस सफलता के पीछे उनके कोच तेजस्विनी सावंत का भी बड़ा योगदान है। कोल्हापुर में उन्होंने कठिन प्रशिक्षण किया और उनकी मेधा का सही मार्गदर्शन किया। तेजस्विनी सावंत की कुशल प्रशिक्षण ने कुशाले को वह सटीकता और आत्मविश्वास प्रदान किया, जो उन्हें अपने लक्ष्यों को पाने में मददगार साबित हुआ।

विश्व चैम्पियनशिप का अनुभव

कुशाले का ये सफर भी अद्वितीय रहा कि उन्होंने पहले ही ISSF राइफल/पिस्टल वर्ल्ड चैम्पियनशिप 2022 में भारत के लिए कोटा स्पॉट हासिल कर लिया था। वहां चारवें स्थान पर रहते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। काहिरा, मिस्र में आयोजित इस प्रतियोगिता में उन्होंने अपनी काबिलियत का प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने शुरुआती चरणों में बढ़त बनाए रखी और अंत तक मजबूत बने रहे।

हालांकि आखिरी शॉट में थोड़ी सी चूक हुई, लेकिन उनके कुल प्रदर्शन ने उन्हें शीर्ष क्वालीफाइंग स्थानों में शामिल किया और इस प्रकार उन्होंने पेरिस 2024 के लिए तीसरी भारतीय कोटा स्पॉट हासिल किया। यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है, विशेषकर सामग्री के साथ जुड़े उनके कोच, प्रशिक्षक और समर्थकों के लिए।

शूटिंग में भारत की प्रगति

स्वप्निल कुशाले की इस उपलब्धि ने पूरे भारत में शूटिंग के प्रति जागरूकता और उत्साह को बढ़ावा दिया है। प्रतियोगिता के स्तर और कठिनाई को देखते हुए कुशाले की यह सफलता आश्चर्यजनक नहीं, बल्कि बहु-परिश्रम और संयम का परिणाम है। भारतीय shooters की इस नई पीढ़ी ने विश्व पटल पर भारत की पहचान को मजबूत किया है और भविष्य में और भी बड़ी उम्मीदें जगाई हैं।

फाइनल में कुशाले के प्रदर्शन को देखने के लिए सभी भारतीय उत्साहित हैं। चूंकि यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, इसलिए देश की नजरें उन पर टिकी हुई हैं। कुशाले के लिए यह फाइनल एक परीक्षा होगी, जिसमें वे न केवल अपनी काबिलियत को प्रदर्शित करेंगे, बल्कि अपने देश का नाम भी रोशन करेंगे।

आगामी चुनौतियाँ और संभावनाएं

आगामी चुनौतियाँ और संभावनाएं

फाइनल में पहुंचकर कुशाले ने अपनी छवि को और भी उज्ज्वल किया है, लेकिन उनके सामने अभी भी कई बड़ी चुनौतियाँ बाकी हैं। दुनिया के शीर्ष shooters के खिलाफ मुकाबला करना आसान नहीं होगा, मगर उनकी मेहनत, प्रशिक्षण, और अनुभव उन्हें विजयी बनाने में सहायक होंगे।

अब देखने वाली बात यह होगी कि स्वप्निल कुशाले पेरिस ओलंपिक्स 2024 के फाइनल में कैसे प्रदर्शन करते हैं। यदि वह अपनी तैयारी और मानसिक मजबूती को बनाए रख पाते हैं, तो निश्चित रूप से वह भारत के लिए एक और गौरवमयी पल ला पाएंगे।

स्वप्निल कुशाले के लिए यह सिर्फ एक शुरुआत है। उनकी मेहनत और संकल्प उन्हें अभी और ऊँचाइयों तक पहुँचाएंगे। हम उनके भविष्य के सभी प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ देते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।

रोहित चतुर्वेदी

रोहित चतुर्वेदी

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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