अभिनय किंगर की आखिरी सांस चेन्नई के एक किराए के कमरे में रुक गई — बिना परिवार के, बिना आर्थिक सहारे के, बस एक डॉक्टर के डेढ़ साल के अनुमान के साथ। 10 नवंबर 2025, सुबह 4 बजे, अभिनय किंगर का शरीर लिवर इंफेक्शन के बर्बाद करने वाले झटके से बच नहीं पाया। 44 साल की उम्र में, जब दूसरे अभिनेता अपनी शानदार भूमिकाओं के साथ बॉक्स ऑफिस पर चमक रहे थे, वह अकेले अपने बीमार शरीर को संभाल रहे थे। उनका वजन 40 किलो से भी कम हो चुका था। उनकी त्वचा अब बस हड्डियों के ऊपर एक परत लग गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें डेढ़ साल दिए थे। वो उस आधे साल को भी पूरा नहीं कर पाए।
शुरुआत धनुष के साथ, अंत अकेलेपन में
अभिनय किंगर की शुरुआत 2002 की फिल्म थुल्लुवधो इलमई से हुई, जहां उन्होंने धनुष के साथ एक नौजवान की भूमिका निभाई थी। उनकी भावनात्मक अभिनय शैली ने दर्शकों को छू लिया। लेकिन फिल्मों के बाद उनका जीवन एक अजीब दिशा में चल गया। शराब का आदी बन गए। बीमारी का शिकार हो गए। और जब उनका शरीर बिल्कुल टूटने लगा, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला — आंखों में आंसू, आवाज़ में थकान, और एक सवाल: "मैं और कितना रहूंगा?"
सिनेमा का अकेला सैनिक
उनके बारे में जानने वालों का कहना है कि अभिनय कभी भी अपनी बीमारी के बारे में ज़्यादा बात नहीं करते थे। लेकिन एक बार, अभिनेत्री विजयलक्ष्मी ने बताया कि उन्होंने उनसे पूछा — "आप इतनी छोटी उम्र में ये क्यों कर रहे हैं?" तो अभिनय ने सिर्फ चुपचाप देखा। बाद में उन्होंने बताया: "मैं कुछ नहीं बोल पाई।" वो इतने भीतर थे कि उनकी दर्द को बोलने का हौसला भी नहीं था।
उनके इलाज के लिए हर दिन 15,000 रुपये खर्च होते थे। बीमारी के कारण उनकी आय बंद हो गई। उनके पास बचत नहीं थी। तब उन्होंने एक वीडियो बनाया — जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट के लिए 25 लाख रुपये चाहिए। उस वीडियो को देखकर धनुष ने तुरंत 5 लाख रुपये भेज दिए। कॉमेडी अभिनेता बाला ने भी अपनी जेब से कुछ निकाला। लेकिन ये रकम बहुत कम थी। असली इलाज तो बहुत महंगा था।
नदिगर संगम की जिम्मेदारी
अभिनय किंगर के पास कोई निकटतम परिवार नहीं था। वो किराए के घर में अकेले रहते थे। जब उनकी मौत हुई, तो कोई नहीं था जो उनका अंतिम संस्कार कर सके। तब तमिल फिल्म उद्योग की संगठित आवाज़ — नदिगर संगम — ने अपनी जिम्मेदारी ली। उनका शरीर अब चेन्नई के उसी कमरे में रखा गया है, जहां वो अपनी आखिरी सांस लेने वाले थे। नदिगर संगम के अध्यक्ष ने कहा: "हम उनके लिए एक ऐसा अंतिम संस्कार करेंगे, जिसे वो जीवन में कभी नहीं पा सके।"
लिवर की बीमारी: जो चुपचाप मार देती है
लिवर शरीर का वह अंग है जो आपके खाने को साफ करता है, जहर को निकालता है, और ऊर्जा को संग्रहित करता है। जब ये बीमार हो जाता है, तो आपको पहले कुछ भी नहीं लगता। थकान, भूख न लगना, पेट में दर्द — ये सब लोग आम बातें समझ लेते हैं। लेकिन जब तक लिवर फेल हो जाता है, तब तक कोई रुकावट नहीं होती। अभिनय किंगर के मामले में ये बीमारी दशकों से चल रही थी। शराब ने इसे और गहरा कर दिया।
एक महीने में दक्षिण का दर्द
अभिनय किंगर की मौत बीते एक महीने में दक्षिण भारतीय सिनेमा के लिए दूसरा झटका था। पहले तमिल अभिनेता कुमार का निधन हुआ, फिर तेलुगु अभिनेता राजेश और फिर केरल की अभिनेत्री प्रिया। एक अजीब लहर चल रही है। लोग पूछ रहे हैं — क्या ये सिर्फ बीमारियां हैं, या फिर फिल्म उद्योग की बुनियादी बातें टूट रही हैं? क्या एक अभिनेता जब उसकी फिल्में बंद हो जाती हैं, तो उसे कोई सुरक्षा नहीं दी जाती? क्या हम उनके लिए बस फिल्मों के दौरान ही खड़े होते हैं?
