युजवेंद्र चहल: भारत की स्पिनिंग मशीन
अगर आप क्रिकेट के फैंस हैं तो युजवेंद्र चहल का नाम सुनते ही एक ही बात याद आती है – वह अपना किरदार बॉल के पीछे से ही बजा देता है। छोटे‑छोटे डॉट बॉल से लेकर रेत‑जैसे घुमाव वाले डिलिवरी तक, चहल ने अपनी स्पिन को हर फॉर्मेट में काम में ला दिया है। यह लेख आपको उनके शुरुआती दिन, प्रमुख उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं से रूबरू कराएगा, वो भी आसान भाषा में।
शुरुआत: कक्षा‑स्ट्रेड़ से अंतरराष्ट्रीय मंच तक
जुनैद या हीरऋतु नहीं, चहल का जन्म १९९६ में दिल्ली के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। बचपन में वह गली‑गली क्रिकेट खेलता, और जल्दी ही स्विंग और बाउंस पर महारत हासिल कर ली। राजस्थान के रणवीर सिंह अकादमी में ट्रेनिंग करने के बाद, २०१६ में वह भारत के U‑19 टीम में जगह बना सका और उस साल ही आईसीसी U‑19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में शामिल हुआ। उसके बाद २०१६ में वह अंतरराष्ट्रीय डेब्यू पर मैदान में आया – एक ऐसी शुरुआत जो हर युवा खिलाड़ी का सपना होती है।
मुख्य दौर: IPL, T20 और टेस्ट में चमक
IPL में राजस्थान रॉयल्स की टीम ने चहल को २०१७ में खरीदा और वह तुरंत ही अपने विकेट‑टेकिंग कौशल से सबको चकित कर दिया। पहला सीजन ही वह १५+ विकेट लेकर लीग में टॉप फाइव में शुमार हो गया। तब से वह कई टीमों (रॉयल चुनावी, रॉयल चैलेंजर्स) में खेले और हर बार अपनी स्पिन को विविध परिस्थितियों में ढाल लिया। T20 अंतरराष्ट्रीयों में उसे "सिर्फ़ बॉल नहीं, बल्कि दांव है" कहते सुनते हैं। २०२१ में विश्व कप के क्वालिफ़ाइंग मैच में उसकी ४ वीकले (4/23) ने भारत को सॉलिड जीत दिलाई। टेस्ट में भी चहल ने अपनी जगह बनाई – २०२२ में इंग्लैंड वर्सेज़ टेस्ट में ७ विकेट लेकर वह सच्ची मल्टी‑फ़ॉर्मेट स्पिनर साबित हुआ।
स्पिनिंग की बात करे तो चहल का मुख्य हथियार है उसकी डांसिंग डिलीवरी। वह बॉल को ऐसे घुमा देता है कि बल्लेबाज को पलटने के लिए दो सेकंड भी नहीं मिलते। साथ ही उसकी रॉकेट-फ़ास्ट रैब्ड राउंड‑ऑफ़्स भी बॉल को एअर में रखती हैं, जिससे बाउंस कम हो जाता है। इन फॉर्मूला के कारण वह अक्सर विकेट‑टेकिंग ओवर में लॉन्च किया जाता है।
फॉर्म की बात करें तो पिछले साल की T20 सीरीज़ में चहल ने ५/१९ की शानदार परफॉर्मेंस दी थी, जो उसकी निरंतर सुधार की निशानी है। हाल ही में वह IPL 2025 में रॉयल चुनावी के साथ फिर से चोटियों पर चढ़ रहा है, और उसके फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि वह प्ले‑ऑफ में अपनी क्लास दिखाएगा।
भविष्य की बात करें तो युजवेंद्र चहल को सभी क्रिकेट विशेषज्ञ "ऑल‑राउंडर" के रूप में देखते हैं। यदि वह अपनी फिटनेस और बॉल की विविधता को और निखारे, तो अगले कुछ सालों में वह भारत की टेस्ट, ODI और T20 दोनों टीमों का मुख्य हथियार बन सकता है। उसके पास अभी भी बहुत सीखने की जगह है – जैसे बटलिंग (बॉल की गति) में सुधार और बास्केटबॉल जैसी एंगल पर काम, जो उसे एक असाधारण विजेता बना सकता है।
समाप्त करने से पहले, एक बात ज़रूर कहें – चहल का खेल सिर्फ़ आँकड़ों में नहीं, बल्कि उन रोमांचक पलों में है जब वह बॉल को पिच पर गिरते ही गायल करता है और दर्शक चिल्लाते हैं "युजवेंद्र!"। अगर आप क्रिकेट के सच्चे फैन हैं, तो चहल की हर गेंद को देखना न भूलें।
23 मार्च 2025
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युजवेंद्र चहल ने आईपीएल 2025 नीलामी के दौरान अपनी घबराहट के बारे में बात की, जब उन्हें पंजाब किंग्स ने ₹18 करोड़ में खरीदा। उन्होंने बताया कि उनकी गेंदबाजी विविधता और मानसिक निर्णय इस मूल्य को सही ठहराते हैं। चहल का लक्ष्य पंजाब को प्लेऑफ तक पहुंचाना है।
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