मौद्रिक नीति क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?

जब आप बैंक में बचत खाते में पैसा डालते हैं या लोन लेते हैं, तो उसके पीछे एक बड़ी सोच होती है – मौद्रिक नीति। इसे समझना आसान नहीं लगता, पर असल में यह वही है जो हमारे रोज़मर्रा के खर्च को सीधे‑सीधे प्रभावित करता है। भारत में इस नीति को तय करने की जिम्मेदारी रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के पास है।

RBI जब ब्याज दरें घटाता या बढ़ाता है, तो बैंक की लोन दरें, बचत पर मिलने वाला ब्याज और यहां तक कि किराने की कीमतें भी बदल सकती हैं। इसलिए मौद्रिक नीति को समझना सिर्फ अर्थशास्त्री की बात नहीं, हर घर की जरूरत बन जाता है।

मुख्य उपकरण: रेपो दर, रिवर्स रेपो, बैंकों की रिज़र्व आवश्यकता

RBI के पास तीन मुख्य टूल हैं:

  • रेपो दर – जब बैंक RBI से पैसे उधार लेते हैं, तो इस दर पर। रेपो दर घटाने से बैंक को सस्ता पैसा मिलता है, जिससे लोन सस्ते होते हैं।
  • रिवर्स रेपो दर – जब RBI बैंक को पैसा देता है, तो इस दर पर। इससे बैंक ओवरनाइट बाजार में जमा करके थोड़ा कमाई कर सकते हैं।
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  • रिज़र्व आवश्यकताएँ (CRR & SRR) – बैंक को जमा का एक हिस्सा RBI में रखना पड़ता है। इसे बढ़ाने से बैंक के पास उधार देने की क्षमता घटती है।

इन टूल्स को बदल कर RBI आर्थिक ठहराव, महंगाई या विकास को नियंत्रित करने की कोशिश करता है।

मौद्रिक नीति का आपके जीवन पर असर

अगर RBI ने हाल ही में रेपो दर को 6.5% से 6.25% किया, तो इसका सीधा असर आपके लोन पर पड़ेगा। घर या कार का लोन पहले से थोड़ा सस्ता हो सकता है, जिससे महीने के EMI में बचत होगी। वहीँ, बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज घट सकता है, तो आपकी बचत पर कमाई कम हो सकती है।

महंगाई को टेंशन में रखनी होती है, इसलिए जब कीमतें तेज़ी से बढ़ रही हों, RBI अक्सर रेपो दर बढ़ा देता है। इससे लोग कम खर्च करेंगे, मांग घटेगी और कीमतें स्थिर होंगी। लेकिन अगर दरें लगातार ऊँची रहें, तो विकास धीमा पड़ सकता है, क्योंकि कंपनियों को उधार लेना मुश्किल हो जाता है।

इसलिए जब आप फिक्स्ड डिपॉज़िट खोलते हैं, लोन ले रहे हों या सिर्फ अपने monthly खर्च देख रहे हों, मौद्रिक नीति की खबरें आपके निर्णय को प्रभावित कर सकती हैं।

सार में, मौद्रिक नीति सिर्फ ग्राफ़ या चार्ट नहीं, बल्कि एक ऐसी ट्रैफ़िक लाइट है जो हमारे आर्थिक सफ़र को गाइड करती है। RBI की हर छोटी‑बड़ी घोषणा आपके जॉब, घर, और भविष्य के खर्चों को नई दिशा देती है। इस कारण से हमें इसे नजर में रखना चाहिए और समझदारी से अपने वित्तीय फैसले लेने चाहिए।

RBI मौद्रिक नीति निर्णय लाइव अपडेट: गवर्नर शक्तिकांत दास ने की घोषणा, रेपो दर वही, महंगाई लक्ष्य 4%

8 अगस्त 2024 · 0 टिप्पणि

RBI मौद्रिक नीति निर्णय लाइव अपडेट: गवर्नर शक्तिकांत दास ने की घोषणा, रेपो दर वही, महंगाई लक्ष्य 4%

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 अगस्त 2024 को हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में घोषणा की कि रेपो दर 6.5% पर अपरिवर्तित रहेगी। खाद्य महंगाई और 4% के महंगाई लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया। वर्ष 25 की जीडीपी वृद्धि अनुमान 7% पर कायम है और RBI ने महंगाई के जोखिम को देखते हुए प्रतिबद्धता जताई है।

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