पोप फ्राँसिस: आज के विश्व में उनका क्या मतलब है?

पोप फ्राँसिस, जिसका मूल नाम जॉर्ज मारियो बर्न्देट है, 2013 में वैटिकन के प्रमुख बने। वह पहले अर्जेंटीना के बिशप थे, इसलिए उनका दक्षिणी लैटिन अमेरिकी रंग उनके विचारों में दिखता है। उनका अलग अंदाज़, साधारण जीवनशैली और गरीबों के लिए दया का संदेश कई लोगों को आकर्षित करता है।

मुख्य मंशा और प्रमुख संदेश

फ्राँसिस के प्रमुख संदेश में "प्यार, दया और न्याय" की बात होती है। वह अक्सर कहते हैं कि चर्च को धनी लोगों से नहीं, बल्क‍ि गरीबों से जुड़ना चाहिए। उनके कई भाषणों में पर्यावरण की रक्षा, जलवायु परिवर्तन, और सामाजिक समानता पर ज़ोर दिया गया है।

उन्होने "छोटो मिलियन" (Laudato Si') नामक पत्र प्रकाशित किया, जिसमें पृथ्वी को बचाने के लिए सबको मिलकर काम करने को कहा गया है। यह पत्र ईको-फ़्रेंडली जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देता है।

भारत में उनका प्रभाव

भारत में भी उनका असर दिखता है। कई भारतीय कैथोलिक समुदाय ने उनके सामाजिक कार्यों को अपनाया है। उदाहरण के तौर पर, कई चर्च ने गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करनी शुरू की हैं।

पोप फ्राँसिस ने भारत के प्रधानमंत्री और प्रमुख नेताओं के साथ कई बार मिलकर सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की है। उनके द्वारा स्थापित "आशा की लाइट" कार्यक्रम ने ग्रामीण इलाकों में साफ पानी के लिए टंकियों की स्थापना को प्रोत्साहन दिया।

उनकी यात्रा को देख कर कई युवा धर्मशास्त्री ने अपने काम में नई दिशा ली। उन्‍होंने यह बताया कि धर्म केवल प्रार्थना नहीं, बल्कि कार्यो‍ं से भी दिखता है।

फ्राँसिस का यह मानना है कि धर्म को राजनीति से अलग नहीं रखना चाहिए, बल्कि सामाजिक सुधार में शक्ति बनना चाहिए। इस कारण कई राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता उनके विचारों से प्रेरित होते हैं।

यदि आप उनके बारे में और जानना चाहते हैं तो उनके प्रमुख कार्यों को देखिए: शरणार्थियों के लिए सहायता कार्यक्रम, आध्यात्मिक संवाद, और शांति निर्माण के लिए वार्ता। इन सभी पहलुओं से आप समझ पाएँगे कि क्यों वह सिर्फ एक धार्मिक नेता नहीं, बल्कि विश्व के सामाजिक नेता भी हैं।

आखिर में, पोप फ्राँसिस का संदेश सरल है—"एक-दूसरे की मदद करो, धरती को बचाओ, और हमेशा दया से बर्ताव करो"। यह संदेश आज के तेज़-रफ़्तार जीवन में उतना ही प्रासंगिक है जितना कभी था।

पोप फ्राँसिस का अंतिम संस्कार शनिवार को सेंट पीटर्स स्क्वायर में, वेटिकन शुरू कर चुका है तैयारियाँ

27 अप्रैल 2025 · 0 टिप्पणि

पोप फ्राँसिस का अंतिम संस्कार शनिवार को सेंट पीटर्स स्क्वायर में, वेटिकन शुरू कर चुका है तैयारियाँ

पोप फ्राँसिस का अंतिम संस्कार 26 अप्रैल को सेंट पीटर्स स्क्वायर में होगा, जिसमें दुनियाभर के प्रमुख नेता, शाही परिवार और हजारों पत्रकार जुटेंगे। उनकी सादगीभरी ताबूत और अंतिम यात्रा विनम्रता को दर्शाती है। अगला पोप चुनने से पहले 9 दिन का शोककाल रहेगा।

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