रेपो दर – आपका आसान समझने वाला गाइड

स्मार्टटेक समाचार में आपका स्वागत है! अगर आप निवेश, उधारी या बचत के बारे में सोच रहे हैं, तो रेपो दर एक बहुत जरूरी शब्द है। लेकिन इसका मतलब क्या है और क्यों हर रोज़ खबरों में दिखता है? चलिए, इसे सरल शब्दों में समझते हैं, ताकि आप इसे आसानी से फॉलो कर सकें।

रेपो दर क्या है?

रेपो दर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की वह दर है, जिस पर वह बैंकों को अल्पकालिक (आमतौर पर Overnight) उधार देता है। बैंक अपनी बची हुई सिक्योरिटीज़ को RBI को बेचते‑खरीदते हैं, और इस लेन‑देन पर जो ब्याज दर लगती है, वही रेपो दर कहलाती है। जब RBI रेपो दर घटाता है, तो बैंकों को कम ब्याज पर पैसे मिलते हैं, जिससे वे कम खर्चे में अधिक ऋण दे सकते हैं। वहीं दर बढ़े तो उधार महंगा हो जाता है।

रेपो दर पर असर क्यों पड़ता है?

रेपो दर सीधे आपके रोज़मर्रा के खर्चों को प्रभावित करती है। यहाँ कुछ प्रमुख असर हैं:

  • ब्याज दरें: घर के लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि की दरें रेपो दर के साथ क्षैतिज चलती हैं। छोटी रेपो दर का मतलब कम लोन EMI।
  • बैंक की मौद्रिक नीति: RBI रेपो दर को बदल कर महंगाई को नियंत्रित करता है। महंगाई बढ़े तो दर बढ़ाकर पैसे की उपलब्धता घटाता है, जिससे कीमतों में रुकावट आती है।
  • स्टॉक मार्केट: निवेशक कम ब्याज वाले माहौल में शेयरों की ओर झुके होते हैं, क्योंकि बचत पर कम रिटर्न मिलता है। इसलिए रेपो दर में बदलाव अक्सर शेयर मार्केट में हलचल पैदा करता है।
  • वित्तीय संस्थानों की लाभabilité: कम रेपो दर बैंकों की मार्जिन को घटा देती है, जबकि उच्च दर उनके नेट इंटरेस्ट इनकम को बढ़ा देती है।

तो, रेपो दर को फॉलो करना सिर्फ एक आर्थिक रुझान नहीं, बल्कि आपके व्यक्तिगत वित्तीय फैसले को भी बेहतर बनाता है।

अब बात करते हैं नयी अपडेट की। RBI ने हाल ही में रेपो दर को 4.25% पर रखा है, जो पिछले महीने की तुलना में स्थिर है। इस स्थिरता का मतलब है कि लोन की दरें अभी भी अपेक्षाकृत कम हैं, लेकिन कई विशेषज्ञ संकेत दे रहे हैं कि अगले क्वार्टर में महंगाई के दबाव के कारण दर फिर बदल सकती है।

अगर आप इस बदलाव को तुरंत देखना चाहते हैं, तो स्मार्टटेक समाचार के आर्थिक समाचार टैग को फॉलो करें। यहाँ हर महीने की RBI की बैठकों, प्रेशर रिलीज़ और विश्लेषकों की राय का विस्तृत सारांश मिलेगा।

अंत में, रेपो दर को समझना इतना मुश्किल नहीं है। आपको बस इसका बेसिक फॉर्मूला याद रखना है: बैंक को RBI से उधार लेने की कीमत। इस जानकारी को रोज़मर्रा के वित्तीय निर्णयों में लागू करें और आप देखेंगे कि आपके लोन, निवेश और बचत सब बेहतर तरीके से मैनेज होते हैं।

हमेशा याद रखें, आर्थिक खबरें अक्सर जटिल दिखती हैं, पर सही समझ के साथ आप उन्हें अपने लाभ के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। स्मार्टटेक समाचार पर अपडेटेड रहें और अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से हासिल करें।

RBI मौद्रिक नीति निर्णय लाइव अपडेट: गवर्नर शक्तिकांत दास ने की घोषणा, रेपो दर वही, महंगाई लक्ष्य 4%

8 अगस्त 2024 · 0 टिप्पणि

RBI मौद्रिक नीति निर्णय लाइव अपडेट: गवर्नर शक्तिकांत दास ने की घोषणा, रेपो दर वही, महंगाई लक्ष्य 4%

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 अगस्त 2024 को हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में घोषणा की कि रेपो दर 6.5% पर अपरिवर्तित रहेगी। खाद्य महंगाई और 4% के महंगाई लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया। वर्ष 25 की जीडीपी वृद्धि अनुमान 7% पर कायम है और RBI ने महंगाई के जोखिम को देखते हुए प्रतिबद्धता जताई है।

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