शेख़ जानी बाशा पर आरोपों की गंभीरता
मशहूर कोरियोग्राफर शेख़ जानी बाशा, जिन्हें आमतौर पर जानी मास्टर के नाम से जाना जाता है, पर गंभीर बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। इस मामले ने मनोरंजन जगत में हलचल मचा दी है। राजेन्द्रनगर की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जानी मास्टर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। नर्सिंगी पुलिस द्वारा उन्हें चंचलगुडा जेल में स्थानांतरित किया गया। जानी मास्टर ने कोर्ट में सभी आरोपों को खारिज करते हुए यह दावा किया कि वे बेकसूर हैं और न्याय के लिए आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे।
आरोपों के विस्तार
आरोपों के अनुसार, जानी मास्टर पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोप जनवरी 2020 से शुरू होते हैं। शिकायतकर्ता ने सबसे पहले जानी मास्टर से 2019 में एक शो के दौरान मुलाकात की। जानी मास्टर की टीम के सदस्य दर्शिनी ने शिकायतकर्ता को उनके सहायक के रूप में काम करने का प्रस्ताव दिया। 15 दिसंबर 2019 को, शूटिंग के दौरान शिकायतकर्ता की पहली बातचीत जानी मास्टर से हुई। इसके बाद उन्हें 10 जनवरी 2020 को मुंबई में एक शूट के लिए बुलाया गया, जहाँ उनके साथ दो पुरुष सहायक, राहुल और मोईन भी थे। उसी रात, होटल में जानी मास्टर ने कथित रूप से शिकायतकर्ता को अपने कमरे में बुलाया और उन पर बलात्कार किया। जानी मास्टर ने इस घटना की रिपोर्ट न करने की धमकी दी, यदि शिकायतकर्ता ने अपने करियर को लेकर कोई उम्मीद रखी।
आगे के आरोप
यही नहीं, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जानी मास्टर ने कई अन्य मौकों पर भी उन्हें रात के अजीब घंटों में बुलाकर यौन उत्पीड़न किया। जब शिकायतकर्ता ने इन सभी कृत्यों का विरोध करना शुरू किया, तो जानी मास्टर ने उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित करना शुरू कर दिया। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जानी मास्टर ने शिकायतकर्ता को अपने धर्म को बदलने और उससे शादी करने के लिए मस्तिष्कधोवन करने की कोशिश की।
एक और बेहद गंभीर आरोप में, शिकायतकर्ता ने कहा कि जब वह बीमार और अकेली थीं, तो जानी मास्टर ने उनके घर पर आकर फिर से बलात्कार किया। इसके बाद, जानी मास्टर और उनकी पत्नी ने शिकायतकर्ता के घर आकर उन्हें धमकाया और डराया। जानी मास्टर ने कोर्ट की कार्रवाई के दौरान सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि वे बेकसूर हैं और न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे।
मनोरंजन जगत में सनसनी
इस घटना ने मनोरंजन जगत में भारी हलचल मचा दी है। जानी मास्टर, जो कई प्रसिद्ध फिल्मों और नृत्य प्रस्तुतियों में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं, इस आरोप के बाद से ही जनता और फैंस के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं। कई लोगों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है, जबकि जानी मास्टर के प्रशंसकों ने उनके पक्ष में कई मंतव्य व्यक्त किए हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि जहां एक ओर जानी मास्टर अपने आप को निर्दोष साबित करने के लिए न्यायपालिका का सामना करेंगे, वहीं दूसरी ओर न्याय प्रक्रिया कैसे चलती है और इसमें क्या नतीजे निकलते हैं।
महिलाओं की सुरक्षा और न्याय की बात
यह घटना निश्चित रूप से महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली पर सवाल उठाती है। इस तरह के मामलों में आरोप कितने भी गंभीर क्यों न हों, उनका निष्पक्ष निरीक्षण और जांच करना आवश्यक है। महिलाएं, जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं, वे इसी तरह के उत्पीड़न और अपमानजनक घटनाओं का सामना करती हैं। ऐसे मामलों में तत्काल और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता होती है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।
