आयकर ऑडिट क्या है? आसान जवाब और तैयारियों के टिप्स

जब आप आयकर रिटर्न भरते हैं, तो कभी-कभी आयकर विभाग आपको ऑडिट नोटिस भेज सकता है। यह नोटिस इसलिए आता है क्योंकि आपके फाइल में कोई बात उनके लिए सस्पिशस लगती है। ऑडिट का मतलब है कि विभाग आपके वित्तीय दस्तावेज़ों की गहराई से जांच करेगा। इसलिए पहले से तैयार रहना फायदेमंद है।

ऑडिट कब और क्यों बुलाता है विभाग?

आयकर ऑडिट के दो मुख्य कारण होते हैं – पहली, आपका टर्नओवर या देनदारी कुछ निर्धारित सीमा से ऊपर हो। दूसरी, आपके दावों में कुछ असामान्य या अनियमित दिखे। उदाहरण के तौर पर, अगर आपने बड़े पैमाने पर खर्चे दिखाए लेकिन आय कम दिखाई, तो विभाग उसे अच्छे से देखना चाहता है। इसी तरह, अगर आपके पास कई स्रोतों से आय है और आप उन्हें सही ढंग से नहीं बताया, तो भी ऑडिट हो सकता है।

ऑडिट के लिए कौन से दस्तावेज़ चाहिए?

ऑडिट नोटिस मिलने पर सबसे पहला काम है सभी दस्तावेज़ एक जगह इकट्ठा करना। आम तौर पर ये दस्तावेज़ चाहिए होते हैं:

  • बैलेंस शीट और प्रॉफिट‑और‑लॉस अकाउंट (यदि आप व्यवसाय चलाते हैं)
  • बैंक स्टेटमेंट्स, पासबुक या नकद लेन‑डेन की रसीदें
  • इनवॉइस, बिल, वैट रजिस्टर (यदि आप रजिस्टरड ट्रेडर हैं)
  • किराए, सैलरी स्लिप्स, पेंशन स्टेटमेंट आदि व्यक्तिगत आय के प्रमाण
  • भुगतान किए गए टैक्स की रसीदें और टैक्‍स फॉर्म (जैसे टीडीएस, टीडीएस‑आरसी)

इन सबको क्रम में रखिए, ताकि ऑडिटर को दिखाना आसान हो। अगर कोई दस्तावेज़ नहीं है तो भी सही कारण लिख कर प्रस्तुत कर सकते हैं – छुपा कर नहीं रखें, क्योंकि बाद में अटका पड़ सकता है।

ऑडिट के दौरान आपका सहयोग महत्वपूर्ण है। ऑडिटर प्रश्न पूछेगा, लेकिन डरने की जरूरत नहीं। अगर आपको किसी चीज़ की समझ नहीं है, तो टैक्स सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट से मदद ले सकते हैं। उनके पास सही तरीके से जवाब देने की तकनीक होती है।

ऑडिट का परिणाम दो तरह का हो सकता है – या तो सभी चीज़ें ठीक पाई जाएँगी और कुछ नहीं बदलेगा, या फिर टैक्स का कुछ हिस्सा अतिरिक्त देना पड़ सकता है। अगर अतिरिक्त टैक्स देना पड़े तो समय पर भुगतान करें, ताकि पेनाल्टी या इंटरेस्ट न लगे।अंत में, ऑडिट से बचने की कोशिश नहीं, बल्कि सही रिकॉर्ड रखने और टैक्स रिटर्न सही भरने पर ध्यान दें। नियमित रूप से अकाउंटेंट से मिलें, सभी लेन‑डेन डिजिटल रखें, और साल‑दरों में टैक्स प्लानिंग करें। इससे न केवल ऑडिट का डर कम होगा, बल्कि आपका टैक्स भी वैध रहेगा।

उम्मीद है अब आप आयकर ऑडिट को समझ गए होंगे और आगे की प्रक्रिया में तैयार रहेंगे। अगर कोई सवाल है, तो कमेंट में पूछिए, हम जवाब देंगे।

आयकर ऑडिट रिपोर्ट की समय सीमा बढ़ाई गई: नई अंतिम तारीख की घोषणा

1 अक्तूबर 2024 · 0 टिप्पणि

आयकर ऑडिट रिपोर्ट की समय सीमा बढ़ाई गई: नई अंतिम तारीख की घोषणा

आयकर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा अब 30 सितंबर 2024 से बढ़ाकर 7 अक्टूबर 2024 कर दी गई है। यह विस्तार उन सभी करदाताओं पर लागू होता है जिन्हें अपनी आयकर ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होती है। इस निर्णय के बाद से टैक्सपेयर्स और पेशेवरों को राहत मिलेगी, खासकर उन तकनीकी चुनौतियों के बीच जो आयकर पोर्टल पर सामने आ रही थीं।

और पढ़ें