NEET UG परीक्षा 2024 के केंद्रवार परिणाम घोषित
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने NEET UG परीक्षा 2024 के केंद्रवार परिणाम घोषित कर दिए हैं। यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार की गई है, जिसमें परीक्षा के कुछ केंद्रों पर अनुचित साधनों की जांच के लिए यह कदम उठाया गया है। NEET UG परीक्षा 2024 का आयोजन 5 मई, 2024 को किया गया था और इसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने NTA को निर्देश दिया था कि वह परीक्षा के केंद्रवार और शहरवार परिणाम जारी करे ताकि कुछ परीक्षा केंद्रों पर अनुचित साधनों के आरोपों की जांच की जा सके। इसके तहत, NTA ने परिणामों को इस प्रकार जारी किया है कि उनमें उम्मीदवारों का सीरियल नंबर और प्राप्तांक शामिल हैं, लेकिन कोई पहचान योग्य जानकारी जैसे रोल नंबर, नाम या आईडी नंबर शामिल नहीं है।
इस आदेश के पीछे कारण यह है कि कुछ परीक्षा केंद्रों पर अनुचित साधनों के उपयोग के आरोप लगे थे, जिनकी जांच के लिए केंद्रवार और शहरवार परिणामों की आवश्यकता थी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 22 जुलाई को याचिकाओं की सुनवाई करेगा, जिसमें परीक्षा रद्द करने, पुनः परीक्षा और अनुचित साधनों की जांच की मांग की गई है।
परिणाम कैसे देखें?
- उम्मीदवार सबसे पहले NTA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- वेबसाइट पर परिणाम से संबंधित लिंक पर क्लिक करें।
- अपना सीरियल नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज करें।
- परिणाम देखने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक करें।
उम्मीदवार परिणामों को डाउनलोड भी कर सकते हैं और भविष्य के लिए उसका प्रिंटआउट भी ले सकते हैं।
परीक्षा में अनुचित साधनों के आरोप
NEET UG परीक्षा 2024 के कुछ केंद्रों पर अनुचित साधनों के आरोप लगे थे। कई उम्मीदवारों और उनके परिवारों ने शिकायत की थी कि कुछ परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र लीक हुए थे या अनुचित साधनों का उपयोग किया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और NTA को आदेश दिया कि वह इस मामले की गहन जांच करे और निष्पक्ष परिणाम जारी करे। यही कारण है कि परिणाम केंद्रवार और शहरवार जारी किए गए हैं ताकि सत्यापन के दौरान कोई संदेह न रह जाए।
यह समस्या केवल एक राज्य या एक शहर की नहीं है, बल्कि कई राज्य और शहरों से ऐसे आरोप सामने आए हैं। इसलिए, सुप्रीम कोर्ट ने अनिवार्य किया कि सभी केंद्रों के परिणामों की डिटेल्स जारी की जाएं।
उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया
परिणामों की घोषणा के बाद, उम्मीदवारों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई उम्मीदवार इस निर्णय से खुश हैं क्योंकि इससे परीक्षा की पारदर्शिता और न्याय मिलना सुनिश्चित होता है। वहीं, कुछ उम्मीदवारों को पुनः परीक्षा की संभावना के कारण चिंता है क्योंकि इससे उनके भविष्य की योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
उम्मीदवारों का मानना है कि यदि पुनः परीक्षा आयोजित की जाती है, तो इसके लिए विस्तृत योजना बनानी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। कई उम्मीदवारों ने यह भी सुझाव दिया है कि परीक्षा के प्रोसेस में सुधार किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना ना करना पड़े।
भविष्य की संभावनाएं
आगामी दिनों में यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय क्या होता है। 22 जुलाई की सुनवाई के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि क्या परीक्षा रद्द की जाएगी या पुनः परीक्षा होगी। सभी संबंधित पक्षों को इस मामले में कोर्ट के निर्णय का इंतजार है।
इस मामले में जो भी निर्णय आएगा, वह यकीनन उम्मीदवरों के हित में होगा। परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि सभी आरोपों की गहन जांच की जाए और सच्चाई सामने आए।
ये केंद्रवार परिणाम जारी करना अच्छा फैसला है। अब सबको दिख रहा है कि कहाँ क्या हुआ। बस अब जांच भी अच्छी तरह से हो जाए यार।
अरे भाई ये सब तो बस धमाका है! जब तक राजनीति में नहीं घुस गए तब तक कोई नहीं सुनता था! अब सुप्रीम कोर्ट ने बोल दिया तो सब उठ खड़े हुए! ये जांच असली हो तो बहुत अच्छा होगा, वरना फिर से बस शोर हो जाएगा और भूल जाएंगे!
