Deepinder Goyal: ज़ोमैटो के संस्थापक और भारतीय स्टार्टअप कहानी
अगर आप कभी ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते हैं, तो Deepinder Goyal का नाम आपके मोबाइल स्क्रीन के पीछे छिपा है। 2008 में उन्होंने फूड‑डाइरेक्ट के रूप में छोटा‑सा प्रोजेक्ट शुरू किया, जो आज ज़ोमैटो बन गया है। यह कहानी सिर्फ एक बड़ी कंपनी की नहीं, बल्कि एक ऐसे उद्यमी की है जो असफलता को सीख के रूप में लेता है।
शुरुआती साल और ज़ोमैटो की शुरुआत
Deepinder का जन्म दिल्ली में हुआ, और बचपन से ही उन्हें टेक्नोलॉजी और बाजार दोनों में रूचि थी। कॉलेज के बाद उन्होंने कुछ कंपनियों में काम किया, लेकिन वहीँ उन्हें अपने खुद के आइडिया की ठंडक महसूस हुई। 2006 में, उन्होंने अपने दोस्त पंकज चड्ढा के साथ फ़ूड‑डाइरेक्ट की बूटिक शुरू की, जो शुरुआती रेस्तरां को ऑनलाइन लिस्टिंग देता था। शुरुआती दिनों में ग्राहक बहुत कम थे, लेकिन उन्होंने निरंतर डेटा एनालिसिस और उपयोगकर्ता फीडबैक से प्रोडक्ट को सुधारते रहे।
2010 में ज़ोमैटो का री‑ब्रांडिंग हुआ, जिससे ब्रांड की पहचान साफ़ हो गई। अब न सिर्फ़ लिस्टिंग बल्कि रिव्यू, बुकिंग और डिलीवरी तक का इको‑सिस्टम बन गया। Deepinder ने निवेशक को दिखाया कि भारतीय शहरों में फूड डिलीवरी के लिए बड़ा अवसर है, और धीरे‑धीरे वेंचर कैपिटल से फंडिंग मिली।
उद्यमी सोच और भविष्य की योजना
आज ज़ोमैटो भारत, एशिया और कुछ यूरोपीय देशों में काम करता है। Deepinder का फोकस सिर्फ़ बड़ापन नहीं, बल्कि सतत विकास पर है। उन्होंने बताया कि अगला कदम AI‑आधारित प्रेडिक्शन मॉडल है, जिससे डिलिवरी टाइम घटेगा और रेस्टोरेंट के लिए लागत कम होगी। साथ ही, उन्होंने स्थानीय रेस्टोरेंट को डिजिटल टूल्स देने की योजना बनाई है, ताकि छोटे व्यापारियों को भी बड़े मंच पर मौका मिले।
उन्हें अक्सर “इंडिया का एरिक शोले” कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने कम संसाधनों से भी बड़ा मुकाम हासिल किया। उनका मानना है कि असफलता को जल्दी पहचानना और फिर से कोशिश करना ही सफलता की चाबी है। इस सोच को वह अपने टीम में भी लागू करते हैं, जिससे ज़ोमैटो में नवाचार की रफ्तार तेज़ रहती है।
Deepinder की कहानी का सबसे बड़ा सिखावन यह है कि बड़े सपने देखने से पहले छोटे‑छोटे कदमों की जरूरत होती है। अगर आप स्टार्टअप की सोच रहे हैं, तो उनके अनुभव से सीखें – पहले प्रोटोटाइप बनाइए, फीडबैक ले, फिर स्केल करें। यह तरीका ही आज के कई सफल भारतीय उद्यमियों ने अपनाया है।
भविष्य में Deepinder Goyal नई टेक्नोलॉजी जैसे ब्लॉकचेन और इको‑सिस्टम इंटीग्रेशन पर भी काम कर रहे हैं, ताकि खाने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और किफ़ायती बन सके। अगर आप टेक या फूड‑टेक सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं, तो उनकी यात्रा को मॉडेल बनाकर आप भी अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।
23 अगस्त 2024
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