आर्म्स एक्ट – पूरा गाइड

अगर आप सोच रहे हैं कि भारत में हथियार रखना कितना आसान या मुश्किल है, तो आर्म्स एक्ट वही नियम है जो सबको बताता है कि क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। इस पोस्ट में हम एक्ट के मुख्य बिंदुओं, लाइसेंस कैसे मिलता है, और हाल की अपडेट्स को आसान शब्दों में समझेंगे।

आर्म्स एक्ट के मुख्य प्रावधान

आर्म्स एक्ट, 1959 (पहले इसे गैन गन एक्ट कहा जाता था) ने भारत में सभी आग्नेयास्त्रों को नियंत्रित करने का पहला बड़ा कदम उठाया। इसका मुख्य उद्देश्य था कि हथियारों का उपयोग केवल योग्य लोगों तक सीमित रहे और धोखाधड़ी या अपराध में उनका दुरुपयोग न हो। प्रमुख प्रावधान हैं:

  • लाइसेंस अनिवार्य: किसी भी बंदूक, राइफल या पिस्तौल को रखने या चलाने के लिए लाइसेंस चाहिए। बिना लाइसेंस के रखने पर कड़ी सज़ा तय है।
  • क्लासिफिकेशन: हथियारों को दो वर्गों में बांटा गया – ‘आयरन’ (सैनिक/पुलिस) और ‘सिविल’ (सामान्य नागरिक)। सिविल उपयोग के लिए सिर्फ कुछ शॉर्ट-बारेल्ड पिस्तौल और एयर गन ही मंजूरी पाते हैं।
  • वर्षिक नवीनीकरण: लाइसेंस हर पाँच साल में रिन्यू करना पड़ता है, जबकि उपयोग की जरूरत और पृष्ठभूमि जांच फिर से की जाती है।
  • दंड: बिना लाइसेंस के हथियार रखने पर जुर्माना, जेल, या दोनों हो सकते हैं। अगर बंदूक का इस्तेमाल अपराध में किया गया तो सजा और भी कड़ी होती है।

इन नियमों के अलावा, 2019 में सरकार ने ‘आर्म्स एक्ट (संशोधन) नियम, 2019’ लाया, जिससे लाइसेंस की प्रक्रिया डिजिटल हो गई और कई कागज‑वर्क घट गया। अब ऑनलाइन आवेदन करना संभव है, जिससे समय बचता है।

हथियार लाइसेंस कैसे प्राप्त करें?

लाइसेंस पाने की प्रक्रिया थोड़ा लंबी है, पर अगर आप सभी कदम सही तरह से उठाएँ तो समस्या नहीं होगी। नीचे आसान स्टेप‑बाय‑स्टेप गाइड है:

  1. आवेदन फॉर्म भरें: राज्य या केंद्र सरकार की वेबसाइट पर ‘आर्म्स लाइसेंस’ फॉर्म डाउनलोड करके भरें। फोटो, पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण और पैन कार्ड की कॉपी तैयार रखें।
  2. पृष्ठभूमि जांच: पुलिस आपके आपराधिक रिकॉर्ड, मानसिक स्वास्थ्य और संभावित हिंसात्मक प्रवृत्तियों की जाँच करेगी। इस चरण में कोई गंभीर अधीनस्थता नहीं होनी चाहिए।
  3. आवश्यक दस्तावेज जमा करें: आवेदन फॉर्म के साथ पासपोर्ट साइज फोटो, आईडी, एड्रेस प्रूफ़, तथा आय प्रमाण (यदि आवश्यक हो) जमा करें।
  4. इंटरव्यू/साक्षात्कार: कुछ राज्यों में छोटे साक्षात्कार होते हैं, जहां आपके हथियार रखने के कारण (खेल, शस्त्र संग्रह, सुरक्षा) पूछे जाते हैं। आप अपने उद्देश्य को स्पष्ट और ईमानदारी से बताएं।
  5. अंतिम निर्णय: पुलिस या जिला लेवल की कमिश्नऱ तय करेंगे कि लाइसेंस जारी हो या नहीं। अगर मंज़ूर हो गया, तो लाइसेंस पर हस्ताक्षर करके प्राप्त करें।

ध्यान रखें, लाइसेंस मिलने के बाद भी हथियार को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी रहती है। हथियार को अनलॉकेड या बच्चों की पहुंच में नहीं रखना चाहिए। वार्षिक रिन्यूअल में फिर से पृष्ठभूमि जांच और उपयोग का रिकॉर्ड देना पड़ता है।

हाल के वर्षों में कई मामलों में कोर्ट ने आर्म्स एक्ट को सख्त करने की बात कही है, जैसे 2022 में हाई कोर्ट ने अवैध बंदूक धारी को 10 साल की सज़ा सुनाई। इसलिए अगर आप लाइसेंस ले रहे हैं तो नियमों को पूरी तरह समझें और उनका पालन करें।

समाप्ति में, अगर आप सिर्फ शौकिया शूटर हैं, तो एयरोबॉल्ट या एयर गन जैसी कम पावर वाली वैध विकल्प चुनें। ये कम नियमों के साथ आते हैं और सुरक्षा भी आसान रहती है। लम्बी प्रक्रिया से डरें नहीं—सही दस्तावेज़ और ईमानदार उद्देश्यों से आप आसानी से आर्म्स एक्ट के तहत लाइसेंस पा सकते हैं।

पुजा खेदकर की मां पर किसानों को बंदूक दिखाने का केस: सवालों के घेरे में जांच

13 जुलाई 2024 · 0 टिप्पणि

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