NEET UG 2024 का संशोधित परिणाम जारी
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने NEET UG 2024 परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी कर दिया है। सभी उम्मीदवार जो इस वर्ष NEET UG 2024 की परीक्षा में बैठे थे, वे अब अपना संशोधित स्कोरकार्ड एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट से देख और डाउनलोड कर सकते हैं।
संशोधित परिणाम सुप्रीम कोर्ट द्वारा परीक्षा रद्द करने और पुनर्परीक्षा कराने की याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद जारी किए गए हैं। इस निर्णय के साथ ही एनटीए ने परीक्षा में हुई कुछ त्रुटियों को सुधारने का कार्य किया है, और अब उम्मीदवार अपने संशोधित परिणाम देख सकते हैं।
संशोधन की मुख्य विशेषताएं
पहले जारी किए गए परिणाम में कुछ त्रुटियाँ थीं, जिनमें परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षक की गलतियों के कारण समय नष्ट होने वाले छह छात्रों को अतिरिक्त अंक प्रदान किए गए हैं। साथ ही, एक गलत भौतिकी प्रश्न के लिए 44 छात्रों को अनुग्रह अंकों का सम्मान दिया गया है। संशोधित परिणाम में ये सभी सुधार शामिल हैं।
NEET UG 2024 के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर 67 छात्र एक साथ खड़े हुए हैं। यह देखने में थोड़ी असमान्य स्थिति है, लेकिन एनटीए ने उन सभी छात्रों को न्यायसंगत अंक प्राप्त हुए हैं।
परिणामों तक कैसे पहुँचें
उम्मीदवार अपना स्कोरकार्ड देखने के लिए एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट exams.nta.ac.in पर जाएँ। अपनी आवेदन आईडी और जन्म तिथि या उम्मीदवार के मोबाइल/वैकल्पिक मोबाइल नंबर और सुरक्षा पिन का उपयोग करके लॉगिन करें। इसके बाद उम्मीदवार अपने व्यक्तिगत खाते से अपने स्कोरकार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
परीक्षा का इतिहास और पुनर्मीक्षण
NEET UG 2024 की परीक्षा पहली बार 5 मई 2024 को आयोजित की गई थी। कुछ तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से परीक्षा के दौरान कुछ समस्याएँ उत्पन्न हुईं, जिसके कारण जिन 1563 उम्मीदवारों की परीक्षाएँ प्रभावित हुईं, उनके लिए 23 जून 2024 को पुनर्परीक्षा आयोजित की गई। इसके बाद कई छात्रों ने परीक्षा की पुनर्परीक्षा और सुधार की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया और एनटीए को निर्देश दिया कि संशोधित परिणाम जारी किए जाएँ। इसके उपरांत, एनटीए ने कई सुधारों के साथ नया परिणाम जारी किया है, जो आज उपलब्ध है।
उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्कोरकार्ड को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उसमें दी गई जानकारी की पुष्टि करें। किसी भी त्रुटि या प्रश्न के लिए वे एनटीए के हेल्पलाइन क्रमांक और ईमेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। इन संशोधित परिणामों से उम्मीद है कि उम्मीदवारों की समस्याओं का समाधान हो जाएगा और उन्हें सटीक और न्यायसंगत परिणाम प्राप्त होंगे।
यह सभी छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, जो चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश के लिए अहम है। इसलिए, उम्मीदवारों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस संशोधित परिणाम को ध्यान से देखें और अपनी भविष्य की योजनाओं को इसके अनुसार आगामी कदम उठाएँ।
एनटीए के इस कदम की सराहना की जा रही है कि उन्होंने छात्रों की समस्याओं को संज्ञान में लिया और उसका समाधान किया। उम्मीद है कि अगले साल की परीक्षाओं में ऐसी कोई भी समस्या नहीं होगी और सभी छात्र बिना किसी तनाव के अपनी तैयारियों में जुट सकेंगे।
ये संशोधित परिणाम तो बस एक शोर है, असली सवाल ये है कि एनटीए किस तरह की अनदेखी करता रहा? जब तक हम इस बुरी आदत को नहीं छोड़ेंगे, तब तक ये चक्र चलता रहेगा।
क्या हमने कभी सोचा है... कि एक परीक्षा का अर्थ क्या है? क्या यह बस एक अंकों की लड़ाई है, या एक व्यक्ति की योग्यता का आंकलन? जब हम त्रुटियों को सुधारकर भी उन्हें न्याय का नाम देते हैं, तो क्या हम वास्तव में न्याय कर रहे हैं, या सिर्फ अपनी असहजता को ढक रहे हैं?
