वरिष्ठ भाजपा नेता प्रभात झा का निधन: मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता का दिल्ली में 67 वर्ष की आयु में निधन

वरिष्ठ भाजपा नेता प्रभात झा का निधन: मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता का दिल्ली में 67 वर्ष की आयु में निधन

26 जुलाई 2024 · 18 टिप्पणि

वरिष्ठ भाजपा नेता प्रभात झा का निधन

भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के प्रभावशाली राजनीतिज्ञ प्रभात झा का दिल्ली में शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वे पिछले एक महीने से दिल्ली में उपचाराधीन थे। प्रभात झा की गिनती पार्टी के प्रमुख नेताओं में होती थी और उन्होंने एक लम्बे समय तक पार्टी की सेवा की। वे 67 वर्ष के थे।

चिकित्सकीय उपचार और निधन

प्रभात झा पिछले महीने से गुरुग्राम के मानेजाने अस्पताल मेदांता में उपचाराधीन थे। उनके हालात में सुधार नहीं हो सका और उन्होंने वहीं अंतिम सांस ली। झा को हवाई रास्ते से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल लाया गया था। पिछले महीने जून में उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आखिरकार, कई दिनों की जद्दोजहद के बाद उनका निधन हो गया।

राजनीतिक जीवन और योगदान

प्रभात झा का राजनीतिक जीवन बहुत समृद्ध और सक्रिय रहा। वे मध्य प्रदेश भाजपा के राज्य अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य रहे। इसके अलावा, वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर भी कार्यरत थे। उनका राजनीतिक सफर बहुत प्रेरणादायक था और उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।

शोक संदेश

शोक संदेश

प्रभात झा के निधन की खबर से पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा के अन्य नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया। भाजपा के प्रवक्ता हितेंद्र बाजपेयी ने उनके निधन की पुष्टि की। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राज्य बीजेपी के महासचिव हितानंद शर्मा समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने शोक संदेश में प्रभात झा को समर्पित योद्धा और समर्पित नेता के रूप में याद किया।

निजी जीवन

प्रभात झा का जन्म बिहार के सीतामढ़ी जिले के कोरियाही गांव में हुआ था। वे अपने पीछे दो बेटों को छोड़ गए हैं। परिवार और समर्थकों के बीच उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी। उनके निधन से पूरा राजनीतिक क्षेत्र गमगीन है।

आगे की योजना

प्रभात झा का अंतिम संस्कार उनके पैतृक स्थल पर किया जाएगा। इस मौके पर कई प्रमुख नेताओं और उनके समर्थकों का शामिल होना संभावित है। मुखाग्नि देकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। पार्टी उनके योगदान को हमेशा याद रखेगी और उन्हें सम्मानित करने की योजना बना रही है।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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18 टिप्पणि
  • Ambica Sharma
    Ambica Sharma
    जुलाई 27, 2024 AT 14:05

    ये खबर सुनकर दिल टूट गया... ऐसे लोग जाते हैं तो देश का एक टुकड़ा भी चला जाता है।

  • amrit arora
    amrit arora
    जुलाई 29, 2024 AT 11:25

    प्रभात झा जी का राजनीतिक योगदान बस एक शब्द में नहीं बताया जा सकता। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने कभी भी अपने विचारों को दबाया नहीं, चाहे वो लोकप्रिय हो या न हो। उनकी बातों में एक गहराई थी जो आज के समय में बहुत कम दिखती है। वे अपने विरोधियों के साथ भी सम्मान से व्यवहार करते थे, ये बात आज के राजनीतिक माहौल में लगभग खो चुकी है। उन्होंने बिहार से शुरुआत की, मध्य प्रदेश में अपनी जड़ें गाड़ीं, और दिल्ली में अपनी आवाज़ को उठाया - ये सफर किसी साधारण राजनेता का नहीं था। उनकी नीतिगत दृढ़ता और सामाजिक संवेदनशीलता का संगम अद्वितीय था। उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों की आवाज़ सुनी, उनकी बातों को राष्ट्रीय मंच पर लाया, और कभी भी अपने आदर्शों को बेचने को तैयार नहीं हुए। आज के लोग तो ट्वीट से नेतृत्व का दावा करते हैं, लेकिन प्रभात झा जी तो उन दिनों के थे जब नेता अपने लोगों के साथ बैठकर चाय पीते थे। उनकी याद जीवित रहेगी, क्योंकि वे सिर्फ एक नेता नहीं, एक इंसान थे जिसने जीवन को अपने नियमों से जीया।

  • pritish jain
    pritish jain
    जुलाई 29, 2024 AT 14:37

    प्रभात झा का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपरिहार्य क्षति है। उनके व्यक्तित्व में विचारधारा, नैतिकता और अनुशासन का सुसंगठित संगम था, जिसकी आज की पीढ़ी को गहरी आवश्यकता है।

