RBI की मौद्रिक नीति: स्थिरता की ओर एक और कदम
8 अगस्त 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद महत्वपूर्ण निर्णय लिया। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो दर 6.5% पर अपरिवर्तित रहेगी। यह सातवीं बार है जब रेपो दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस निर्णय का प्रमुख कारण रहा खाद्य महंगाई जो लगातार उच्च स्तर पर बनी हुई है।
बैठक में लिए गए निर्णय का प्रमुख उद्देश्य अर्थव्यवस्था की स्थिरता को बनाए रखना और 4% के महंगाई लक्ष्य को हासिल करना था। मुख्य आर्थिक विशेषज्ञ मधन सब्नविस और धामाकीर्ति जोशी ने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि रेपो दर में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
महंगाई के साथ कैसे निपटना है?
RBI ने यह स्पष्ट किया कि वह FY25 के लिए महंगाई दर को 4.5% पर बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त, RBI ने FY25 के लिए GDP वृद्धि दर 7% पर कायम रखी है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।
खाद्य महंगाई के ऊपरी जोखिमों को ध्यान में रखते हुए RBI अपनी मौद्रिक नीति में 'अनुकूलता की वापसी' की स्थिति पर बना रहा। यह एक संकेत है कि RBI ब्याज दर में वृद्धि करने के बारे में सोच रहा है ताकि महंगाई पर नियंत्रण रखा जा सके।
अर्थव्यवस्था की मजबूती पर गवर्नर का नजरिया
गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वैश्विक अंसितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि RBI निकट भविष्य में ब्याज दर में कटौती पर विचार नहीं करेगा, बल्कि महंगाई दर के लक्ष्य के स्थिर होने का इंतजार करेगा।
यह भी बताया गया कि RBI अपनी वित्तीय नीति की घोषणाओं को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए अपने यूट्यूब, फेसबुक, और ट्विटर चैनलों पर लाइव स्ट्रीमिंग कर रहा है।
विशेषज्ञों की राय
RBI के इस निर्णय का स्वागत करते हुए आर्थिक विशेषज्ञों ने कहा कि यह एक संतुलित कदम है। यह न केवल वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने में मदद करेगा, बल्कि यह दर्शाता है कि RBI अपनी नीतियों को आर्थिक डेटाओं पर आधारित रखता है, न कि राजनैतिक प्रभावों पर।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाले वर्षों में महंगाई पर नियंत्रण रखना महत्वपूर्ण होगा, खासकर खाद्य महंगाई के संदर्भ में। इसे ध्यान में रखते हुए RBI का यह निर्णय सही दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं
भारतीय रिजर्व बैंक के लिए आने वाले समय में महंगाई को नियंत्रित रखना एक बड़ी चुनौती होगी। हालांकि, गवर्नर दास ने स्पष्ट कर दिया है कि RBI इस मुद्दे पर पूरी तरह से केंद्रित है और हर संभव उपाय करेगा।
उद्योग और उपभोक्ताओं के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि RBI ने अपनी मौद्रिक नीति को स्थिर रखा है। इससे वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, जो कि अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
अंततः, RBI का यह कदम न केवल महंगाई को नियंत्रित करेगा, बल्कि आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में भी मदद करेगा। यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में महंगाई और अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ता है।
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