ये सब बेकार की धुंधलापन है! जो चाहते हैं वो तो पहले से ही अनुचित साधनों से निकल गए हैं! अब ये परिणाम जारी करके लोगों को झूठा आश्वासन दिया जा रहा है! जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है!
इस घोषणा के प्राकृतिक अर्थ को अध्ययन करने के लिए, हमें पहले निर्णय के सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ को समझना होगा। भारतीय शिक्षा प्रणाली में परीक्षा की पारदर्शिता एक अनिवार्य नैतिक आधार है, जिसका उल्लंघन एक व्यवस्थागत विफलता को दर्शाता है। इसलिए, केंद्रवार परिणामों का प्रकाशन एक न्यायालयीन निर्देश के रूप में नहीं, बल्कि एक अनिवार्य सामाजिक विमर्श के रूप में देखा जाना चाहिए।
हां, ये कदम बहुत अच्छा है। अब जांच भी अच्छी तरह से होनी चाहिए। बस इतना ही चाहिए - सच्चाई जानने की हिम्मत। जो ईमानदार थे उनका भविष्य बचेगा।
मुझे लगता है ये बहुत बड़ा कदम है। अगर किसी केंद्र पर लीक हुआ है तो उसका पता चल जाएगा। लेकिन अगर पुनः परीक्षा हुई तो उसके लिए एक अलग तरीका बनाना होगा - नहीं तो फिर से एक ही गलती हो जाएगी।
अच्छा हुआ कि परिणाम जारी कर दिए अब देखते हैं कि कौन से केंद्रों पर झूठ बोला गया अगर कुछ निकल गया तो अच्छा वरना फिर से बस शोर होगा
ये सब बकवास है! जिन्होंने लीक किया उन्हें जेल भेज देना चाहिए! और जिन्होंने बिना धोखे के परीक्षा दी उनको भी नहीं छोड़ना चाहिए! अब तो ये बात साफ है कि ये सब बाजार की बात है! जांच करो, नहीं तो देश बर्बाद हो जाएगा!!!
इस देश में हर बार जब कुछ गड़बड़ होता है तो हम सब एक दूसरे को दोष देते हैं। लेकिन अगर हम अपने अंदर देखें तो शायद हम सब मिलकर इस गड़बड़ का हिस्सा हैं। एक बार जांच हो जाए तो अब बस ये नहीं भूलना कि हम सबकी जिम्मेदारी है।
इस परिणाम के पीछे का मूल विचार यह है कि शिक्षा का अधिकार न्याय के साथ जुड़ा हुआ है। जब एक छात्र के लिए परीक्षा का निष्पक्ष आयोजन नहीं होता, तो वह अपने भविष्य के लिए एक अनुचित आधार पर खड़ा हो जाता है। यह एक नैतिक आपराध है। इसलिए, केंद्रवार परिणामों का प्रकाशन एक न्याय का प्रतीक है, जिसे हमें सम्मान देना चाहिए, न कि इसे राजनीतिक आंदोलन का टूल बनाना चाहिए।
अब तो ये सब बस नाटक है बस ये जांच हो जाए तो फिर भी जो चाहते हैं वो निकल जाएंगे और जो ईमानदार थे वो फिर से बर्बाद हो जाएंगे और ये चक्र फिर से शुरू हो जाएगा
इस देश में किसी को भी ईमानदारी से पढ़ने का मौका नहीं दिया जाता! जो बुद्धिमान है वो चालाकी से निकल जाता है! अब ये परिणाम जारी करके लोगों को ठगा जा रहा है! ये जांच भी झूठी होगी! अगर सच्चाई चाहिए तो पूरी परीक्षा रद्द कर दो!
अच्छा कदम। अब बस जांच अच्छी हो जाए।