डेटा सेंटर आग – कारण, रोकथाम और सुरक्षा उपाय
डेटा सेंटर आज के डिजिटल दौर में हर कंपनी की रीढ़ है, लेकिन अगर आग लग जाए तो सब कुछ एक पल में ध्वस्त हो सकता है। इसलिए फायर प्रिवेंशन को गंभीरता से लेना ज़रूरी है। इस लेख में हम बताएंगे कि डेटा सेंटर में आग क्यों लगती है, उससे बचने के लिए कौन‑कौन से कदम उठाने चाहिए और आपदा के समय क्या करना चाहिए। पढ़ते रहिए, ताकि आपका सर्वर रूम हमेशा सुरक्षित रहे।
डेटा सेंटर में आग के आम कारण
सबसे पहले समझें कि आग कहाँ से शुरू होती है। ओवरहीटिंग सबसे बड़ा कारण है – जब सर्वर या पावर इक्यूमेंट लगातार गर्म होते रहते हैं और सही कूलिंग नहीं मिलती। दूसरी वजह इलेक्ट्रिकल शॉर्ट या फॉल्टी केबलें हैं, जो अक्सर पुरानी या अंडर‑रेटेड वायरिंग से होती हैं। कभी‑कभी बैटरी या UPS सिस्टम से लीक हुए एसिड या गैस भी फायर ट्रिगर कर सकते हैं। इन कारणों को पहचानकर आप प्री‑एवंटिव रूप से कदम उठा सकते हैं।
रोकथाम के प्रमुख उपाय
रोकथाम के लिए सबसे पहले उचित कूलिंग सिस्टम लागू करें – एयर कंडीशनिंग, इंटेलिजेंट फैन कंट्रोल और एंटी‑ओवरहीट सेंसर। हर रैक में तापमान मॉनिटर करना जरूरी है, ताकि किसी भी असामान्य वृद्धि पर अलर्ट मिल सके। दो‑तीन साल में एक बार पावर लाइनों की इंस्पेक्शन कराएँ और सभी कनेक्शन को लेबल करें। फायर डिटेक्शन के लिए VESDA (विज़न एंसेस) या इंटीग्रेटेड स्प्लिंक सिस्टम लगाएँ, जो धुआँ या गर्मी को तुरंत पहचानते हैं।
आग से बचाव के लिए स्पार्क‑रिजिस्टेंट सामग्री का इस्तेमाल करें – फायर‑रेटेड केबल शीथ, एंटी‑स्टैटिक फ़्लोरिंग और बर्न‑रिजिस्टेंट दीवार पैनल। साथ ही, डेटा सेंटर के अंदर रखी सभी इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट को नियमित सर्विसिंग करवाएँ ताकि डस्ट और गंदगी जमा न हो, जो ओवरहीटिंग को तेज़ कर देती है।
आपदा के समय क्या करें? सबसे पहले एवरी‑पोर्टेबल फ़ायर एक्सटिंग्यूशर (APF) या FM‑200 सिस्टम को सक्रिय करें। एहतियात के तौर पर एक स्पष्ट एमरजेंसी प्लान बनाएं जिसमें एवल्यूएशन रूट, मीटिंग पॉइंट और जिम्मेदार लोगों के नाम हो। ट्रेनिंग नियमित करवाएं, ताकि हर कर्मचारी जानता हो कि अलार्म सुनते ही कौन‑सा कदम उठाना है।
एक छोटे केस स्टडी से समझते हैं – एक बड़ी भारतीय बैंक ने 2022 में अपने डेटा सेंटर में फायर सेंसर्स नहीं लगाए थे, जिससे एक छोटा इलेक्ट्रिकल शॉर्ट बड़े नुकसान में बदल गया। आज वही बैंक हॉलैंड में एंटी‑फायर सिस्टम और थ्री‑लेयर मॉनिटरिंग लागू कर चुका है, और कोई भी इन्किडेंट नहीं हुआ। इस तरह की सीखें हमें दिखाती हैं कि छोटी‑छोटी चूकों को सुधारना कितना महत्वपूर्ण है।
समाप्ति में, डेटा सेंटर आग को रोकना कोई जटिल कार्य नहीं है, बस सही प्रिवेंशन टूल्स और प्रोसेस को अपनाना है। अगर आप ऊपर दिए गए उपायों को नियमित रूप से फॉलो करेंगे, तो आपका आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर हमेशा सुरक्षित रहेगा और आप अनावश्यक नुकसान से बचेंगे। अब आपके पास वो जानकारी है, जो हर डेटा सेंटर मैनेजर को चाहिए – तो क्या आप तैयार हैं अपना सेंटर फायर‑सेफ़ बनाने के लिए?
17 सितंबर 2024
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17 सितंबर 2024 को रिलायंस जियो के नेटवर्क में बड़ी बाधा आई, जिसने हजारों उपयोगकर्ताओं को प्रभावित किया। मुंबई में इस सेवा में खासा प्रभाव देखा गया, जबकि दिल्ली में यह काम कर रही थी। डेटा सेंटर में आग लगने को इस बाधा का कारण बताया गया।
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