अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024: दुनिया भर में उत्सव और समारोह

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024: दुनिया भर में उत्सव और समारोह

21 जून 2024 · 6 टिप्पणि

21 जून, 2024 को 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े धूमधाम और उमंग के साथ मनाया गया। इस दिन को वैश्विक स्वास्थ्य और भलाई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस अवसर पर दुनियाभर में विभिन्न स्थानों पर योग सत्र आयोजित किए गए जिन्हें लोगों ने बड़े उत्साह के साथ अपनाया।

योगा दिवस 2024 का महत्व

योगा दिवस का महत्व सिर्फ शारीरिक व्यायाम तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी उत्तम बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। योग को विश्वभर में लोकप्रिय बनाने के मकसद से 21 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के योग दिवस का खास आकर्षण इसका 10वां संस्करण होना था, जिसे विभिन्न देशों में बड़े पैमाने पर मनाया गया।

जापान में योग दिवस उत्सव

जापान में योग दिवस उत्सव

जापान में, भारतीय दूतावास ने टोक्यो के सुपकी मंदिर में एक विशाल योग सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में जापानी नेता, राजनयिक, योग प्रेमी और भारतीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। योग के इस सत्र ने संस्कृतियों और पृष्ठभूमियों के बीच के पुल को मजबूत किया।

भारत में योग दिवस समारोह

भारत में भी योग दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने योग सत्रों में भाग लिया। खासतौर पर, योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने हरिद्वार में एक विशाल योग सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें बच्चों और बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

लद्दाख में भारतीय सेना और आईटीबीपी का योग अभ्यास

भारतीय सेना और आईटीबीपी कर्मियों ने विशेष रूप से उच्च स्थानों पर योग प्रदर्शन किया। लद्दाख और भारत-चीन सीमा पर हुए इन आयोजनों में भाग लेकर इन साहसी जवानों ने योग के महत्व को एक नया स्तर प्रदान किया। लद्दाख में ही स्कूली बच्चों ने पंगोंग झील के पास योगाभ्यास किया, जो एक अद्भुत दृश्य था।

भारतीय नौसेना का योग प्रदर्शन

भारतीय नौसेना के जवानों ने युद्धपोत आईएनएस तरकश और आईएनएस टेग पर विभिन्न योगासन करते हुए प्रदर्शन किया। इन प्रर्दशनों ने अबाधित समर्पण और अनुशासन का प्रतीक प्रस्तुत किया, और समर्पित कार्मिकों की फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति लगन को दर्शाया।

वैश्विक स्वास्थ्य के लिए योग का महत्व

वैश्विक स्वास्थ्य के लिए योग का महत्व

योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक शांति का एक महत्वपूर्ण साधन है। वैश्विक स्तर पर योग दिवस के इस आयोजन ने विभिन्न समुदायों को एक साथ लाने और वैश्विक स्वास्थ्य और भलाई को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

देश उत्सव स्थल प्रमुख भागीदार
जापान सुपकी मंदिर जापानी नेता और राजनयिक
भारत उत्तर प्रदेश, हरिद्वार योगी आदित्यनाथ, रामदेव
लद्दाख पंगोंग झील स्कूली बच्चे, सेना कर्मी

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 ने इस तथ्य को एक बार फिर स्पष्ट रूप से दर्शाया कि योग किसी एक देश या समुदाय की विरासत नहीं है, बल्कि यह समस्त मानवता की सांस्कृतिक धरोहर है। यह सामूहिकता, शांति और भलाई के लिए एक मंच प्रदान करता है, जो हमें एक बेहतर और स्वस्थ दुनिया की ओर ले जाता है। योग के माध्यम से हम केवल शारीरिक स्वास्थ्य को ही नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन को भी हासिल कर सकते हैं।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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6 टिप्पणि
  • Nirmal Kumar
    Nirmal Kumar
    जून 22, 2024 AT 15:59

    योग दिवस का ये संस्करण असल में बहुत खास रहा। जापान में सुपकी मंदिर में योग सत्र देखकर लगा जैसे दुनिया के अलग-अलग कोनों से लोग एक ही सांस ले रहे हों। योग का ये अंतरराष्ट्रीय पहलू सिर्फ फैशन नहीं, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक जुड़ाव है।
    मैंने अपने शहर में एक छोटा सा सत्र भी आयोजित किया - 12 लोग आए, उनमें से 4 नए थे। अगले साल इसे और बड़ा बनाना है।

