इलाहाबाद हाईकोर्ट – नवीनतम समाचार और अपडेट

जब आप भारत की न्यायिक प्रणाली को समझते हैं, तो इलाहाबाद हाईकोर्ट, उत्तर प्रदेश के मुख्य उच्च न्यायालय में से एक है. इसे अक्सर U.P. High Court कहा जाता है, और इसका काम राज्य‑स्तर के मामलों को सुनना, आदेश देना और कानून की व्याख्या करना है।

यह हाईकोर्ट उच्च न्यायालय, राज्य‑स्तर की न्यायिक संस्था के बड़े वर्ग में आती है, जबकि सुप्रीम कोर्ट, देश का सर्वोच्च न्यायालय इसके फैसलों की अपील सुनता है। इसलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का हर फैसला देश‑व्यापी न्यायिक दिशा‑निर्देशों को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा न्यायिक सुधार, न्यायपालिका को अधिक पारदर्शी और तेज़ बनाने की प्रक्रिया के तहत कई डिजिटल पहलें यहाँ लागू हो रही हैं, जैसे ई‑फ़ाइलिंग प्रणाली और वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग।

मुख्य कार्य और अधिकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास सिविल, आपराधिक, कर और संवैधानिक मामलों में अधिकार है। यह न केवल निचले न्यायालयों के आदेशों को रद्द या बदल सकता है, बल्कि विशेष अधिकारों की हनन को रोकने के लिये प्रेसरिपीट (विचार आदेश) भी जारी करता है। हाल ही में इस कोर्ट ने पर्यावरण‑सुरक्षा, अधिकार‑सुरक्षा और डिजिटल‑डेटा‑प्राइवेसी से जुड़ी कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। इन मामलों में अक्सर अदालत का तकनीकी ज्ञान और सामाजिक समझ दोनों का मिश्रण दिखता है।

अगर आप कानूनी पेशेवर या आम जनता हैं, तो इस टैग पेज पर आप पाएँगे इलाहाबाद हाईकोर्ट के नवीनतम फैसले, हाइलाइट्स और विश्लेषण। यहाँ प्रस्तुत लेखों में आप कोर्ट की कार्यवाही, प्रमुख जजों की प्रोफ़ाइल, और नए न्यायिक तकनीक के उपयोग को समझ पाएँगे। चाहे वह हाईकोर्ट की सुनवाई में डिजिटल साक्ष्य की भूमिका हो या नई अदालत‑निर्माण परियोजनाओं की रिपोर्ट, सब कुछ यहाँ मिल जाएगा। अब नीचे दिए गए लेखों में डुबकी लगाएँ और देखें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट किस तरह से कानून को जीवित रख रहा है।

राजीव नयन मिश्रा को हाईकोर्ट ने जमानत, पेपर लीक केस में रिहाई का रास्ता साफ

9 अक्तूबर 2025 · 3 टिप्पणि

राजीव नयन मिश्रा को हाईकोर्ट ने जमानत, पेपर लीक केस में रिहाई का रास्ता साफ

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 25 अक्टूबर 2024 को राजीव नयन मिश्रा को जमानत दे दी, जिससे उत्तर प्रदेश में आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस में उनकी रिहाई संभव हो गई।

और पढ़ें