रिलायंस जियो आईपीओ – सब्सक्राइब करने की पूरी गाइड

अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं या बड़े अवसर की तलाश में हैं, तो रिलायंस जियो का आईपीओ देखना ज़रूरी है। भारत की सबसे बड़ी डिजिटल कंपनी का स्टॉक मार्केट में आया तो निवेशकों के लिए क्या मतलब है, चलिए विस्तार से समझते हैं।

जियो आईपीओ का फॉर्मेट और सब्सक्रिप्शन विकल्प

जियो ने दो अलग‑अलग बिडिंग विंडो रखी – बिजनेस क्लास (₹2,000‑₹3,000) और रिटेल क्लास (₹500‑₹2,000)। बिजनेस क्लास में बड़ी राशि वाले निवेशकों को कम प्राइस पर शेयर मिलने की सम्भावना होती है, जबकि रिटेल क्लास में छोटे निवेशकों के लिये अधिक लिक्विडिटी दी गई। सब्सक्रिप्शन का तरीका ऑनलाइन ब्रोकर या मोबाइल ऐप (जैसे Zerodha, Upstox, Angel One) से किया जाता है।

सबसे पहले आप ब्रोकर की वेबसाइट या ऐप पर ‘IPOs’ सेक्शन खोलें, जियो का कोड ‘JIOIP’ सर्च करें, और अपना बिड डालें। बिड करने से पहले अपना बैंक अकाउंट लिंक कर लें, क्योंकि एटीएम डेबिट या नेट बँकिंग से फंड ट्रांसफर होना ज़रूरी है। बिडिंग क्लोज़ होने के बाद आपको ई‑मेल या ऐप नोटिफ़िकेशन के ज़रिये रिज़ल्ट मिलेगा।

लिस्टिंग पर क्या असर पड़ेगा और निवेशकों को क्या देखना चाहिए

जियो का शेयर 27 या 28 जुलाई को बिम्बी पर लिस्ट हो सकता है। लिस्टिंग के पहले दिन आम तौर पर शेयर की वैल्यू में उतार‑चढ़ाव दिखता है, क्योंकि ट्रेडर्स फर्स्ट‑बिड को टेस्ट करते हैं। यदि बड़ी मात्रा में बिडर्स जियो को लेन‑देन में लाते हैं तो शेयर की कीमत पेड़ पर तुरंत ऊपर जा सकती है।

निवेशकों को ध्यान देना चाहिए:

  • जियो की व्यावसायिक मॉडल – डिजिटल सेवाओं, 4G/5G कवरेज, फाइबर नेटवर्क।
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज की मौजूदा वित्तीय स्थिति और कर्ज‑स्तर।
  • सक्षम ब्रोकर की रिसर्च रिपोर्ट और टारगेट प्राइस।
  • लिस्टिंग के बाद मार्केट में शेयर की लिक्विडिटी – ट्रेंडिंग शेयरों में अक्सर अधिक वॉल्यूम रहता है।

भविष्य में जियो को मिलियन‑डॉलर के डिजिटल एग्रीगेटर बनना है, इसलिए दीर्घकालिक निवेशक इसे ‘बिल्ड‑इट‑एंड‑हॉолд’ के तौर पर देख सकते हैं। छोटी‑छोटी रिटर्न के लिए ट्रेडिंग के समय पर एंट्री‑एक्ज़िट के साथ रिवॉल्यूशनल स्टाइल भी अपनाया जा सकता है।

एक और बात जो अक्सर छूट जाती है – टैक्स इम्पैक्ट। अगर आप शेयर बेचते हैं तो कैपिटल गैन्स टैक्स लगता है। लोडिंग‑ऑफ़‑टाइम (रिकॉर्ड‑होल्डिंग‑पीरियड) कम से कम एक साल का रखें, तो टैक्स रेट 10% के भीतर रहेगा, जो अल्प‑कालिक 15% से कम है।

अंत में, निवेश करने से पहले हमेशा अपने पोर्टफ़ोलियो की डाइवर्सिफ़िकेशन पर विचार करें। जियो का IPO एक बड़ा मौका है, लेकिन सभी इक्विटी में रिस्क भी होता है। यदि आप अपना रिस्क मैनेजमेंट कर रहे हैं, तो जियो को अपने एसेट क्लास में शामिल कर सकते हैं।

तो अब देर न करें, ब्रोकर पर लॉग इन करें, बिड डालें और जियो के लिस्टिंग के साथ अपने निवेश सफ़र की शुरुआत करें। शुभ ट्रेडिंग!

2025 में भारतीय शेयर बाजार में रिलायंस जियो का IPO: भारतीय निवेशकों के लिए बड़ा मौका

6 नवंबर 2024 · 0 टिप्पणि

2025 में भारतीय शेयर बाजार में रिलायंस जियो का IPO: भारतीय निवेशकों के लिए बड़ा मौका

रिलायंस जियो का आईपीओ 2025 में भारतीय शेयर बाजार में आने की संभावना है। कंपनी ने इसको लेकर तैयारियाँ शुरू कर दी हैं, और बैंकों को इससे संबंधित कार्यों में लगा दिया गया है। यह आईपीओ भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है और निवेशकों के लिए बड़ा अवसर साबित हो सकता है।

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