अरविंद केजरीवाल के खाने पर दिल्ली एलजी के पत्र पर आप का हमला

अरविंद केजरीवाल के खाने पर दिल्ली एलजी के पत्र पर आप का हमला

21 जुलाई 2024 · 13 टिप्पणि

अरविंद केजरीवाल के खाने पर सवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खाने-पीने पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा और आप के बीच इस मुद्दे पर तीखी तकरार हो रही है। मुख्यमंत्री केजरीवाल मार्च 21 से तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। भाजपा दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने जानबूझकर अपने खाने में कटौती की है, ताकि अदालत से सहानुभूति प्राप्त की जा सके।

आप की तरफ से राजसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली मंत्री आतिशी ने इन आरोपों का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि केजरीवाल की सेहत वास्तव में खतरे में है, क्योंकि उन्हें टाइप-2 डायबिटीज है। संजय सिंह ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के एक पत्र पर भी सवाल उठाया है जिसमें कहा गया है कि केजरीवाल ने अपने निर्धारित चिकित्सा आहार और दवाओं का पालन नहीं किया है।

बीजेपी और आप के बीच खींचतान

बीजेपी और आप के बीच खींचतान

वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि केजरीवाल के स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है ताकि वे जमानत पाने की कोशिश कर सकें। उधर, संजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा केजरीवाल को मारने की साजिश रच रही है।

दिल्ली मंत्री आतिशी ने बताया है कि जेल में केजरीवाल की शुगर लेवल 8 बार 50 mg/dL से भी नीचे गिर चुकी है, जोकि एक चिंताजनक स्थिति है। शुगर लेवल कम होने से कोमा और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

केजरीवाल की चिकित्सीय स्थिति

चिकित्सकों के अनुसार, टाइप-2 डायबिटीज होने की वजह से केजरीवाल को नियमित अंतराल पर खाना और दवाएं लेना बहुत जरूरी है। डॉक्टरों की माने तो उनका खाना कम करना उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक हो सकता है।

हालांकि वीके सक्सेना के पत्र में बताया गया है कि केजरीवाल को घर का बना खाना भी दिया जा रहा है, लेकिन फिर भी उन्होंने जानबूझकर कम कैलोरी वाला खाना ही लिया है।

सियासी साजिश का आरोप

आप ने कानूनी कार्रवाई पर विचार करते हुए भाजपा पर सियासी साजिश करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भाजपा जानबूझकर केजरीवाल के बारे में भ्रामक और गलत जानकारी फैला रही है, ताकि उनकी छवि खराब हो सके।

इस बीच, दिल्ली की जनता इस नए विवाद पर ध्यान दे रही है और देखना यह होगा कि आने वाले समय में इसका क्या असर पड़ेगा।

अभी यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है और दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। जनता को नेताओं की सेहत की चिंता है तो दूसरी ओर राजनीतिक दल इसे अपनी-अपनी तरह से पेश कर रहे हैं।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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13 टिप्पणि
  • ASHOK BANJARA
    ASHOK BANJARA
    जुलाई 22, 2024 AT 19:23

    इस सबके पीछे सिर्फ स्वास्थ्य की चिंता नहीं, बल्कि एक बड़ी राजनीतिक गेमिंग है। केजरीवाल का डायबिटीज तो पहले से मालूम था, लेकिन अब इसे एक राजनीतिक टूल बना दिया गया है। जो भी खाना दे रहे हैं, उसकी गुणवत्ता से ज्यादा जरूरी है कि उसकी नियमितता कैसी है। जेल में डॉक्टर और नर्स भी हैं, फिर भी अगर खाना नहीं ले रहे, तो उनकी इच्छाशक्ति का सवाल उठता है।

  • Sahil Kapila
    Sahil Kapila
    जुलाई 23, 2024 AT 15:33

    ये सब बकवास है भाई लोग बस एक दूसरे को बदनाम करने में लगे हैं और असली समस्या को भूल गए जो ये है कि जेल में भी इंसान का स्वास्थ्य बरकरार रखना होता है न कि उसे जानबूझकर नष्ट करना

  • Rajveer Singh
    Rajveer Singh
    जुलाई 24, 2024 AT 06:05

    केजरीवाल के खाने पर चर्चा करने की बजाय ये देखो कि वो किस तरह से देश के लोगों को बेवकूफ बना रहा है जो भी खाना दिया जा रहा है उसे अस्वीकार करना एक धर्म की तरह है जिसका इस्तेमाल वो राजनीति के लिए कर रहा है और आपके लोग इसे अपना संकेत बना रहे हैं ये तो बहुत खतरनाक है

