वेस्ट इंडीज की पारी का आगाज और चुनौतीपूर्ण स्कोर
डैरेन सैमी नेशनल स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में वेस्ट इंडीज ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। रोवमैन पॉवेल की अगुआई में टीम ने जोरदार शुरुआत की। ब्रैंडन किंग और एविन लुईस ने शुरुआती सात ओवरों में 72 रन जोड़े। लेकिन किंग की चोट के कारण उन्हें रिटायर हर्ट होना पड़ा, जिससे टीम पर दबाव आ गया। इंग्लैंड के गेंदबाजों, खासकर अदिल रशीद और मोईन अली ने अपनी स्पिन गेंदबाजी से वेस्ट इंडीज के बल्लेबाजों को रोकने का काम किया। अदिल रशीद ने जॉनसन चार्ल्स का विकेट लिया जबकि मोईन अली ने निकोलस पूरन को पवेलियन भेजा।
हालांकि, पॉवेल ने लियाम लिविंगस्टोन के एक ओवर में 20 रन बनाए, लेकिन जल्द ही मार्क वुड के हाथों कैच आउट हो गए। इसके बाद वेस्ट इंडीज के बल्लेबाज बिखर गए, जब जोफ्रा आर्चर ने निकोलस पूरन और आंद्रे रसेल को आउट किया। शर्फेन रदरफोर्ड के अंतिम ओवरों में किए गए 28 रन (15 गेंदों पर) ने वेस्ट इंडीज को कुछ अतिरिक्त रन जोड़े, जिससे टीम 20 ओवरों में 180/4 का स्कोर खड़ा कर सकी।
इंग्लैंड की मजबूत शुरुआत और आरामदायक जीत
इंग्लैंड के ओपनर जॉनी बैर्स्टो और डैनी सॉल्ट ने जवाबी पारी की शुरुआत की। पहले छह ओवरों में कोई भी विकेट नहीं खोते हुए उन्होंने 58 रन बना लिए थे। रोस्टन चेस ने बटलर का विकेट लिया, लेकिन बैर्स्टो और सॉल्ट ने मोर्चा संभाल लिया। बैर्स्टो ने 21 गेंदों पर 46 रन बनाए और 16वें ओवर तक टिके रहे।
इसके बाद सॉल्ट ने कमान संभाली और रोमारियो शेफर्ड के एक ओवर में 30 रन जोड़ दिए, जिसमें तीन चौके और तीन छक्के शामिल थे। यह वेस्ट इंडीज द्वारा किसी भी टी20 विश्व कप में किया गया सबसे महंगा ओवर था। सॉल्ट ने 38 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया और बैर्स्टो के साथ मिलकर इंग्लैंड को मैच जिताने तक टिके रहे। इंग्लैंड की यह जीत 15 गेंद शेष रहते आई और उन्होंने यह मैच आठ विकेट से जीता।
भविष्य की योजनाएं
इंग्लैंड की यह जीत कठिनाईयों से भरी थी, खासकर जब सॉल्ट को तीन ओवर में निकोलस पूरन ने छोड़ा था, जब वह केवल 7 रन पर थे। लेकिन इस मौके का फायदा उठाते हुए उन्होंने शानदार पारी खेली और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अब इंग्लैंड की टीम इस जीत के आत्मविश्वास को लेकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी मैच के लिए उतरेगी।
इस शानदार जीत के बाद टीम के प्रमुख खिलाड़ियों का मानना है कि यह जीत उनकी तैयारी और संघर्षशील मानसिकता का परिणाम है। कोच और कप्तान, दोनों ही ने खिलाड़ियों की प्रशंसा की और आगामी मैचों के लिए अपनी रणनीति में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं करने का संकेत दिया। टीम का लक्ष्य अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले महत्वपूर्ण मुकाबले में भी इसी आत्मविश्वास और जोश के साथ खेलने की है।
वेस्ट इंडीज की ओर से इस हार को एक सीख के रूप में देखा जा रहा है और टीम के कोच और कप्तान ने भविष्य में अपनी रणनीति में बदलाव करने की जरूरत पर जोर दिया है। खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करने और सुधार करने की आवश्यकता बताई गई है। खिलाड़ियों की मानें तो इस हार ने उन्हें अपनी कमियों को समझने और भविष्य में उन्हें सुधारने का मौका दिया है।
बैर्स्टो और सॉल्ट की जोड़ी तो बस एक बार फिर दिखा दी कि इंग्लैंड की टीम में कौन है वो बल्लेबाज जो दबाव में भी शांत रह सकता है। वेस्ट इंडीज के गेंदबाज बिल्कुल भी नहीं लग रहे थे कि वो कुछ कर पाएंगे।
भाई ये सॉल्ट का ओवर तो देख लो! रोमारियो शेफर्ड के खिलाफ 30 रन? ये तो बस बैट लेकर दुनिया को दिखाने का तरीका है। वेस्ट इंडीज के गेंदबाजों को तो अब घर जाकर गेंद फेंकने की बजाय दिमाग ठीक करना चाहिए।
इंग्लैंड के खिलाफ ये हार भारत के लिए भी एक संदेश है। जब हम अपने खिलाड़ियों को बस टी20 में फिट करने की कोशिश कर रहे हैं, तो ये लोग तो अपने बल्लेबाजों को दबाव में भी राजा बना रहे हैं। अब तो हमें भी अपने खिलाड़ियों को बाहरी दबाव से बचाने की जरूरत है।
इस जीत का वास्तविक महत्व इस बात में छिपा है कि बैर्स्टो और सॉल्ट ने एक ऐसी जोड़ी बनाई जिसमें एक ने शुरुआत की और दूसरे ने अंत तक नियंत्रण बनाए रखा। यह टी20 क्रिकेट के नए युग का प्रतीक है-जहां आक्रामकता और विवेक का संगम होता है। वेस्ट इंडीज के खिलाड़ी तो अभी भी ओपनिंग को एक रैंडम एक्शन समझते हैं।
सॉल्ट की पारी देखकर लगा जैसे कोई बच्चा अपनी पहली बार बाइक चला रहा हो-डर नहीं, बस मजा। इंग्लैंड की टीम ने बहुत सारी चीजें सीख ली हैं। अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी यही भावना बरकरार रहे।