स्मृति इरानी के बारे में सब कुछ
अगर आप भारतीय राजनीति में हो रहे बदलावों को समझना चाहते हैं तो स्मृति इरानी का नाम अनदेखा नहीं किया जा सकता। भाजपा की प्रमुख नेता, पहले शिक्षा एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में उन्होंने कई अहम फैसले लिए हैं। इस पेज पर हम उनके करियर, प्रमुख पहल और मीडिया में मिलने वाली प्रतिक्रिया को सरल भाषा में सामने रखेंगे।
स्मृति इरानी की राजनीतिक यात्रा
स्मृति इरानी ने शुरुआती दौर में कांग्रेस को छोड़ कर 2004 में भाजपा में कदम रखा। उनके करियर की शुरुआत छोटे‑छोटे सफ़र से हुई, लेकिन 2014 के बाद उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। वह अंबाला (हरियाणा) तक़दीर में दो बार सांसद रही और 2019 में फिर से इस सीट से जीत हासिल की।
विजेता बनने के बाद उन्हें शिक्षा मंत्री नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कई नई नीतियों को लागू किया, जैसे कि प्राथमिक शिक्षा में डिजिटल किताबें और स्कूली बच्चों के लिए रेमेडी प्रोग्राम। उनके फैसले कभी‑कभी विवादित रहे, लेकिन उन पर युवाओं की बड़ी सराहना भी मिली।
शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में उनके कदम
शिक्षा मंत्री के रूप में स्मृति इरानी ने लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए समान अवसर बनाने की कोशिश की। उन्होंने स्कूलों में लैब्स, पुस्तकालय और खेल का मैदान बढ़ाने के लिए फंडिंग में बढ़ोतरी की। साथ ही, शौचालय निर्माण और स्वच्छता पर भी जोर दिया, जिससे छात्र‑छात्राओं की पढ़ाई में ध्यान बढ़ा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को और अधिक प्रचलित किया। कई राज्य में महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण केंद्र खोले, जिससे घर से बाहर निकलकर कमाई करने की संभावनाएँ बढ़ी। इस पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद की।
उनके काम की सराहना अक्सर सोशल मीडिया पर मिलती है, लेकिन आलोचना भी कम नहीं। कुछ लोग कहते हैं कि कुछ स्कीमें जमीन पर ठीक से लागू नहीं हो पाईं, जबकि अन्य मानते हैं कि उनके प्रयास लंबे‑समय के लाभ लाएंगे। इस तरह की विविध राय उनके नेतृत्व को और रोचक बनाती है।
यदि आप स्मृति इरानी की नवीनतम खबरें और उनके बयान चाहते हैं, तो इस टैग पेज पर नियमित रूप से अपडेट्स मिलेंगे। चाहे वह संसद में उनका संबोधन हो, नई नीति का लॉन्च हो या किसी विवाद का विश्लेषण – सब कुछ यहाँ मिलेगा।
अंत में यह कहना उचित रहेगा कि स्मृति इरानी भारत की राजनीति में एक सक्रिय आवाज़ रही हैं और आगे भी रहेंगी। उनके कदमों को समझना और उन पर चर्चा करना किसी भी नागरिक के लिए फायदेमंद है, खासकर जब बात शिक्षा और महिला सशक्तिकरण की आती है। इस पेज को बुकमार्क करके आप हमेशा नवीनतम जानकारी के साथ जुड़े रह सकते हैं।
13 जुलाई 2024
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कांग्रेस सांसद किशोरीलाल शर्मा ने राहुल गांधी के स्मृति ईरानी के ट्रोलर्स के खिलाफ दिए गए बयान का समर्थन किया है। शर्मा ने कहा कि हार-जीत जीवन का हिस्सा है और किसी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करना हमारे मूल्यों के खिलाफ है। ईरानी ने 2024 लोकसभा चुनाव में अमेठी से हार का सामना किया था।
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