कार्डियक अरेस्ट: तुरंत क्या करें?
हृदय अचानक रोक देने को कार्डियक अरेस्ट कहते हैं. इस स्थिति में रक्त दिमाग तक नहीं पहुँच पाता और सेकंड में मौत का खतरा बन जाता है. लेकिन अगर आप सही कदम जल्दी उठाएँ तो कई जीवन बचाए जा सकते हैं. चलिए जानते हैं क्या संकेत होते हैं और शुरुआती मिनटों में क्या करना चाहिए.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
कार्डियक अरेस्ट के दौरान व्यक्ति किसी भी तरह की आवाज़ नहीं सुनता, सांसें नहीं लेता और हाथ‑पैरों में झटके नहीं होते. अक्सर लोग उन्हें गिरते हुए, बेहोश या चेहरे पर पीलापन देख सकते हैं. अगर आप किसी को देखते हैं कि वह अचानक बोलना बंद कर गया, धड़कन नहीं सुनाई दे रही, या उसकी छाती में कोई ताल नहीं है, तो यह कारडियक अरेस्ट का संकेत हो सकता है.
पहले मिनट में क्या करें
समय बहुत कम होता है, इसलिए नीचे दिए गए कदम तुरंत अपनाएँ:
- सुरक्षा जाँचें: सुनिश्चित करें कि आप और मरीज दोनों सुरक्षित हैं.
- जाँचें कि वह साँस ले रहा है या नहीं: मुँह‑नाक के ऊपर आप अपना चेहरा रखकर 10 सेकंड तक देखें या सुनें.
- डायरेक्ट कॉल करें: अगर कोई भी कनेक्शन है तो 112 या अपने लोकल इमरजेंसी नंबर पर तुरंत कॉल करें.
- सीपीआर शुरू करें: दो‑तीन इंच गहरी धक्का दें, 30 धक्के और फिर 2 बार ब्रेस्ट को दबाकर वेंटिलेशन (अगर आप कर सकते हैं) दें. अगर ब्रेस्ट मार्जिन नहीं है तो सिर्फ धक्के ही चलाएँ.
- ऑटोमैटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (AED) लाएँ: यदि आसपास AED है तो उसे चालू करें, आवाज़ों का पालन करें और पैड को छाती पर सही जगह लगाएँ.
ध्यान रखें, धक्का देते समय हाथ स्थिर रखें, रिदम तेज़ न हो, और हर 30 धक्के के बाद दो बार वेंटिलेशन करें (अगर आप कर सकते हैं). अगर आप धक्का देने में असहज हैं तो भी धक्का देना बेहतर है, यह बम्पर को दो कपड़े के बीच में रखने जैसा नहीं, बल्कि सीधा छाती पर दबाव देना है.
ऐसी स्थिति में कई गलतफहमियां रहती हैं. लोग सोचते हैं कि “अगर साँस नहीं रुकती तो मदद नहीं करनी चाहिए” या “डिफिब्रिलेटर सिर्फ अस्पताल में ही मिलती है”. ये मिथ्याएँ जीवन खतरनाक बना देती हैं. छोटे शहरों में भी अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर AED रखी जाती है, बस पहचानना सीखें.
सीपीआर और AED का अभ्यास करने के लिए स्थानीय अस्पताल या रेड क्रॉस के फ्री कोर्स ले सकते हैं. एक बार सीखने से आप दोस्त, परिवार या किसी अजनबी की ज़िंदगी बचा सकते हैं.
खास बात यह है कि पहला कदम करने में देर न हो. यदि आप 4‑5 मिनट तक कोई मदद नहीं करते तो मस्तिष्क में नुकसान स्थायी हो सकता है. इसलिए, धक्का, कॉल और डिफिब्रिलेटर, तीनों को एक साथ चलाते रहें, जब तक पेशेवर मदद न पहुँचे.
कार्डियक अरेस्ट का सामना हर कोई कर सकता है, लेकिन सही जानकारी और अभ्यास से आप एक नायक बन सकते हैं. इस लेख को शेयर करें, ताकि आपके आस‑पास हर कोई जानता हो कि जीवन‑रक्षा के लिए क्या करना है. याद रखें, मदद का पहला कदम आपका खुद का हिम्मत भरा फ़ैसला है.
8 सितंबर 2024
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मशहूर भारतीय टीवी अभिनेता विकास सेठी का 8 सितंबर 2024 को 48 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। चंडीगढ़ में जन्मे विकास ने कई लोकप्रिय टीवी शो और फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता संगठन 'माय जिंदगी' की स्थापना की थी।
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