भारत-चीन संबंध: क्या है नया?
भारत और चीन के बीच रिश्ते हमेशा चढ़ाव‑उतार वाले रहे हैं। कभी व्यापार में सहयोग, तो कभी सीमा पर तनाव। अगर आप आज के माहौल को समझना चाहते हैं, तो इस लेख में हम मुख्य बिंदुओं को आसान भाषा में बताएँगे।
मुख्य मुद्दे
सबसे बड़ा सवाल अक्सर सीमा का रहता है। अड़राष्ट्रीय सीमा पर कई बार टक्कर हो गई है, खासकर अड़्रावती और लद्दाख में। हाल ही में दोनों देशों ने सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता किया, लेकिन अस्थायी रुकावटें अभी भी बनी हुई हैं।
व्यापार भी एक अहम पाई माना जाता है। चीन भारत का बड़ा आयात साथी है, जबकि भारत चीन को शराब, प्रोटीन और कुछ एग्री‑प्रोडक्ट्स निर्यात करता है। हालिया डेटा बताता है कि इस साल दोनों देशों के बीच व्यापार 10 % बढ़ा है, लेकिन कस्टम ड्यूटी और तकनीकी प्रतिबंधों के कारण कुछ सेक्टर में बाधाएं बनी हैं।
राजनयिक स्तर पर, दोनों देशों ने कई मल्टी‑स्टार प्लेटफ़ॉर्म पर बात की है – शंघाई सहयोग संगठन, ब्रिक्स और एशिया‑पैसिफिक वार्ता। इन मंचों पर सहयोग के मौके बढ़ते दिख रहे हैं, पर कभी‑कभी रणनीतिक मतभेद भी सामने आते हैं, जैसे सऊदी‑ईरान के बीच भू‑राजनीतिक टकराव।
भविष्य की दिशा
आगे क्या हो सकता है? विशेषज्ञ कहते हैं कि दोनों देशों को आर्थिक निर्भरता को संतुलित रखने की जरूरत है, वर्ना व्यापार के चक्र में अस्थिरता आएगी। साथ ही, सीमा पर स्थायी समझौते के लिए दो‑तरफ़ा संवाद जारी रखना जरूरी है।
यदि आप इस विषय पर गहराई से पढ़ना चाहते हैं, तो स्मार्टटेक समाचार में उपलब्ध लेख देखें: ‘भारत‑चीन टोकरी‑बाजार’, ‘आखिरी सीमा टकराव’ और ‘उच्च तकनीक सहयोग के नए प्रोजेक्ट्स’। इस टैग पेज पर सारे अपडेट एक ही जगह मिलेंगे, जिससे आपको हर प्रकाशन का सार मिल जाएगा।
आखिर में, सवाल यही है – क्या आप चाहते हैं कि भारत‑चीन संबंध सहयोगी हों या तनाव‑पूर्ण? आपके विचार और टिप्पणी इस पर चर्चा को और जोरदार बनाएँगी। पढ़ते रहें, समझते रहें, और अपने विचार साझा करें।
29 जून 2024
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विक्रम मिश्री, 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी, भारत के नए विदेश सचिव नियुक्त किए गए हैं। वे हर्ष वर्धन श्रृंगला का स्थान लेंगे, जो 30 अप्रैल 2023 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मिश्री वर्तमान में चीन में भारत के राजदूत हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
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