विकास सेठी का जीवन और करियर
चंडीगढ़ में 12 मई 1976 को जन्मे विकास सेठी का भारतीय टेलीविजन में एक प्रसिद्ध नाम था। उन्हें 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'कहीं तो होगा' और 'कसौटी जिंदगी की' जैसी हिट टीवी शो से बेहद पहचान मिली। उनकी अदाकारी का जादू न सिर्फ टीवी पर, बल्कि बॉलीवुड फिल्मों में भी नजर आया। 2003 में 'ऊप्स!' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाले विकास ने अपने प्रतिभाशाली अभिनय से सभी का दिल जीत लिया।
टेलीविजन और फिल्मों में योगदान
विकास सेठी ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण और यादगार भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने टीवी शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में साहिल विरानी और 'कहीं तो होगा' में सूजल गरेवाल की भूमिकाएं निभाईं। इसके साथ ही 'कसौटी जिंदगी की' में प्रेम बसु का किरदार उनकी प्रमुख भूमिकाओं में से था। केवल टेलीविजन ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड फिल्मों में भी उनका योगदान सराहनीय रहा। 'कभी खुशी कभी गम' और 'iSmart शंकर' जैसी फिल्मों में भी उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया।
निजी जीवन और संबंध
विकास सेठी का व्यक्तिगत जीवन भी काफी चर्चित रहा। उन्होंने पहले अमिता से शादी की थी और 'नच बलिये' के चौथे सीजन में उनके साथ भाग लिया था। 2020 में, उन्होंने जान्हवी सेठी से शादी की और उनके दो जुड़वा बेटे भी हैं। देखने में शांत और सहज दिखने वाले विकास अपने परिवार के प्रति हमेशा समर्पित रहे।
सामाजिक कार्य और योगदान
अभिनय के अलावा, विकास सेठी ने सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वे 'वीजे पिक्चर्स' के सीईओ और 'माय जिंदगी' नामक मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता संगठन के संस्थापक थे। 'माय जिंदगी' के माध्यम से उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सहायता प्रदान करने का महत्वपूर्ण काम किया।
अंतिम क्षण और समर्थन
8 सितंबर 2024 को कार्डियक अरेस्ट के कारण विकास सेठी का निधन हो गया। टेली चक्कर की रिपोर्ट्स के अनुसार, वे नींद में ही शांतिपूर्वक इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनका निधन टीवी और फिल्म जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके प्रशंसक और साथी कलाकार सोशल मीडिया पर अपनी संवेदना और श्रद्धांजलि व्यक्त कर रहे हैं। विकास सेठी की अदाकारी और उनके सामाजिक कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे।
उनकी यादें और योगदान उनके प्रशंसकों और दोस्तों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।
इतनी शांति से चले गए... ऐसे लोगों को याद करना हमारी जिम्मेदारी है। उनकी अदाकारी ने घरों में जीवन भर के संबंधों को दिखाया।
ये सब बकवास है जो लोग टीवी पर अभिनय करते हैं उनका कोई असली योगदान नहीं होता भारत के लिए! इतनी बड़ी मौत पर इतना शोर!
रश्मि भाई, ये अभिनय एक कला है जो दिल को छूती है। विकास ने घरों में बैठकर लाखों लोगों के दर्द को समझा। ये असली सेवा है।
उनका अभिनय उतना ही गहरा था जितना कि उनकी आंतरिक यात्रा। एक ऐसा कलाकार जिसने अपने व्यक्तित्व को अपनी भूमिकाओं में घोल दिया। इस तरह के लोगों का अभाव अब भारतीय सिनेमा के लिए एक खालीपन है।
ये सब नाम के लिए बनाए गए लोग हैं! टीवी पर दिखाया जाता है तो लोग उन्हें हीरो बना देते हैं! क्या ये वाकई देश के लिए कुछ करते हैं? जब तक ये लोग अपनी नींद में नहीं मरते तब तक इनकी बातें चलती रहेंगी!
मौत तो हर किसी के लिए एक सच है, लेकिन विकास ने इसे एक शांत अंत बना दिया। उन्होंने अपने जीवन में दर्द को भी अभिनय में बदल दिया। ये अभिनय नहीं, ये आत्मा का साक्षात्कार था।
उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए किये गए काम का बहुत बड़ा महत्व है। आज कल इतने लोग अकेलेपन में डूब रहे हैं, उन्होंने एक आवाज बनकर उनके लिए खड़े होने की कोशिश की।
मैंने उन्हें कसौटी में देखा था और तब से उनकी अदाकारी को अपना फेवरेट मान लिया था अब तक उनकी आवाज याद आती है
क्या आप जानते हैं कि इन लोगों के लिए जितना शोर होता है उतना भारतीय किसानों के लिए नहीं होता जो रोज मर रहे हैं? ये सब टीवी का नाटक है जिसे लोग सच मान लेते हैं
विकास सेठी ने जो किरदार निभाए वो आज भी घरों में बोलते हैं उनकी आवाज़ अभी भी किसी के दिल में गूंज रही होगी और ये वो अमरत्व है जो नकारा नहीं जा सकता