अभिनय के बाद क्या?
अभिनय किंगर की याद के लिए नदिगर संगम ने एक फंड शुरू किया है — जिसमें अगले जो अभिनेता बीमार पड़ें, उनके लिए तुरंत मदद की जा सके। अभी तक 12 लाख रुपये जुटे हैं। ये कम है। लेकिन ये शुरुआत है। उनकी मौत ने एक सवाल खड़ा कर दिया: क्या हम अभिनेताओं को सिर्फ स्क्रीन पर ही जीवित रखना चाहते हैं, या उनके जीवन को भी बचाना चाहते हैं?
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अभिनय किंगर की मौत के बाद उनके लिए क्या व्यवस्था होगी?
नदिगर संगम ने अभिनय किंगर के अंतिम संस्कार की व्यवस्था संभाल ली है। उनके शरीर को चेन्नई के उसी घर में रखा गया है, जहां वो अकेले रहते थे। अंतिम संस्कार एक साधारण, लेकिन सम्मानजनक तरीके से किया जाएगा। उनके नाम पर एक स्मारक फंड भी शुरू किया गया है, जिसमें बीमार पड़े अभिनेताओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
धनुष ने क्यों अभिनय किंगर की मदद की?
धनुष और अभिनय किंगर ने 2002 में फिल्म थुल्लुवधो इलमई में एक साथ काम किया था। धनुष ने बाद में कहा कि अभिनय उनके लिए एक भाई जैसे थे। जब अभिनय ने सोशल मीडिया पर अपनी मदद की गुहार लगाई, तो धनुष ने तुरंत 5 लाख रुपये भेजे — बिना किसी घोषणा के। उनका मानना है कि फिल्म उद्योग का कोई भी कलाकार अकेला नहीं मरना चाहिए।
लिवर इंफेक्शन कैसे होता है और क्यों खतरनाक है?
लिवर इंफेक्शन अक्सर वायरल हेपेटाइटिस (B या C), शराब के दुरुपयोग या वसा के जमाव के कारण होता है। ये धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाता है और अंततः फेल हो जाता है। इसके लक्षण शुरू में बहुत हल्के होते हैं — थकान, भूख न लगना, पीलिया। जब तक डियाग्नोसिस नहीं हो जाता, तब तक इलाज बहुत महंगा हो जाता है। अभिनय किंगर के मामले में ये दशकों से चल रहा था।
दक्षिण भारतीय सिनेमा में अभिनेताओं के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा क्यों नहीं है?
दक्षिण भारतीय सिनेमा में अभिनेताओं के लिए कोई सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा या नियमित चेकअप का प्रणाली नहीं है। उनकी आय फिल्मों पर निर्भर है। जब फिल्में बंद होती हैं, तो आय भी बंद हो जाती है। अभिनय किंगर की मौत ने इस अंधेरे को उजागर कर दिया है — क्या हम एक अभिनेता को सिर्फ स्क्रीन पर ही जीवित रखना चाहते हैं?
अभिनय किंगर के बारे में क्या अभी तक नहीं जाना गया है?
