पेरिस ओलंपिक 2024 के पहले दिन का भारतीय कार्यक्रम
पेरिस ओलंपिक 2024 का उत्साह चरम पर है और पहले दिन भारतीय खिलाड़ियों का कार्यक्रम बेहद रोमांचक है। इस दिन भारत के कई उच्चस्तरीय एथलीट मैदान में उतरेंगे और अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। भारतीय रोअर बलराज पंवार और निशानेबाज भारत की भागीदारी में मुख्य भूमिका निभाएंगे। पुरुष हॉकी टीम न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अपनी अभियान की शुरुआत करेगी। इसके साथ ही बैडमिंटन, टेनिस, और टेबल टेनिस में भी भारतीय खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीतने की कोशिश करेंगे।
महत्वपूर्ण खेल और समय
पहले दिन के प्रमुख इवेंट्स में बलराज पंवार पुरुषों की एकल तीन सवारी में भारतीय समयानुसार 12:30 बजे दोपहर में अपनी किस्मत आजमाएंगे। इसके अलावा, निशानेबाज संदीप सिंह और इलवेनिल वलारिवन 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम क्वालिफिकेशन में हिस्सा लेंगे। यह मुकाबला भी 12:30 बजे दोपहर में जब शुरू होगा, तो उम्मीदें सातवें आसमान पर होंगी।
रात की और भी रोचक बात यह है कि भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्या सेन पुरुषों की एकल ग्रुप मैच में ग्वाटेमाला के केविन कॉर्डन के खिलाफ उतरेंगे। यह मुकाबला 7:10 बजे शाम को होगा। इसके बाद सतविक्साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी पुरुषों की युगल ग्रुप मैच में फ्रांस के लुकास कोर्वी और रोनान लबार के खिलाफ 8 बजे शाम को खेलेंगे।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम का मुकाबला सबसे महत्वपूर्ण मुकाबलों में से एक होगा, जब वे रात 9 बजे न्यूज़ीलैंड के खिलाफ मुक़ाबला करेंगे। इस मैच का इंतजार हर भारतीय खेल प्रेमी को है। इसके अतिरिक्त भारतीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और एन श्रीराम बालाजी फ्रांस के ऐदोआ वास्सिलन और फैबियन रेबूल के खिलाफ मेन्स डबल्स का सामान रखना होगा। यह मैच भारतीय समयानुसार 3:30 बजे शाम को खेला जाएगा।
भारतीय खिलाड़ियों की तैयारी और उम्मीदें
भारतीय खिलाड़ियों ने आगामी मुकाबलों के लिए कड़ी मेहनत और तैयारियां की हैं। बलराज पंवार की बात करें तो उन्होंने पिछले कुछ महीनों में अपने प्रदर्शन में काफी सुधार किया है और उन्हें उम्मीद है कि वह इस मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इसी तरह निशानेबाज संदीप सिंह और इलवेनिल वलारिवन भी अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है और बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
हॉकी टीम की बात करें तो वे पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग अभ्यास कैम्प्स में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने में जुटी हुई हैं। कोच और खिलाड़ियों ने मिलकर हर छोटी-बड़ी कमजोरी पर काम किया है ताकि वे इस मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें। बैडमिंटन, टेनिस और टेबल टेनिस के खिलाड़ियों ने भी अपने खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने के लिए मेहनत की है।
निष्कर्ष
पेरिस ओलंपिक 2024 का पहला दिन भारतीय खिलाड़ियों के लिए भारी उम्मीदों और प्रतिस्पर्धा से भरा हुआ है। भारत के खिलाड़ी पूरी तैयारी और आत्म-विश्वास के साथ मैदान में उतरेंगे। उनके प्रदर्शन पर न सिर्फ उनके परिवार और कोच बल्कि पूरा भारत गर्व करेगा। हर खेल प्रेमी इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। क्या आप इस खेल उत्सव के लिए तैयार हैं? भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं और सफलता की उम्मीदें।
ये भारत की टीम है न? अगर ये भी हार गए तो फिर किसकी गारंटी है? जब तक हमारे खिलाड़ी अपने घर के बाहर नहीं जाते, तब तक वो अच्छा खेलते हैं! अब ओलंपिक पर नजर डालो तो देखो क्या होता है! ये सब बस धोखा है! खेल नहीं, राजनीति है! और हां, बलराज पंवार को तो तैयार करो ना, वो तो बस चलता है बिना सोचे!
