प्री-वेडिंग अनुष्ठान: शादी की रंगीनी बढ़ाने वाले आसान रिवाज़

शादी से पहले की छोटी‑छोटी तैयारियां अक्सर सबसे ज्यादा रोचक होती हैं। हल्दी, मेहंदी, सिंगर, संगीत – इन सारे रिवाज़ों को मिलाकर ही हम "प्री‑वेडिंग अनुष्ठान" कहते हैं। अगर आप भी अपने बड़े दिन को खास बनाना चाहते हैं, तो इन रिवाज़ों को समझना और सही टाइम पर लागू करना बहुत फायदेमंद है। नीचे हम सबसे लोकप्रिय रिवाज़ों और उनकी योजना बनाने के कुछ आसान टिप्स दे रहे हैं।

मुख्य प्री-वेडिंग रिवाज़ क्या हैं?

भारत में प्री‑वेडिंग अनुष्ठान हर राज्य में थोड़े‑बहुत अलग होते हैं, लेकिन कुछ रिवाज़ लगभग हर घर में देखे जाते हैं:

हल्दी समारोह: दूल्हा और दुल्हन दोनों पर हल्दी लगाई जाती है। यह त्वचा को निखारता है और शादी की थकान से बचाता है। अक्सर परिवार के बड़े बुज़ुर्ग इस रिवाज़ को सादा या फिर फूलों से सजाकर करते हैं।

मेहंदी रात्रि: दुल्हन के हाथों‑पैरों पर जटिल मेहंदी डिजाइन बनवाई जाती है। मेहंदी को देर तक नहीं हटाने के लिए वे डो पॉलिश या लिक्विड मेहंदी इस्तेमाल करती हैं। मेहंदी के साथ गाने, डांस और हल्की स्नैक भी रखी जाती है।

सिंगर/सगीतम्: यह रिवाज़ अक्सर मेहंदी के बाद या पहले रखा जाता है। परिवार और दोस्तों के बीच गाने बजते हैं, और दूल्हा-दुल्हन के लिए छोटे‑छोटे नाच होते हैं। यह माहौल को हँसी‑खुशी से भर देता है।

रात्री उत्सव (साईजरी): कुछ क्षेत्रों में दूल्हे के घर पर एक छोटा पार्टी रखा जाता है, जहाँ दूल्हा अपनी माँ‑भाई‑बहनों को धन्यवाद देता है। यह दूल्हे के लिये भी एक मनोवैज्ञानिक तैयारियों का हिस्सा है।

प्री‑वेडिंग अनुष्ठान की योजना कैसे बनाएं?

1. टाइमलाइन बनाएं: हर रिवाज़ को कब करना है, यह तय करें। आमतौर पर हल्दी 2‑3 दिन पहले, मेहंदी 1‑2 दिन पहले और सिंगर शादी से 1‑2 दिन पहले होते हैं।

2. बजट तय करें: अगर खर्च कम करना है, तो घर में ही सजावट और डेकोर करें। फूलों के बजाय सजावटी पन्ने, लाइटिंग और कागज़ की कटिंग का प्रयोग सस्ता और खूबसूरत रहता है।

3. सप्लायर चुनें: मेहंदी कलाकार, हल्दी के लिए बेहतरीन पेस्ट, और संगीत के लिए डीजे या लाइटिंग एरेंजमेंट को पहले से बुक कर लें। मौसमी ऑफ़र देखे बिना बुकिंग न करें।

4. परिवार की मदद लें: ये रिवाज़ सिर्फ दूल्हा‑दुल्हन का नहीं, बल्कि पूरे परिवार का जश्न है। छोटे‑बड़े काम बाँटकर सबको शामिल करें, इससे काम जल्दी होता है और खुशियों की घनत्व बढ़ती है।

5. सुरक्षित रखें: हल्दी और मेहंदी में एलर्जी हो सकती है, इसलिए पहले पैच टेस्ट कर लें। साथ ही, कोविड‑19 जैसी स्वास्थ्य चिंताओं को देखते हुए छोटे‑छोटे समूह रखें और सैंटाइज़र handy रखें।

इन सब बातों को याद रखकर आप अपने प्री‑वेडिंग अनुष्ठान को बनावट और मज़े से भर सकते हैं। याद रखिए, शादी के बड़े दिन का मज़ा इन छोटे‑छोटे रिवाज़ों में ही छिपा है। तैयारियां शुरू करें, खुशियाँ बांटें और अपने सपनों की शादी को यादगार बनाएं।

अंबानी परिवार के विवाह समारोह से पहले ममेरे रस्म का महत्व: एक पारंपरिक गुजराती प्री-वेडिंग अनुष्ठान

4 जुलाई 2024 · 0 टिप्पणि

अंबानी परिवार के विवाह समारोह से पहले ममेरे रस्म का महत्व: एक पारंपरिक गुजराती प्री-वेडिंग अनुष्ठान

ममेरे रस्म एक पारंपरिक गुजराती प्री-वेडिंग अनुष्ठान है जिसे अंबानी परिवार ने अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के विवाह के पूर्व मनाया है। इस रस्म में दुल्हन के मामा उसे उपहार देते हैं, जिसमें साड़ियाँ, गहने और मिठाइयाँ शामिल हैं। यह रस्म सिर्फ उपहारों से नहीं, बल्कि पीढ़ियों के बीच प्रेम, समर्थन और आशिर्वाद का प्रतीक भी है।

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