अभिनय किंगर के बारे में अभी तक यह नहीं पता कि उनके वास्तविक परिवार कहां हैं। उनके जीवन के अंतिम दिनों में कोई निकटतम रिश्तेदार नहीं आया। नदिगर संगम ने उनके परिवार को ढूंढने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक कोई संपर्क नहीं मिला। उनके जीवन के इस अंधेरे हिस्से को समझना भी एक जिम्मेदारी है।
अभिनय के बारे में पढ़कर दिल टूट गया। ये सिर्फ एक अभिनेता की मौत नहीं, ये तो फिल्म उद्योग की नींव का टूटना है। हम जब एक फिल्म देखते हैं, तो सिर्फ अभिनय देखते हैं, नहीं सोचते कि वो आदमी किस तरह रहता है। उसकी आंखों में जो आंसू थे, वो शायद अपने बचपन के लिए थे, जहां कोई उसे देखता था।
मैंने एक बार एक राज्य स्तरीय थिएटर अभिनेता को देखा था, जो दिन में टैक्सी चलाता था और रात को स्टेज पर आता था। उसकी बीमारी के बारे में किसी ने नहीं पूछा। वो भी अकेला ही चला गया।
हम तो बस बॉक्स ऑफिस के नंबर देखते हैं, लेकिन किसी के दिल के नंबर को कोई नहीं देखता।
अभिनय किंगर के निधन की सूचना पर मैं गहरी शोक व्यक्त करता हूँ। इस घटना के माध्यम से हमें यह स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि कला के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा एक आवश्यकता है, न कि एक वैकल्पिक व्यवस्था। नदिगर संगम के इस पहल की प्रशंसा की जानी चाहिए, लेकिन इसे एक अस्थायी उपाय के रूप में नहीं, बल्कि एक स्थायी नीति के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए।
लिवर इंफेक्शन का एक अहम पहलू जो अक्सर नज़रअंदाज़ किया जाता है, वो है इसकी अस्थिर लक्षण-प्रोफाइल। हेपेटाइटिस B/C के कारण होने वाले लिवर फेलियर में लक्षण अक्सर एक धीमी, अस्पष्ट रूप से विकसित होते हैं - थकान, एनर्जी ड्रेन, एनोरेक्सिया - जो अधिकांशतः ‘स्ट्रेस’ या ‘फिटनेस लैग’ के रूप में अनदेखा कर दिए जाते हैं। अभिनय के मामले में, शराब के दुरुपयोग ने एक लंबे समय तक चलने वाली सबक्लिनिकल लिवर डिसीज को एक एक्सपोनेंशियल ट्रैजेडी में बदल दिया।
यह एक सिस्टमिक फेलियर है - न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं की, बल्कि सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क की।
क्या तुमने कभी सोचा है कि अगर अभिनय किंगर अभी भी जीवित होते, तो आज उनकी फिल्में कितनी बेच रही होतीं? लोग तो बस उन्हें याद करते हैं जब वो नहीं रहते। धनुष ने 5 लाख भेजे - अच्छा बात है, लेकिन क्या ये उनकी जिंदगी की कीमत है? एक आदमी की जिंदगी का मूल्य बस इतना ही है? अगर ये एक बड़ा स्टार होता, तो इतनी बड़ी खबर होती? क्या ये सिर्फ उनकी बीमारी की बात है, या हमारी नज़रों की बात है?