  • Sharmila Majumdar
    Sharmila Majumdar
    जून 23, 2024 AT 12:53

    ये सब बकवास है। योग तो भारत का ही चीज़ है, जापानी लोग इसे क्यों मना रहे हैं? ये सब बाहरी दिखावा है। असल में यहाँ कोई योग नहीं करता, बस फोटो खींचवाने के लिए एक दिन का नाटक है।
    और योगी आदित्यनाथ के साथ योग करना? ये तो राजनीति है।

  • amrit arora
    amrit arora
    जून 23, 2024 AT 14:07

    योग का वैश्विक आयाम एक अद्भुत दृष्टिकोण है - यह किसी एक संस्कृति या धर्म का नहीं, बल्कि मानवता के आंतरिक शांति की खोज का प्रतीक है।
    जब लद्दाख के बच्चे पंगोंग झील के किनारे शवासन में लेटते हैं, तो वहाँ हवा, पहाड़ और सांस एक हो जाते हैं। यही तो योग की असली शक्ति है - बाहरी दुनिया को भूलकर अंदर की ओर जाना।
    भारतीय नौसेना के जवानों ने जहाज पर योग करके दिखाया कि अनुशासन और शांति एक साथ चल सकते हैं।
    हम अक्सर योग को बस फिटनेस के रूप में देख लेते हैं, लेकिन यह तो एक जीवन दर्शन है - एक ऐसा दर्शन जो तनाव को नहीं दबाता, बल्कि उसे बदल देता है।
    हर साल यह दिन याद दिलाता है कि हम अकेले नहीं हैं - हम सब एक ही श्वास में जी रहे हैं।
    इस दिन के बाद जब लोग अपने घर पर एक मिनट भी ध्यान लगाते हैं, तो वहीं से एक छोटी सी क्रांति शुरू हो जाती है।
    योग को बाजार में बेचने की कोशिश न करें, बल्कि उसे जीवन का हिस्सा बना लें।
    जब तक हम अपने अंदर की शांति को नहीं पहचानेंगे, तब तक बाहर के उत्सव सिर्फ नाटक रहेंगे।
    योग ने दुनिया को एक ऐसा अवसर दिया है जिसे हम अनदेखा नहीं कर सकते।
    यह दिन नहीं, बल्कि हर दिन योग का होना चाहिए।

  • Ambica Sharma
    Ambica Sharma
    जून 24, 2024 AT 23:48

    मैंने आज सुबह 5 बजे योग किया और रो रही थी... ये भावनाएँ कहाँ से आ रही हैं? मैंने तो बस पाँच मिनट बैठकर सांस ली थी... लेकिन फिर भी मेरा दिल भर गया।
    योग ने मुझे खुद से जोड़ दिया।
    क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है? मुझे लगता है ये सब बहुत अनोखा है।

  • pritish jain
    pritish jain
    जून 25, 2024 AT 17:10

    गोवताम साहब के टिप्पणी के जवाब में - योग को राजनीति नहीं, जीवन की विधि मानना चाहिए।
    यह भारत की विरासत है, लेकिन इसका अधिकार किसी एक देश के पास नहीं है।
    जापानी लोगों ने इसे अपनाया तो यह अपमान नहीं, बल्कि सम्मान है।
    योग का वैश्विक उत्सव दिखाता है कि असली संस्कृति बाहर नहीं, अंदर से फैलती है।
    हमें इसे गर्व से स्वीकार करना चाहिए, न कि इसे अपना बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

  • Gowtham Smith
    Gowtham Smith
    जून 27, 2024 AT 07:00

    योग दिवस का ये सब धमाल बस एक बड़ा ग्लोबल प्रॉपेगेंडा है। भारत ने योग को अपनी सॉफ्ट पावर का टूल बना लिया है।
    जापान में योग? वहाँ के लोग तो अपने बुद्धिजीवियों के साथ चाय पी रहे होंगे।
    योगी आदित्यनाथ के साथ योग करना? वो तो अपने पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं।
    योग का असली मूल्य तो वहाँ है जहाँ कोई नहीं देख रहा हो - अकेले कमरे में एक आदमी सांस ले रहा हो।
    ये सब नाटक है, जिसका उद्देश्य विदेशी मुद्रा और राष्ट्रीय प्रतिष्ठा बढ़ाना है।

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