गर्मियों में यात्रियों को मिलेगा राहत
हर साल जैसे ही गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू होती हैं, ट्रेन में टिकट मिलना सबसे बड़ी चुनौती बन जाता है। जोधपुर से गोरखपुर के बीच यात्रा करने वालों को अक्सर लंबी वेटिंग और कन्फर्म टिकट की किल्लत का सामना करना पड़ता है। यात्रियों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने इस सीजन में एक Jodhpur Gorakhpur स्पेशल ट्रेन चलाने का ऐलान किया है, जो लखनऊ जैसे अहम स्टेशन होते हुए जाएगी।
ट्रेन नंबर 04829 जोधपुर से गोरखपुर के लिए हर बृहस्पतिवार 12 जून, 19 जून और 26 जून को रवाना होगी। दूसरी ओर, गोरखपुर से जोधपुर के लिए ट्रेन नंबर 04830 हर शुक्रवार 13 जून, 20 जून और 27 जून को चलाई जाएगी। यानि दोनों दिशाओं में यात्रियों को कुल छह विशेष सेवाएं मिलने वाली हैं।
यात्रा का रूट और बड़े स्टेशन
यह स्पेशल ट्रेन जोधपुर से नागौर, डीडवाना, रतनगढ़, चूरू, सीकर, जयपुर, भरतपुर, मथुरा, लखनऊ चारबाग, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती होते हुए गोरखपुर जाएगी। खास बात यह है कि इस रूट पर गर्मियों में आमतौर पर कनेक्टिविटी कमजोर रहती है और नियमित ट्रेनों में टिकट बेहद मुश्किल से मिलता है। ऐसे में यह सर्विस दोनों राज्यों के लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है।
- राजस्थान के शहरों से पूर्वी उत्तर प्रदेश जाने वालों को सीट मिलना आसान होगा।
- लखनऊ जैसे बड़े जंक्शन से ट्रांसफर करने वाले यात्रियों के लिए सफर कम समय में पूरा हो पाएगा।
- भीड़भाड़ के बावजूद कन्फर्म टिकट की संभावना बढ़ेगी।
रेलवे प्रशासन ने साफ किया है कि भीड़ की स्थिति को देखते हुए आगे ऐसी और भी समर स्पेशल ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। साथ ही, हर ट्रिप में सुरक्षा और साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाएगा। टिकट बुकिंग सभी रेलवे स्टेशनों, ऑनलाइन और IRCTC के जरिए उपलब्ध रहेगी।
अब जोधपुर से गोरखपुर और लखनऊ के सफर की टेंशन काफी हद तक कम होने वाली है। इस पहल से पूर्वी यूपी के लोगों के साथ राजस्थान और मध्य भारत के यात्रियों को भी राहत मिलने की उम्मीद है।
ये ट्रेन बहुत अच्छी खबर है! मेरी बहन जोधपुर से गोरखपुर जाती है, हर साल टिकट के लिए रात भर जागना पड़ता है। अब तो आराम से बुक कर पाएंगे। रेलवे ने सही दिशा में कदम उठाया है।
लखनऊ होकर जाने का फैसला बहुत समझदारी से किया गया। वहां से ट्रांसफर करने वाले लोगों के लिए ये बड़ी राहत होगी। मैंने अपने दोस्त को लखनऊ से गोरखपुर जाते देखा था, उसे तीन घंटे बस स्टैंड पर इंतजार करना पड़ा।
अगर ये ट्रेन सिर्फ छह बार चलेगी तो फायदा क्या? जब तक रेलवे नियमित ट्रेनों की क्षमता बढ़ा नहीं देता, ये सिर्फ दिखावा है। और फिर भी, चूरू-सीकर वाले रूट पर कोई स्टॉप नहीं है? ये तो बेकार है।
इस ट्रेन का असली फायदा तो वो लोग उठा पाएंगे जिनके पास बुकिंग के लिए इंटरनेट या टिकट काउंटर तक पहुंच नहीं है। गांवों से आने वाले यात्री जो रेलवे के डिजिटल सिस्टम से अनजान हैं, उनके लिए ये ट्रेन जिंदगी बदल देगी। हम अक्सर उन लोगों को भूल जाते हैं जो टिकट बुक करने के लिए दो दिन यात्रा करते हैं।
ओह माय गॉड ये तो बहुत बढ़िया है मैं तो रो रही थी कि इस साल भी नहीं मिलेगा टिकट अब तो बस एक बार बुक करके देखना है!