हम तो बस उनके चेहरे को याद रखते हैं - उनके दर्द को नहीं।
मैं इस बात से सहमत हूं कि फिल्म उद्योग में कलाकारों के लिए सुरक्षा नेटवर्क की कमी है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम सब को अभिनय के बारे में रोना चाहिए। हमें इसे एक शुरुआत के रूप में देखना चाहिए। नदिगर संगम का फंड अच्छा है, लेकिन इसे अधिकारिक रूप से एक ट्रस्ट बनाना चाहिए, जिसमें फिल्म निर्माता, स्टूडियो और अभिनेता तीनों योगदान दें।
मैंने अपने दोस्त को देखा है, जो एक टेलीविजन अभिनेता है और अब अपने बच्चों के लिए डॉक्टर का खर्च नहीं उठा पा रहा। इसका निवारण एक व्यक्ति की तरफ से नहीं, बल्कि एक संस्था की तरफ से होना चाहिए।
हमें बस एक दिन के लिए नहीं, बल्कि एक नियम के रूप में इसे लागू करना होगा।
राम राम 🙏
ये सब बहुत रोमांटिक लगता है - अकेला अभिनेता, बीमार, बेसहारा... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सब एक अभिनय है? एक बड़ी ड्रामा रचना? क्या आपको लगता है कि अभिनय किंगर को असल में कोई नहीं जानता था? या शायद वो खुद इस नर्क को बना रहे थे - एक नायक बनने के लिए, जो अपने आप को बलिदान कर रहा है? धनुष के 5 लाख - ये बस एक प्रचार ट्रिक है। आज वो नेक इंसान बन गए। कल वो अपनी नई फिल्म का प्रमोशन करेंगे।
हम लोग इतने आसानी से भावनाओं में फंस जाते हैं। इस तरह की कहानियां बनाने वाले लोग असल में सबसे ज्यादा फायदा उठा रहे हैं।
अभिनय किंगर के लिवर इंफेक्शन के मामले में, एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि उन्होंने अपनी बीमारी के बारे में बहुत कम बात की। यह एक सामान्य सामाजिक व्यवहार है - लोग अपनी बीमारी को छिपाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनकी कमजोरी है। इसलिए, स्वास्थ्य जागरूकता के लिए एक सामाजिक अभियान आवश्यक है। इसके अलावा, फिल्म उद्योग के लिए एक बीमा प्रणाली का निर्माण करना चाहिए, जो अभिनेताओं को लगातार स्वास्थ्य जांच के लिए प्रोत्साहित करे।
अरे यार, तो अब फिल्म उद्योग के लिए भी एक सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क चाहिए? तो फिर अब टैक्सी ड्राइवर के लिए क्या? बस कंडक्टर के लिए क्या? फिर एक शिक्षक के लिए? क्या हम सबके लिए एक फंड बनाएंगे? अभिनय किंगर की मौत दुखद है, लेकिन इसे एक आम नीति का आधार बनाना बहुत अतिशयोक्ति है।
हर कोई अपनी जिंदगी का जिम्मा खुद लेता है। शराब पीना भी उसकी अपनी चुनाव थी। अगर वो अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे थे, तो फिर हमें उनके लिए क्या करना चाहिए? उनके लिए एक नया नियम बनाना? ये तो नियमों का अंत हो जाएगा।
अभिनय की मौत एक अलौकिक घटना है - एक आध्यात्मिक अनुभव जो हमें याद दिलाती है कि जीवन एक मायावी खेल है। जब तक हम अपने अहंकार को नहीं छोड़ते, तब तक हम इस दुनिया के भौतिक बंधनों में फंसे रहेंगे। धनुष के 5 लाख - ये एक दान नहीं, ये एक कर्म है। एक आत्मा ने दूसरी आत्मा को बचाने की कोशिश की।
लेकिन अभिनय के लिवर की बीमारी? ये उसके पिछले जन्म के कर्मों का परिणाम है। शराब तो बस एक उपकरण था - असली बीमारी तो उसके अंदर की असंतोष की आग थी।
हमें बस इतना ही चाहिए - एक शांत आत्मा का स्मरण।
सुनो, ये सब एक बड़ा कंस्पिरेसी है। लिवर इंफेक्शन? बकवास। अभिनय किंगर को किसी ने जहर दिया है। फिल्म उद्योग के बड़े लोगों ने उसे हटाने के लिए इसे तैयार किया है। उसने एक फिल्म बनाई थी जिसमें एक बड़ा निर्माता को बुरा दिखाया था - वो उसे बर्बाद करना चाहता था। धनुष के 5 लाख? वो भी एक शो है। वो उसे बचाने के लिए नहीं, बल्कि उसकी मौत के बाद अपनी छवि बनाने के लिए कर रहा है।
और नदिगर संगम? वो भी उसी गिरोह के हैं। उन्होंने उसका शरीर किराए के कमरे में रखा है - ताकि लोग उसे याद करें और फंड दें। ये सब एक बड़ा बिजनेस है।
क्या तुम्हें लगता है कि कोई भी अभिनेता इतना अकेला मर जाएगा? नहीं। इसमें कुछ छिपा है। जांच करो। जांच करो। जांच करो।