मलयालम अभिनेता सिद्दीकी ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद एएमएमए महासचिव पद से इस्तीफा दिया

मलयालम अभिनेता सिद्दीकी ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद एएमएमए महासचिव पद से इस्तीफा दिया

25 अगस्त 2024 · 0 टिप्पणि

मलयालम फिल्म उद्योग में फिर से उठे यौन उत्पीड़न के आरोप

मलयालम अभिनेता सिद्दीकी ने मलयालम मूवी कलाकार संघ (एएमएमए) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने तब दिया जब उनके खिलाफ एक सह-अभिनेत्री, रेवती संपत, द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप फिर से सामने आए। रेवती ने दावा किया है कि 2016 में एक होटल में फिल्म परियोजना पर चर्चा करने के बहाने सिद्दीकी ने उन्हें बुलाया था, जहाँ उन्होंने कथित रूप से उनका यौन उत्पीड़न किया और शारीरिक रूप से हमला किया। यह आरोप सबसे पहले 2019 में #MeToo अभियान के दौरान लगाए गए थे और हाल ही में जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद यह मामला फिर से उठा।

जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट और फिल्म उद्योग की वास्तविकता

केरल सरकार द्वारा 2017 में एक अभिनेत्री के अपहरण और यौन उत्पीड़न के मामले के बाद जस्टिस हेमा समिति का गठन किया गया था। इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में व्याप्त व्यापक यौन उत्पीड़न और शोषण का विवरण दिया गया है। रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि महिला कलाकारों को अक्सर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है और उन्हें परिणाम भुगतने के डर से चुप करा दिया जाता है।

रेवती संपत के आरोप और उनका प्रभाव

रेवती संपत के आरोप और उनका प्रभाव

रेवती संपत ने कहा कि इस घटना के बाद उन्हें अपने करियर को छोड़ना पड़ा और उन्होंने मानसिक आघात का सामना किया। उन्होंने याद किया कि 2016 में सिद्दीकी ने उन्हें एक फिल्म परियोजना पर चर्चा करने के लिए एक होटल में बुलाया था। वहां, उनके अनुसार, सिद्दीकी ने उनका यौन उत्पीड़न किया और बाद में शारीरिक रूप से हमला किया। इस घटना के बाद रेवती ने अपने करियर को छोड़ने का फैसला किया और उनमें काफी मानसिक तनाव उत्पन्न हुआ।

सिद्दीकी का इस्तीफा और एएमएमए की प्रतिक्रिया

सिद्दीकी का इस्तीफा एएमएमए के कई सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया। एएमएमए के उपाध्यक्ष जयम चेरथला और अभिनेता अनुप चंद्रन ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसे गंभीर आरोपों के तहत सिद्दीकी के लिए पद को जारी रखना अनुचित था। अभिनेत्री माला पार्वथी ने भी इस इस्तीफे की सराहना करते हुए इसे 'नैतिक और नैतिक रूप से सही' बताया। सिद्दीकी ने एएमएमए अध्यक्ष मोहनलाल को अपने इस्तीफे का पत्र सौंपते हुए कहा कि इतने गंभीर आरोपों का सामना करते हुए पद पर बने रहना अनुचित था और कानूनी सलाह के बाद वे विस्तृत जवाब देंगे।

मलयालम फिल्म उद्योग में सुधार की मांग

मलयालम फिल्म उद्योग में सुधार की मांग

मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोप नई बात नहीं है। हाल की घटनाओं ने इस विषय को और अधिक ध्यान में ला दिया है और सुधार की मांग को बढ़ावा दिया है। जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट ने फिल्म उद्योग में बदलाव की आवश्यकता को सामने रखा है। इस रिपोर्ट ने यह दिखाया है कि महिलाओं को न केवल शोषण का सामना करना पड़ता है, बल्कि उन्हें चुप रहने के लिए मजबूर किया जाता है।

उद्योग की प्रतिक्रिया और भविष्य की दिशाएँ

फिल्म उद्योग के अन्य प्रमुख सदस्यों ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है और आरोपों की गंभीरता को स्वीकार किया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि आरोपों की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। यह मामला फिल्म उद्योग में बदलाव लाने और यौन उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लेने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

निष्कर्ष

सिद्दीकी का इस्तीफा और जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया है। यह घटनाएं फिल्म उद्योग में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती हैं और महिला कलाकारों को सम्मान और सुरक्षा के माहौल में काम करने का अवसर प्रदान कर सकती हैं।

Ankit Sharma

Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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