  • Ankit Meshram
    Ankit Meshram
    जुलाई 25, 2024 AT 14:20

    स्वास्थ्य पर चर्चा हो रही है। यही बात है।

  • Shaik Rafi
    Shaik Rafi
    जुलाई 25, 2024 AT 17:28

    एक इंसान का शरीर उसकी इच्छा का परिणाम नहीं होता, बल्कि उसके वातावरण का। जेल में खाने की गुणवत्ता और नियमितता के बारे में जो बातें हो रही हैं, वो सिर्फ केजरीवाल के लिए नहीं, बल्कि हर जेल में बंद इंसान के लिए एक प्रश्न है। क्या हम एक ऐसी व्यवस्था बना सकते हैं जहां न्याय के साथ स्वास्थ्य भी न्याय का हिस्सा बने? ये सवाल अब तक किसी ने नहीं पूछा।

  • Ashmeet Kaur
    Ashmeet Kaur
    जुलाई 25, 2024 AT 23:50

    मैं एक डायबिटीज पेशेंट की बहन हूं और मैं बता सकती हूं कि शुगर लेवल 50 mg/dL तक क्या खतरनाक हो सकता है। ये बस एक नंबर नहीं है, ये जीवन और मौत का मुद्दा है। अगर कोई इसे राजनीति का हथियार बना रहा है, तो ये बहुत बुरा है। जेल में भी इंसान का अधिकार होता है, खाने का भी।

  • Nirmal Kumar
    Nirmal Kumar
    जुलाई 27, 2024 AT 02:53

    ये सब बहस तो बहुत पुरानी है। जब तक हम अपने नेताओं को एक अलग श्रेणी में रखेंगे, तब तक ऐसे मामले आते रहेंगे। वो भी इंसान हैं, बीमार हो सकते हैं, खाना नहीं खा सकते। अगर उनका खाना बदल गया तो ये नियमित चिकित्सा व्यवस्था की विफलता है, न कि उनकी इच्छाशक्ति की।

  • Sharmila Majumdar
    Sharmila Majumdar
    जुलाई 27, 2024 AT 06:38

    पत्र जारी किया गया तो फिर उसकी नकल और असली नकल का विश्लेषण करो। जो भी खाना दिया जा रहा है उसके बारे में जानकारी नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि घर का खाना दिया जा रहा है तो फिर ये कि उन्होंने खुद कम कैलोरी वाला खाना चुना, ये कैसे साबित होगा? बिना रिकॉर्ड के कोई भी आरोप बेकार है।

  • amrit arora
    amrit arora
    जुलाई 29, 2024 AT 01:17

    इस मुद्दे को देखने के लिए दो आंखें चाहिए: एक न्यायिक और दूसरी मानवीय। जेल में बंद व्यक्ति का स्वास्थ्य एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। अगर वह डायबिटीज का रोगी है, तो उसे नियमित खाना और दवाएं देना एक मानवाधिकार है। अगर उसने खाना नहीं खाया, तो उसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था थी क्या? क्या उसके चिकित्सकों ने उसे मजबूर किया? क्या उसे दवा दी गई? ये सवाल जवाब के बिना नहीं छोड़े जा सकते। राजनीति तो बाद में होगी, पहले मानवता का ध्यान रखो।

  • Ambica Sharma
    Ambica Sharma
    जुलाई 29, 2024 AT 06:59

    ये सब बस एक अभिनय है। केजरीवाल जानते हैं कि अगर वो भूखे रहेंगे तो देश उनके लिए आंखें बंद कर लेगा। और भाजपा जानती है कि अगर वो इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करेंगे तो वो लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ पाएंगे। दोनों ओर का खेल बहुत बुरा है। असली जीत तो वो होगी जब कोई भी इंसान जेल में भूखा न पड़े।

  • Hitender Tanwar
    Hitender Tanwar
    जुलाई 29, 2024 AT 14:51

    कोई भी जेल में खाना खाता है। इसके बारे में बहस करना बेकार है।

  • pritish jain
    pritish jain
    जुलाई 30, 2024 AT 03:27

    केजरीवाल के खाने की बात नहीं, बल्कि जेल में चिकित्सा व्यवस्था की बात है। अगर डॉक्टर ने बताया कि खाना कम है, तो वो एक अस्थायी व्यवस्था की विफलता है। अगर उन्होंने खुद खाना नहीं लिया, तो उसके लिए एक नैतिक और चिकित्सकीय रिपोर्ट चाहिए। बिना उसके, ये सब बस शब्दों का खेल है।

  • Gowtham Smith
    Gowtham Smith
    जुलाई 30, 2024 AT 14:19

    यहाँ एक जैविक विकृति का विश्लेषण किया जा रहा है: टाइप-2 डायबिटीज के संदर्भ में ग्लूकोज होमियोस्टेसिस का अव्यवस्थित विचलन, जिसका परिणाम हाइपोग्लाइसीमिया है, जो न्यूरोलॉजिकल डिस्ट्रेस का कारण बन सकता है। जेल प्रशासन के तहत चिकित्सा अनुसूची का उल्लंघन एक अपराध है, और राजनीतिक दलों द्वारा इसे राजनीतिक ब्रांडिंग के लिए उपयोग करना एक जनतांत्रिक विकृति है। इसका निराकरण नियमित चिकित्सा ऑडिट और एक स्वतंत्र चिकित्सा टीम के द्वारा किया जाना चाहिए।

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