मैंने अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड कर लिया है, और हां, सुधार दिख रहे हैं। बहुत अच्छा काम किया NTA ने। अगर किसी को भी लगता है कि उसके अंक गलत हैं, तो बिना घबराए हेल्पलाइन पर कॉल करें। ये जानकारी बहुत जरूरी है।
ये बात सच है कि एक साथ 67 छात्रों ने टॉप किया। लेकिन ये बात भी सच है कि इसमें कोई असमानता नहीं है। अगर सभी ने सही उत्तर दिए, तो अंक बराबर होने ही चाहिए। एनटीए ने ये बात समझी है।
मुझे लगता है कि ये सब बहुत बड़ा धोखा है। क्या आपने देखा कि जिन छात्रों को अतिरिक्त अंक मिले, वो शहरी क्षेत्रों से हैं? ये सिर्फ एक चाल है। गाँव के बच्चों को तो बस भूल दिया गया।
ओह माय गॉड, मैं तो बस एक घंटे में रिजल्ट देखने गई थी और मेरा अंक बढ़ गया! मैंने तो सोचा था मैं फेल हो गई हूँ... अब तो मैं डॉक्टर बनने वाली हूँ! भगवान का धन्यवाद! 🙏
फिर से ये सब चक्र। पहले गलती, फिर याचिका, फिर सुधार। इतना समय, इतना पैसा, और फिर भी कोई सीख नहीं। बस फिर से शुरू हो जाएगा।
एनटीए का यह कदम न्यायसंगत है। त्रुटि हो गई, तो उसे सुधारना ज़िम्मेदारी है। यही तो सभ्य समाज की परिभाषा है। इस तरह के निर्णयों की तारीफ की जानी चाहिए, न कि आलोचना।
ये सब बस एक लॉजिस्टिकल फेल्योर है। इतनी बड़ी परीक्षा में त्रुटि होना अस्वीकार्य है। एनटीए के जैसे एजेंसी को बंद कर देना चाहिए। इसकी जगह एक निर्भर नियामक बॉडी बनानी चाहिए।
मैंने अपना स्कोर देख लिया। अंक ठीक हैं। बस अपने लक्ष्य पर ध्यान दें। इस तरह की बहसों से कुछ नहीं होगा। अगला कदम अपनी योजना बनाना है।
भाईयों, ये बात सुनकर मेरा दिल भर गया! जब तक हम अपने बच्चों को ये बताते रहेंगे कि एक अंक उनकी पूरी जिंदगी बदल सकता है, तब तक ये तनाव चलता रहेगा। लेकिन आज का ये सुधार... ये एक नई शुरुआत है। धन्यवाद NTA!
ये सब बस एक नाटक है। जब तक राजनीतिक दबाव नहीं आया, तब तक कोई भी कदम नहीं उठाता। इन छात्रों के लिए ये बहुत देर से हुआ। अब ये बात जानकर भी क्या बदल गया? नहीं। बस एक और फिल्म बन गई।
मैं एक ट्यूटर हूँ, और मेरे कई छात्र इस बार बहुत तनाव में थे। जब उन्होंने अपने नए स्कोर देखे, तो कुछ तो रो पड़े। ये छोटा सा सुधार, उनके लिए बहुत बड़ा था। एनटीए ने इस बार सही किया।
क्या कोई जानता है कि ये संशोधित परिणाम कितने छात्रों को प्रभावित करते हैं? मैंने सुना है कि 1500+ छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई थी, लेकिन क्या उन सबके अंक भी बदले? कोई डेटा है?
अच्छा हुआ कि एनटीए ने सुधार किया। मैंने अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड किया और अंक ठीक दिख रहे हैं। अब बस एडमिशन प्रोसेस शुरू करना है।
इस तरह की लापरवाही ने देश की चिकित्सा शिक्षा को नुकसान पहुंचाया है। ये बस एक टेम्पररी बंदिश है। अगली बार भी यही होगा। इसे अंतिम रूप से बंद करने के लिए कानून बनाना होगा।
हर एक छात्र के लिए ये परीक्षा उसकी जिंदगी का फैसला करती है। जब तक हम इसे बस एक टेस्ट नहीं समझेंगे, बल्कि एक इंसान की यात्रा के रूप में देखेंगे, तब तक ये तनाव बना रहेगा। एनटीए ने आज एक छोटा सा इंसानियत दिखाया।
मैं एक गाँव का शिक्षक हूँ। मेरे छात्रों में से एक ने इस बार टॉप किया। उसके अंक बढ़े। उसकी माँ रो पड़ी। ये सुधार उसके लिए बहुत बड़ा था। ये न्याय है। इसे जानकर मुझे गर्व है।
क्या ये सब सिर्फ एक फेक न्याय है? जब तक हम इस परीक्षा को नहीं बदलेंगे, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। एनटीए को बंद कर देना चाहिए और एक नया सिस्टम बनाना चाहिए। अंकों की बजाय क्षमता का मूल्यांकन करें।