दिग्गज तमिल अभिनेता दिल्ली गणेश की यादगार यात्रा
तमिल सिनेमा के अग्रणी अभिनेता दिल्ली गणेश ने अपने करियर में फिल्म जगत को कई अविस्मरणीय कलाकृतियाँ दीं। 9 नवंबर 2024 को उनके निधन की खबर ने सिनेमा प्रेमियों को गहरा धक्का दिया। उन्होंने 80 वर्ष की आयु में चेन्नई में अंतिम सांसे लीं। वह लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। अपने पीछे वह अपने गोभजनों और लाखों प्रशंसकों को शोकाकुल छोड़ गए हैं, जिन्होंने उन्हें अलग-अलग रूपों में पर्दे पर देखा।
थियेटर और वायुसेना के अनुभव से सजी शुरुआत
दिल्ली गणेश का जन्म 1 अगस्त, 1944 को हुआ था। उनका शुरुआती जीवन संघर्षों भरा रहा, लेकिन हमेशा से कला के प्रति उनकी दिलचस्पी ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। वह दिल्ली स्थित 'दक्षिण भारत नाट्य सभा' के संग समय बिताते हुए थियेटर का ज्ञान अर्जित कर चुके थे। इसके साथ ही, उन्होंने 1964 से 1974 तक भारतीय वायु सेना में सेवा की, जो उनके व्यक्तित्व में अनुशासन और समर्पण की झलक लाती है। यह अनुशासन और समर्पण उनके अभिनय में साफ नजर आया।
फिल्मों में अद्वितीय करियर
सिनेमा में उनका प्रवेश प्रतिष्ठित निर्देशक के. बालाचंदर के माध्यम से हुआ। 1976 में प्रदर्शित हुई फिल्म 'पट्टिणा प्रवेशम' से शुरुआत करते हुए, दिल्ली गणेश ने अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ी। इसके बाद उन्होंने 400 से अधिक फिल्मों में विभिन्न भूमिकाएं निभाईं, जिसमें ज्यादातर सहायक भूमिकाएं शामिल थीं। 'सिंधु भैरवी' (1985), 'नायकन' (1987), 'माइकल मदाना कामा राजन' (1990), 'आहा..!' (1997), और 'तेनाली' (2000) जैसे फिल्मों में उनके अभिनय ने हमेशा दर्शकों को प्रभावित किया।
पुरस्कार और सम्मान
उनकी कला को समय-समय पर सराहा गया और उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए। 1979 में फिल्म 'पासी' के लिए उन्हें तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार विशेष पुरस्कार से नवाजा गया। 1994 में उन्हें मशहूर कलात्मक सम्मान "कलैमामणि" से सम्मानित किया गया, जिसे तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता द्वारा प्रदान किया गया था। ये पुरस्कार उनके लिए उच्चतम सम्मान का प्रतीक थे और उनके समर्पण और मेहनत का परिणाम थे।
टेलीविजन और वेब की दुनिया में धमक
दिल्ली गणेश केवल बड़े परदे तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने टेलीविजन धारावाहिकों, शॉर्ट फिल्मों और वेब सीरीज में भी अपने अद्वितीय अभिनय का प्रदर्शन किया। उनके लिए हर मंच एक नया अवसर था, और उन्होंने किसी भी माध्यम में बेहतरीन अभिनय का मानदंड स्थापित किया। वह हमेशा अपनी कौशल को निखारने और नयी चीजें सीखने की कोशिश में लगे रहे।
समर्पण किसी अच्छे अभिनेता का परिचायक
दिल्ली गणेश का निधन न सिर्फ उनके परिवार के लिए, बल्कि तमिल सिनेमा के लिए भी एक बड़ी क्षति है। उनकी अंतिम संस्कार 11 नवंबर 2024 को किया गया। उनके पुत्र माहवेदान गणेश ने अपने पिता के निधन की सूचना दी। उनका योगदान लंबे समय तक याद किया जाएगा, और वह हमेशा उन लाखों प्रशंसकों के दिलों में जीवित रहेंगे जिन्होंने उनकी कला के प्रति समर्पण को महसूस किया है।
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