इस दिन का महत्व बस जीतने का नहीं है। ये दिन हमारे खिलाड़ियों के दिलों की धड़कन है। जो बिना किसी सुविधा के, बिना किसी विश्राम के, बिना किसी सम्मान के अपना सब कुछ देते हैं। बलराज पंवार की बात करूँ तो उनकी लगन देखकर आँखें भर आती हैं। ये खेल नहीं, ये अहंकार है। और हम उस अहंकार के लिए खड़े हैं।
ओलंपिक एक ऐसा अवसर है जहाँ राष्ट्रीयता और मानवता एक हो जाती है। हम भारतीय खिलाड़ियों को जीतने के लिए नहीं, बल्कि उनकी साहसिकता के लिए समर्थन कर रहे हैं। बलराज पंवार के लिए जो तीन सवारी में भाग ले रहे हैं, वो एक ऐसे देश से आए हैं जहाँ खेल के लिए बुनियादी ढांचा अभी भी विकसित नहीं हुआ। इसलिए उनका प्रदर्शन एक विजय है। जीत या हार, वो इतिहास बना रहे हैं।
ये सब बस नाटक है भाई जी न्यूजीलैंड के खिलाफ हॉकी तो हमेशा जीतना है ना अन्यथा फिर टीम को बदल दो बैडमिंटन में लक्ष्या सेन का नाम तो सुना ही नहीं है क्या तुम लोग ये सब लिखकर नाटक क्यों कर रहे हो अगर वो जीत गए तो फिर भी ये नाटक चलता रहेगा
हमारे खिलाड़ी अभी तक किसी भी बड़े टूर्नामेंट में अच्छा नहीं खेल पाए हैं क्योंकि वो अपने देश के बाहर नहीं जाते जब तक वो अपने घर में नहीं जाते तब तक वो जीतते हैं अब ओलंपिक पर आए हैं तो फिर देखो क्या होता है ये खेल नहीं ये धोखा है और ये सब लोग बस नाटक कर रहे हैं
जीतो या हारो, तुम तो बस खेल रहे हो। इतना ही काफी है।
इस दिन का असली अर्थ ये है कि हम अपने खिलाड़ियों को उनकी असली पहचान के साथ देखें। बलराज पंवार केवल एक रोअर नहीं, वो एक ऐसे परिवार के बेटे हैं जिन्होंने अपने गाँव के तालाब में तैरना सीखा। संदीप सिंह की निशानेबाजी उनके गाँव के बच्चों की नींव है। ये खेल नहीं, ये जीवन है। हमें उनके संघर्ष को देखना चाहिए, न कि केवल तालियाँ बजाना।
मैंने बलराज पंवार के अभ्यास के वीडियो देखे हैं। वो सुबह 4 बजे उठकर अपने घर के बाहर एक छोटे से तालाब में रोइंग करते हैं। उनकी माँ उनके लिए रोटी बनाती हैं और उन्हें ले जाती हैं। ये खेल नहीं, ये परिवार की मेहनत है। हम भारत के लिए गर्व करते हैं क्योंकि ये खिलाड़ी हमारे घरों से आए हैं। ये विजय हमारी है।
ये दिन भारत के खिलाड़ियों के लिए नहीं, भारत के लिए है। जब लक्ष्या सेन ग्वाटेमाला के खिलाफ खेल रहे हैं, तो वो न केवल एक खिलाड़ी हैं, बल्कि एक ऐसी नई पीढ़ी के प्रतीक हैं जो अपने अवसरों को बदल रही है। हॉकी टीम का मुकाबला न्यूज़ीलैंड के खिलाफ एक ऐतिहासिक चुनौती है। ये वो दिन है जब भारत ने खेल के माध्यम से अपनी पहचान बनाई।
आप सब बस नाटक कर रहे हैं। बलराज पंवार का नाम तो बिल्कुल नहीं है। निशानेबाजी में भारत के लिए कोई बड़ा नाम नहीं है। ये सब फेक न्यूज़ है। और ये लोग बस ट्रेंड बनाने के लिए लिख रहे हैं। आप लोगों को ये सब पढ़ने की जरूरत नहीं है।