  • Ravi Kumar
    Ravi Kumar
    जुलाई 29, 2024 AT 17:47

    ये आदमी तो असली नेता था - जिसके पास बोलने की ताकत थी, लेकिन वो बोलते वक्त दिल से बोलते थे। आज के नेता तो टीवी पर चिल्लाते हैं, वो तो सुनते थे।

  • Gowtham Smith
    Gowtham Smith
    जुलाई 31, 2024 AT 12:05

    इस तरह के नेताओं के निधन के बाद भी पार्टी अपने अंदर के लोगों को नहीं बढ़ाती। ये सब शोक बयान तो बाहरी दिखावा है। असली श्रद्धांजलि तो उनके विचारों को आगे बढ़ाने से होती है।

  • rashmi kothalikar
    rashmi kothalikar
    अगस्त 1, 2024 AT 07:53

    इन्हें जितना श्रद्धांजलि दी जा रही है, उतनी ही असली विश्वासघात की जा रही है - जिन लोगों ने इनके बिना देश को नष्ट करने की योजना बनाई है।

  • Shivateja Telukuntla
    Shivateja Telukuntla
    अगस्त 2, 2024 AT 05:11

    बहुत सम्मान के साथ ये खबर पढ़ी। उनके जीवन की सादगी और दृढ़ता को देखकर लगता है कि आज की राजनीति किस दिशा में जा रही है।

  • Shailendra Thakur
    Shailendra Thakur
    अगस्त 3, 2024 AT 07:24

    इनके जैसे लोग जाने के बाद देश को नया नेतृत्व चाहिए - जो न सिर्फ बोले, बल्कि सुने।

  • Muneendra Sharma
    Muneendra Sharma
    अगस्त 3, 2024 AT 22:38

    क्या कभी सोचा है कि इन लोगों के बिना हमारी राजनीति कितनी सूनी हो जाती है? ये बस एक नेता नहीं थे, ये एक अध्यात्मिक अनुभव थे।

  • Anand Itagi
    Anand Itagi
    अगस्त 5, 2024 AT 17:50

    प्रभात झा जी के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है लेकिन एक बात भूल रहे हो वो है उनका असली योगदान जिसे लोगों ने अपने घरों में महसूस किया

  • Sumeet M.
    Sumeet M.
    अगस्त 6, 2024 AT 11:05

    इनका निधन एक अपरिहार्य घटना है - लेकिन ये देखो कि अब कौन बचा है? जो लोग इनके विचारों को आगे बढ़ाएंगे, वो ही वास्तविक विरासत हैं!

  • Kisna Patil
    Kisna Patil
    अगस्त 7, 2024 AT 10:04

    इनके जैसे लोग जाते हैं तो एक पीढ़ी का दिल टूट जाता है। लेकिन उनके जीवन की बातें हमें राह दिखाती हैं - बस चलना है उनके निशान पर।

  • ASHOK BANJARA
    ASHOK BANJARA
    अगस्त 8, 2024 AT 00:56

    प्रभात झा जी ने राजनीति को एक सेवा के रूप में देखा। आज के नेता इसे एक व्यवसाय समझते हैं। इस अंतर को समझना ही उनकी याद का सबसे बड़ा तरीका है।

  • Sahil Kapila
    Sahil Kapila
    अगस्त 9, 2024 AT 19:23

    क्या आप जानते हैं कि उन्होंने अपने बेटों को राजनीति से दूर रखने की ठान ली थी? क्योंकि वो जानते थे कि ये खेल इंसान को बदल देता है। ये बात बहुत गहरी है

  • Rajveer Singh
    Rajveer Singh
    अगस्त 10, 2024 AT 03:31

    इनके जैसे नेता कभी नहीं आएंगे - आज के लोग तो टीवी पर नाटक करके नेता बन जाते हैं। उनकी आत्मा शांति से विश्राम करे।

  • Hitender Tanwar
    Hitender Tanwar
    अगस्त 10, 2024 AT 11:35

    ये सब शोक बयान बहुत अच्छे हैं। लेकिन अगर वो जिंदा होते तो आज के राजनीतिक वातावरण को देखकर वो क्या कहते?

  • Ankit Meshram
    Ankit Meshram
    अगस्त 12, 2024 AT 05:55

    राजनीति का असली रास्ता वो था जो उन्होंने चुना। शांति।

  • amrit arora
    amrit arora
    अगस्त 12, 2024 AT 09:08

    मैंने उन्हें एक बार सीधे देखा था - एक छोटे से गांव में, बिना किसी ड्राइवर के, बस एक गाड़ी में। उन्होंने मुझे देखकर मुस्कुराया। उस दिन मैंने समझा कि नेतृत्व क्या होता है। वो अपने लोगों के बीच थे, न कि उनके ऊपर।

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