अरविंद केजरीवाल के खाने पर सवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खाने-पीने पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा और आप के बीच इस मुद्दे पर तीखी तकरार हो रही है। मुख्यमंत्री केजरीवाल मार्च 21 से तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। भाजपा दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने जानबूझकर अपने खाने में कटौती की है, ताकि अदालत से सहानुभूति प्राप्त की जा सके।
आप की तरफ से राजसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली मंत्री आतिशी ने इन आरोपों का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि केजरीवाल की सेहत वास्तव में खतरे में है, क्योंकि उन्हें टाइप-2 डायबिटीज है। संजय सिंह ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के एक पत्र पर भी सवाल उठाया है जिसमें कहा गया है कि केजरीवाल ने अपने निर्धारित चिकित्सा आहार और दवाओं का पालन नहीं किया है।
बीजेपी और आप के बीच खींचतान
वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि केजरीवाल के स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है ताकि वे जमानत पाने की कोशिश कर सकें। उधर, संजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा केजरीवाल को मारने की साजिश रच रही है।
दिल्ली मंत्री आतिशी ने बताया है कि जेल में केजरीवाल की शुगर लेवल 8 बार 50 mg/dL से भी नीचे गिर चुकी है, जोकि एक चिंताजनक स्थिति है। शुगर लेवल कम होने से कोमा और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
केजरीवाल की चिकित्सीय स्थिति
चिकित्सकों के अनुसार, टाइप-2 डायबिटीज होने की वजह से केजरीवाल को नियमित अंतराल पर खाना और दवाएं लेना बहुत जरूरी है। डॉक्टरों की माने तो उनका खाना कम करना उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक हो सकता है।
हालांकि वीके सक्सेना के पत्र में बताया गया है कि केजरीवाल को घर का बना खाना भी दिया जा रहा है, लेकिन फिर भी उन्होंने जानबूझकर कम कैलोरी वाला खाना ही लिया है।
सियासी साजिश का आरोप
आप ने कानूनी कार्रवाई पर विचार करते हुए भाजपा पर सियासी साजिश करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भाजपा जानबूझकर केजरीवाल के बारे में भ्रामक और गलत जानकारी फैला रही है, ताकि उनकी छवि खराब हो सके।
इस बीच, दिल्ली की जनता इस नए विवाद पर ध्यान दे रही है और देखना यह होगा कि आने वाले समय में इसका क्या असर पड़ेगा।
अभी यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है और दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। जनता को नेताओं की सेहत की चिंता है तो दूसरी ओर राजनीतिक दल इसे अपनी-अपनी तरह से पेश कर रहे हैं।
एक टिप्पणी लिखें