समाज और न्यायपालिका को ऐसे मामलों में जागरूक और संवेदनशील होना चाहिए ताकि पीड़ितों को उचित न्याय मिल सके और दोषियों को सज़ा मिल सके। इस तरह के मामलों में महिलाओं का आत्मविश्वास और सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जानी मास्टर के मामले में भी वक्त बताएगा कि सच्चाई का पलड़ा किस तरफ झुकेगा।
ये सब बकवास है। एक आदमी को बस इतना कहना है कि वो नाचता है और फिर उस पर बलात्कार का आरोप? इन लोगों को न्याय की जगह ट्रेंड की जरूरत है।
हमारी संस्कृति में ऐसे लोगों को गले लगाया जाता है जब तक वो लाभ देते हैं फिर जब उनका नाम ट्रेंड करता है तो सब उनके खिलाफ खड़े हो जाते हैं। ये न्याय नहीं ये राजनीति है।
न्याय धीमा हो सकता है लेकिन अगर सच है तो अंत में सच ही जीतेगा।
हर इंसान को अपने बचपन की चोटों के साथ बड़ा होना पड़ता है। शायद ये आदमी भी किसी ने उसे तोड़ा था और अब वो दूसरों को तोड़ रहा है। न्याय तो चाहिए, लेकिन समझ भी।
इस तरह के मामलों में आमतौर पर पीड़िता को दोबारा तोड़ दिया जाता है। अगर ये सच है तो ये बहुत भयानक है।
इस देश में कला के नाम पर कई चीजें छिपी होती हैं। लेकिन अगर गलती हुई है तो उसका जवाब लेना होगा। कोई भी व्यक्ति इससे ऊपर नहीं होता।
ये सब बस एक ट्रेंड है। इन लोगों को बस नाम बनाना है। किसी के घर में घुसकर बलात्कार करने का दावा करना और फिर उसे ट्विटर पर फैलाना - ये न्याय नहीं ये शरारत है।
इस मामले में दोनों पक्षों की आवाज़ सुनना जरूरी है। एक तरफ एक महिला जिसने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा तबाह कर दिया होगा, दूसरी तरफ एक आदमी जिसका पूरा जीवन बर्बाद हो सकता है। न्याय का मतलब है सच को ढूंढना, न कि लोगों को फांसी देना।
मैं तो बस रो रही हूँ। ये लड़की कैसे इतना सह सकी? मैं उसके लिए दिल से आशीर्वाद देती हूँ। ये आदमी जानता है कि वो क्या कर रहा है।
फिर से एक बड़ा अफवाह। किसी ने एक शूटिंग के बाद एक होटल में एक रात बिताई और अब बलात्कार का आरोप? ये बस बिजनेस है।
कानून की शक्ति उस समय दिखती है जब वह निष्पक्ष हो। यहाँ न्याय की बात हो रही है, न कि नाम की।
ये एक सिस्टमिक फेल्योर है। इंडस्ट्री में पावर डायनामिक्स ऐसे ही होते हैं। जब एक एक्सपर्ट के पास रिसोर्सेज होते हैं और एक युवा टैलेंट के पास नहीं, तो एक्सप्लॉइटेशन इनेविटेबल है।
मैं बस ये कहना चाहता हूँ कि इंतज़ार करें। अगर गलती हुई है तो उसका बदला लिया जाएगा। अगर नहीं, तो नाम बचेगा। बस इतना ही।
ये आदमी नृत्य का जादू बनाता था, अब उसके बारे में बस इतना ही बोला जा रहा है। अगर वो गुनहगार है तो उसे सज़ा मिले। अगर नहीं तो उसका नाम वापस लिया जाए। लेकिन अब तो सब बस अपनी भावनाएं फैला रहे हैं।
ये आदमी अपने धर्म को बदलने के लिए मजबूर कर रहा था? ये नहीं हो सकता। हमारी संस्कृति के खिलाफ ये सब अपराध है। उसे जेल में डाल देना चाहिए।
कला के नाम पर जो लोग अपराध करते हैं, उन्हें सिर्फ न्याय नहीं, बल्कि सार्वजनिक शर्म की सज़ा भी देनी चाहिए।
इस तरह के मामलों में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। बस एक बार सच को जांच लो। बाकी सब खुद ठीक हो जाएगा।
अगर ये सच है तो ये बहुत बुरा है। लेकिन अगर ये झूठ है तो ये और भी बुरा है। इसलिए जांच होनी चाहिए।
मुझे लगता है इसमें कुछ सच है और कुछ बढ़ाया गया है। लेकिन जो भी हो, इस लड़की को समर्थन देना जरूरी है।