फिर से एक स्पेशल ट्रेन। जब तक हम नियमित ट्रेनों में कोच बढ़ा नहीं देते, ये सब नाटक है। ये ट्रेन भी जल्दी ही भीड़ से भर जाएगी।
यह रूट वास्तव में एक गुंजाइश है। जोधपुर-गोरखपुर के बीच यात्रा करने वालों के लिए लखनऊ का जंक्शन बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक व्यावहारिक निर्णय है जिसमें भौगोलिक और आर्थिक दोनों पहलुओं को ध्यान में रखा गया है।
इस ट्रेन के पीछे कोई राजनीतिक लाभ नहीं है? राजस्थान और उत्तर प्रदेश दोनों में चुनाव हैं। ये सिर्फ वोट के लिए एक चाल है। रेलवे की बजट एलोकेशन में नियमित सेवाओं को नहीं बढ़ाया गया, बल्कि स्पेशल ट्रेनों के नाम पर दिखावा किया जा रहा है।
अच्छी खबर है। बस एक बात - साफ-सफाई का ख्याल रखा जाए तो बेहतर होगा। कुछ स्पेशल ट्रेनों में टॉयलेट बंद हो जाते हैं। वो नहीं होना चाहिए।
ये ट्रेन तो जिंदगी बचा लेगी! मेरे दादा गोरखपुर से जोधपुर जाते थे, उन्हें तीन दिन लग जाते थे टिकट लेने में। अब तो बस एक क्लिक। अच्छा लगा कि रेलवे ने गरीबों की सोच की।
इस ट्रेन को लेकर जो लोग खुश हैं, वो बिल्कुल अनभिज्ञ हैं। रेलवे ने अभी तक लोगों को टिकट बुक करने के लिए अपना एप भी नहीं सुधारा। ये सब बस बाहरी दिखावा है। अगर असली इरादा होता तो तीन दिन में नहीं, तो तीन साल में भी ये ट्रेन नहीं चलाते।
लखनऊ के बाद बाराबंकी और गोंडा के स्टॉप्स बहुत अच्छे रहे। ये वो जगहें हैं जहां लोग आमतौर पर ट्रेन छोड़ देते हैं। ये निर्णय न केवल व्यावहारिक है, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी सही है।
अगर ये ट्रेन लगातार चलती रहे तो बहुत अच्छा होगा। अभी तो सिर्फ तीन बार चलेगी, लेकिन अगर इसकी भीड़ देखकर रेलवे इसे हफ्ते में दो बार कर दे तो जान ही बच जाएगी।
मैंने अपनी बहन के लिए ऑनलाइन बुक किया है। टिकट बहुत आसानी से मिल गया। लखनऊ में बदलाव का रूट बहुत अच्छा है। अब मैं चाहता हूं कि ये ट्रेन बाद में दिल्ली तक जाए।
बहुत अच्छा हुआ अब लोग नहीं परेशान होंगे टिकट के लिए रेलवे के लोगों को बधाई
स्पेशल ट्रेन? ये तो एक ट्रेन के नाम पर बाजारी अनुदान का दिखावा है। अगर आपको यात्रियों की सेवा करनी है तो नियमित ट्रेनों के बोगी बढ़ाएं। ये ट्रेन तो बस एक ब्रांडिंग गेम है।
ये ट्रेन सिर्फ एक ट्रेन नहीं, ये एक संदेश है - कि रेलवे अब छोटे शहरों और गांवों की आवाज सुन रहा है। जोधपुर से गोरखपुर तक के लोगों को ये ट्रेन याद रखेंगे। ये तो इतिहास बन रहा है।
इस ट्रेन का असली फायदा तो उन लोगों को होगा जो दिन भर टिकट बुक करने के लिए ट्रेन स्टेशन पर खड़े रहते हैं। डिजिटल दुनिया में भी अभी तक लाखों लोग ऑफलाइन हैं। ये ट्रेन उनके लिए एक अवसर है।
अब तो लखनऊ वाले भी बड़े हो गए हैं इस ट्रेन के लिए जोधपुर से गोरखपुर तक की ट्रेन में लखनऊ होकर जाना जरूरी है क्या बात है ये ट्रेन तो बस एक बाहरी दिखावा है जो लोग इसे अच्छा मान रहे हैं वो बिल्कुल अनभिज्ञ हैं
अगर ये ट्रेन अच्छी तरह से चलती है तो रेलवे को इसे हफ्ते में दो बार करना चाहिए। ये सिर्फ छह बार चलने से लोगों की जरूरत नहीं भर पाएगी। अगर ये एक नियमित सेवा बन जाए तो ये असली बदलाव होगा।