हरीयाली तीज क्या है और क्यों मनाते हैं?

हरीयाली तीज भारत के कई हिस्सों में मनाया जाने वाला पवित्र त्योहार है। यह मुख्यतः महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए मनाती हैं। तीज का समय शरद ऋतु में आता है, जब पेड़‑पौधे हरे‑भरे होते हैं, इसलिए इसे ‘हरीयाली’ कहा गया। लोग इस दिन को रंग‑बिरंगे कपड़े, फूलों की सजावट और गाने‑बजाने के साथ धूमधाम से मनाते हैं।

हिंदू पौराणिक में इस तीज की जड़ें ब्रज में रचने वाले रावण के बंधनों को तोड़ने में नथ नैन की कहानी से जुड़ी हैं। इस दिन महिलाएँ जल में अर्घ्य डालती हैं और मां ह्री को समर्पित गीत गाती हैं। यह पूजा न केवल देवी‑देवताओं को अर्पित होती है, बल्कि अपनी स्वयं की शक्ति को भी सशक्त बनाती है।

हरीयाली तीज के मुख्य रिवाज़

सबसे पहले, महिलाएँ सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और पारम्परिक वस्त्र पहनती हैं। उनका रंग अक्सर लाल या हरा होता है, जिससे उत्सव की तेज़ी झलकती है। फिर वे अपने घर में पाणि या दुध से बना ‘हरित’ जल तैयार करती हैं और उसे ह्री को अर्पित करती हैं। अक्सर पिंडली पर नारियल, फूल और फल रखे जाते हैं।

रात में सभी महिला अपने-अपने पति को 'तंतु' या 'बाइंडर' पहनाती हैं, जो सुरक्षा का प्रतीक है। इस दौरान गाने‑बजाने की धूम रहती है, जिसमें पारम्परिक ‘तीजिया’ गाने लोकप्रिय होते हैं। कई घरों में चित्रकला एवं पिबीएल (पीली लोटा) भी बनवाते हैं, जिससे मन की शांति मिलती है।

घर में और बाहर कैसे मनाएँ

घर की सजावट सरल लेकिन प्रभावी होनी चाहिए। दरवाज़े पर बरसों के पत्ते, गन्ने और गुड़ की माला बांधें। लाला (टेस्टी) को विभिन्न रंगों में सजाएँ और टेबल पर रैशमी कपड़े या पंखुड़ी बिछाएँ। अगर आपके पास बगीचा है तो पेड़ के चारों ओर रंगीन लाइट्स लगाएँ, जैसे हरियाली का विस्तार हो रहा हो।

भोजन में मीठा और नमकीन दोनों का संतुलन रखें। लड्डू, जलेबी, बेसन के चिप्स, हरे पत्ते के साथ बनी सब्ज़ी—इन सभी चीज़ों से मेहमानों को खुश रखा जा सकता है। अगर बाहर घूमना चाहते हैं, तो मीठे पानी की झील या तालाब के किनारे जाएँ, जहाँ लोग तीज के गीत गाते हुए जल में अर्घ्य डालते हैं।

बच्चों को भी इस उत्सव में शामिल करना आसान है। उन्हें छोटे‑छोटे फूलों या रंगीन धागे बांधकर छोटा‑छोटा मंदिर बनाएं। इससे उनका उत्साह बढ़ता है और तीज की भावना पूरे घर में फैल जाती है।

सारांश में, हरीयाली तीज सिर्फ़ एक धार्मिक समारोह नहीं है, बल्कि यह सामाजिक बंधन और प्रकृति के सम्मान का प्रतीक भी है। यदि आप सही तैयारी और दिल से जश्न मनाते हैं, तो यह त्योहार आपके जीवन में खुशहाली और सामंजस्य लेकर आएगा।

हरीयाली तीज 2024: अपने प्रियजनों के साथ साझा करने के लिए शुभकामनाएं

7 अगस्त 2024 · 0 टिप्पणि

हरीयाली तीज 2024: अपने प्रियजनों के साथ साझा करने के लिए शुभकामनाएं

हरीयाली तीज भारतीय महिलाओं द्वारा विशेष रूप से राजस्थान और हरियाणा में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्योहार है। यह सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आता है और भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन से जुड़ा होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख के लिए व्रत रखती हैं। इसमें मेहंदी लगाना, नये कपड़े पहनना, लोक नृत्य और गीत शामिल होते हैं।

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