ब्लू लाइट थेरेपी: कैसे मदद करती है और कब अपनाएँ
जब हम ब्लू लाइट थेरेपी, नीली रोशनी का नियंत्रित उपयोग करके शरीर के बायोलॉजिकल रिदम को संतुलित करने की तकनीक. भी कहा जाता है नीली रोशनी उपचार की बात करते हैं, तो अक्सर दो सहायक अवधारणाएँ सामने आती हैं – स्लीप क्वालिटी, रात के सोने‑जागने के चक्र की गुणवत्ता और डिजिटल आई स्ट्रेन, स्क्रीन की तेज़ नीली रोशनी से आँखों में थकान व जलन. ब्लू लाइट थेरेपी इन दोनों को सीधे प्रभावित करती है: यह स्लीप क्वालिटी को सुधारती है और डिजिटल आई स्ट्रेन को कम करती है।
मुख्य पहलू और असर
पहला सिद्धान्त यह है कि ब्लू लाइट थेरेपी हमारे सर्कैडियन क्लॉक (आंतरिक जैविक घड़ी) को रीसेट करती है। सुबह की तेज़ रोशनी में 10‑30 मिनट का एक्सपोजर मेलेटोनिन उत्पादन को दबा देता है, जिससे जागरूकता बढ़ती है और दिन के काम में ऊर्जा मिलती है। दूसरा, शाम के समय नीली रोशनी को कम करके, चाहे स्क्रीन शेड या नाइट मोड के ज़रिए, मेलेटोनिन फिर से रिलीज़ हो पाता है और नींद में आसानी होती है। इस दो‑तरफ़ा नियम ने कई छोटे‑बड़े प्रयोगों में स्लीप क्वालिटी में 20‑30% सुधार दिखाया है।
दूसरी ओर, डिजिटल आई स्ट्रेन को घटाने में ब्लू लाइट फ़िल्टर या एंटी‑ब्लू ग्लासेज़ का उपयोग एक सहायक टूल बन गया है। जब हम स्क्रीन देख रहे होते हैं, तो ब्लू लाइट रेटिना पर सीधे असर डालती है, जिससे कंजंक्टिवा सूख जाता है और आँखों में जलन महसूस होती है। आधुनिक फ़ोन और लैपटॉप में बिल्ट‑इन नाइट मोड, जो नीली रोशनी को 650 nm‑से 500 nm तक कम करता है, अधिकांश उपयोगकर्ताओं में आँखों की थकान को आधा कर देता है। यह भाग ब्लू लाइट थेरेपी के साथ मिलकर काम करता है: थेरेपी सही समय पर रोशनी प्रदान करती है, जबकि फ़िल्टर अनावश्यक एक्सपोज़र को रोकते हैं।
तीसरा महत्वपूर्ण असर मूड सुधार से जुड़ा है। कई अध्ययन दर्शाते हैं कि ब्लू लाइट थेरेपी का उपयोग सर्दियों के डिप्रेशन (सादराइन डिसऑर्डर) में लक्षणों को घटाता है। यह इसलिए क्योंकि नीली रोशनी से सेरोटोनिन स्तर बढ़ता है, जो ह्यूमन बॉडी को खुश महसूस कराता है। वास्तव में, कुछ डॉक्टर रोगियों को सुबह 15‑20 मिनट की ब्लू लाइट सेक्शन देने की सलाह देते हैं, जिससे अवसाद के संकेत घटते हैं और दैनिक ऊर्जा बढ़ती है।
अब सवाल ये उठता है – ब्लू लाइट थेरेपी को कब और कैसे अपनाएँ? सबसे आसान तरीका है: सुबह उठते ही एक छोटा विंडो खोलें या लाइट बॉक्स के सामने 10‑15 मिनट बैठें। शाम को स्क्रीन पर नाइट मोड सक्रिय करें, और अगर आप देर तक काम कर रहे हैं तो ब्लू‑लाइट ब्लॉकर चश्मा पहनें। ध्यान रखें कि बहुत ज़्यादा रोशनी (हैविएर बैकलाइट) भी सप्लीमेंट की तरह काम कर सकती है, इसलिए निर्देशित डोज़ का पालन करना जरूरी है।
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27 सितंबर 2025
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Sun Pharma ने FDA की Real‑Time Review प्रक्रिया के तहत अपने नए BLU‑U ब्लू लाइट फ़ोटोडायनामिक थेरपी डिवाइस को मंजूरी दिलाई। यह उपकरण LED तकनीक से लैस है और एक्टिनिक केराटोसिस के इलाज में LEVULAN KERASTICK के साथ काम करता है। FDA की स्वीकृति कंपनी की डर्मेटोलॉजी में नवाचार को रेखांकित करती है। नई तकनीक डेंटरोलॉजिस्ट के कमरे में जगह बचाती है और मरीजों को आराम देती है। CEO अभय गांधी ने इस कदम को रोगियों के जीवन में सुधार के रूप में देखा।
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