अदानी समूह – क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?
अदानी नाम सुनते ही आपके दिमाग में बड़े पोर्ट, ऊर्जा प्लांट और लॉटरी जैसी बातें आती हैं। ये सब एक ही कंपनी समूह का हिस्सा हैं – अदानी समूह। 1988 में गौतम अदानी ने छोटे व्यापार से शुरू किया, अब यह भारत के टॉप कॉंग्लोमेरेट में गिना जाता है।
समूह के पास पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, पावर जनरेशन, रेन्यूएबल एनर्जी, गैस, एग्रीकल्चर और डेटा सेंटर जैसी कई सेक्टर में कंपनियां हैं। इसका सबसे बड़ा प्रोजेक्ट मुंबई पोर्ट है, जो देश का सबसे व्यस्त कंटेनर पोर्ट बना हुआ है।
अदानी के मुख्य व्यापार क्षेत्र
1. **पोर्ट और लॉजिस्टिक्स** – भारत के कई प्रमुख पोर्ट, जैसे विष्णु, डामडाम और हावड़ा, अदानी ग्रुप के अधीन हैं। इससे शिपिंग और कंटेनर ट्रांसपोर्ट में तेजी आती है।
2. **पावर एंड एनर्जी** – अदानी पावर भारत में 5,000 मेगावॉट से ज्यादा जनरेट करती है। साथ ही सोलर और विंड प्रोजेक्ट भी बढ़ा रहा है, जिससे नई ऊर्जा पर ध्यान जाता है।
3. **गैस और अर्बन इनफ्रास्ट्रक्चर** – अदानी गैस इंडस्ट्री लिमिटेड लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (LPG) का बड़ा वितरक है। इनफ्रास्ट्रक्चर के तहत सड़कों के किनारे गैस पाइपलाइन भी बन रही हैं।
4. **एग्रीकल्चर और एड़वांस्ड मैन्युफैक्चरिंग** – अदानी एग्री प्रॉडक्ट्स फूड, एग्रीबिजनेस और रेटेल में निवेश कर रहा है। इससे किसान और उपभोक्ता दोनों को फायदा मिलता है।
अदानी के हाल के समाचार और विवाद
पिछले साल अदानी समूह को कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में वित्तीय जोखिम दिखाया गया, लेकिन समूह ने कहा कि सभी दावा गलत हैं और उसकी बैलेंस शीट मजबूत है। इस बीच, समूह ने नई लिफ्ट्स और सौर पार्क शुरू किए, जिससे ऊर्जा की कीमत घटाने की कोशिश है।
नवीनतम खबरों में, अदानी ने एशिया में नया LNG टर्मिनल खोलने की योजना बताई। यह टर्मिनल भारत के ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाएगा और उद्योग को स्थिरता देगा।
साथ ही, भारत सरकार ने कई नई पोर्ट टेंडर जारी किए हैं, और अदानी ने कई बिड्स दायर किए हैं। अगर सफल हुआ तो समूह की शिपिंग क्षमता और बढ़ेगी।
उपभोक्ता अक्सर पूछते हैं कि अदानी के शेयर में निवेश करना सुरक्षित है या नहीं। जवाब सरल है – किसी भी बड़े कॉंग्लोमेरेट की तरह, जोखिम और रिटर्न दोनों होते हैं। हमेशा अपनी रिसर्च करें और एक्सपर्ट की सलाह लें।
अंत में कहना चाहूँगा कि अदानी समूह का विस्तार और विविधता इसे भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती है। चाहे आप व्यवसायी हों, निवेशक हों या सिर्फ समाचार पढ़ना पसंद करते हों, अदानी की हर खबर आपके लिए कुछ न कुछ नया लेकर आती है।
11 अगस्त 2024
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सेबी अध्यक्ष मधाबी पुरी बुच ने हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि उनके पति द्वारा अदानी-लिंक ऑफशोर फंड में निवेश एक व्यक्तिगत मित्रता और पेशेवर योग्यता पर आधारित था। परिवार ने बताया कि फंड ने अदानी समूह के किसी भी शेयर में निवेश नहीं किया था और यह निवेश 2018 में CIO अनिल आहूजा के पद छोड़ने पर वापस ले लिया गया था।
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