टैक्स चोरी: क्या है, कब होती है और कैसे बचें?
टैक्स चोरी यानी अपनी आय या लेन‑देन को छुपा कर कर चुकाने से बचना। अक्सर लोग इनकम टैक्स रिटर्न में सच्ची आय नहीं बताते या नकली खर्चा दिखाते हैं। इससे सरकार को राजस्व की भारी नुकसान होती है और आम जनता को भ्रष्टाचार का बोझ उठाना पड़ता है।
टैक्स चोरी के प्रमुख प्रकार
1. आय छिपाना – शेड्यूल इ के तहत सभी स्रोतों की आय नहीं बताना।
2. फर्जी बिल बनाना – व्यापारियों द्वारा खर्चे दिखाने के लिए नकली इनवॉइस बनाना।
3. बहु‑खाते बनाना – विभिन्न बैंक खातों में धन को विभाजित कर टैक्स दायित्व कम करना।
4. सम्पत्ति छुपाना – जमीन‑जायदाद या सत्रहवीं एसेट को नाम बदल कर कर से बचना।
इन तरीकों से बचने के लिए सबसे पहले अपनी सभी आय को व्यवस्थित रूप से रिकॉर्ड करें और सही दस्तावेज़ रखें। अगर कोई छोटा‑मोटा गलती हो तो समय पर सुधार कर लेना बेहतर रहता है।
टैक्स चोरी पर सरकार की कार्रवाई
आयकर विभाग ने पिछले साल के आंकड़ों में टैक्स चोरों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन चलाए। अभी हाल ही में दो बड़े कॉरपोरेशन को 1,200 करोड़ रुपये का जुर्माना लेन‑देन छुपाने के कारण लगा दिया गया। साथ ही, आयकर रिटर्न के फाइलिंग में छिपी हुई जानकारी खोजने के लिए डेटा‑एनालिटिक्स का उपयोग बढ़ाया गया है।
सरकार अब डिजिटल टैक्स प्लैटफ़ॉर्म को तेज कर रही है, जिससे हर लेन‑देन का पता चलता है। साथ ही, छोटे‑व्यापारियों के लिए आसान ए‑डिक्लरेशन एप्लीकेशन जारी किया गया है, ताकि सही टैक्स भरना कम मेहनत वाला हो।
अगर आप खुद को टैक्स चोरी से बचाना चाहते हैं तो कुछ आसान कदम उठाएँ:
- सभी आय के स्रोतों को एक जगह लिखें – फ्रीलांस, रेंट, शेयर‑डिविडेंड आदि।
- हर खर्चे का मूल दस्तावेज़ रखें – रसीद, इनवॉइस, बैंक स्टेटमेंट।
- टैक्स प्लानिंग के लिये प्रमाणित चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लें।
- समय पर रिटर्न फाइल करें और अगर रिफंड है तो तुरंत बैंक में जमा करवाएँ।
- आयकर पोर्टल पर अपनी वैध पहचान (PAN, AADHAAR) को अपडेट रखें।
जाने‑पहचाने टैक्स चोरी केसों को पढ़कर आप समझ पाएँगे कि कड़ी सजा कितनी गंभीर हो सकती है। इस टैग पेज पर हम लगातार नई खबरें और कानूनी अपडेट डालते रहेंगे, तो बार‑बार चेक करते रहें। टैक्स की सही समझ और ईमानदारी से भुगतान ही सबसे बड़ा बचाव है।
1 अगस्त 2024
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इन्फोसिस को 32,000 करोड़ रुपये के जीएसटी चोरी के आरोप में नोटिस मिला है। यह नोटिस जीएसटी अधिकारियों द्वारा जारी किया गया है, जो विभिन्न कंपनियों के लेनदेन और वित्तीय रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं। कंपनी को नोटिस का जवाब देने के लिए समय दिया गया है। इन्फोसिस ने जीएसटी अधिकारियों के साथ पूरी तरह से सहयोग करने का वादा किया है।
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