वार्नर पार्क में तीसरा टी20: वेस्टइंडीज पर दबाव, ऑस्ट्रेलिया का बुलंद आत्मविश्वास
क्रिकेट प्रेमियों की नजरें 26 जुलाई की सुबह 4:30 बजे वार्नर पार्क, सेंट किट्स पर टिकी होंगी, जहां वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टी20 की टक्कर है। पांच मैचों की इस सीरीज में मेज़बान वेस्टइंडीज पहले ही 0-2 से पीछे है, यानी यह मुकाबला टीम के लिए करो या मरो से कम नहीं। पहले दो मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने शानदार प्रदर्शन के दम पर जीत दर्ज की, जिससे सीरीज में उनका दबदबा साफ दिखता है।
दूसरा मैच एकतरफा साबित हुआ—ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जोश इंग्लिस ने 33 गेंदों में 78 रनों की तूफानी पारी खेली, जबकि कैमरन ग्रीन भी 56 रन (32 गेंद) बनाकर खूब चमके। दोनों ने मिलकर विंडीज के 172/8 के स्कोर को महज़ 8 विकेट से चेज़ कर लिया। वेस्टइंडीज, खासतौर पर उसकी गेंदबाज़ी इकाई, अब तक कमजोर नजर आई, जो टीम की सबसे बड़ी चिंता है।
ड्रीम11 रणनीति: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों पर भरोसा, विंडीज के गेंदबाज़ X-Factor
फैंटेसी टीमें बनाने वालों के लिए यह मैच बेहद दिलचस्प है। मौजूदा फॉर्म को देखते हुए ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को शामिल करें—विशेषकर इंग्लिस (कप्तान बना सकते हैं) और ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन (उपकप्तान की भूमिका के लिए)। मार्कस स्टोइनिस और मिचेल मार्श जैसे खिलाड़ी भी बैटिंग ऑर्डर में ऊंचाई रखते हैं।
- जोश इंग्लिस (AUS): आक्रामक ओपनिंग, कप्तानी के लिए अच्छा विकल्प
- कैमरन ग्रीन (AUS): बैट-बॉल दोनों में असरदार
- अलजारी जोसेफ (WI): पॉवरप्ले में विकेट ले सकते हैं, विशेषतः कंडीशंस को देखते हुए
- डेविड मिलर (WI): मिडिल ऑर्डर के भरोसेमंद बैटर
- मार्कस मार्श (AUS): यदि गेंद से भी योगदान दें तो बड़ा फायदा
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के चयन की मुख्य वजह उनकी हालिया विस्फोटक पारियां हैं, जबकि वेस्टइंडीज के लिए जोसेफ और रसल जैसे बॉलर मैच पलट सकते हैं। यह दांव डिफरेंशियल प्वाइंट्स के लिए फायदेमंद होगा।
वार्नर पार्क की पिच पर बल्लेबाजों को शुरुआत में रन मिलते दिखेंगे, हालांकि नई गेंद से तेज गेंदबाजों को हल्का स्विंग मिलने की उम्मीद है। मिड-इनिंग्स में स्पिनर्स के पास असर डालने का मौका होगा। रनफेस्ट की संभावना ज्यादा है, यानी हाई-स्कोरिंग मुकाबला देखने को मिल सकता है।
अगर वेस्टइंडीज को सीरीज में बने रहना है तो उसे अपने गेंदबाजों की लाइन और लेंथ दुरुस्त करनी होगी और बल्लेबाजों को बड़ी साझेदारियां करनी होंगी। वहीं ऑस्ट्रेलिया ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के साथ पिछले दबदबे को बरकरार रखने की कोशिश करेगा। देखना होगा कि वेस्टइंडीज वापसी कर पाती है या ऑस्ट्रेलिया सीरीज अपने नाम कर लेती है।
ये ऑस्ट्रेलिया तो बस फाइनल में जा रहा है।
हमारे बल्लेबाज अगर इतना तेज़ खेलते तो विंडीज को भी जीत मिल जाती। ये ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी तो बस एक विज्ञान है, जहां हर गेंद एक बम है और हर बल्लेबाज एक एक्सप्लोरर। लेकिन देखो वेस्टइंडीज के गेंदबाज़ कैसे बैठे हैं? जैसे कोई अपने घर के बाहर बैठा हो और देख रहा हो कि कैसे लोग उसके खेत में चले जा रहे हैं। इंग्लिस की पारी ने तो सिर्फ़ स्कोर नहीं, बल्कि मनोबल भी तोड़ दिया। अगर विंडीज को बचना है तो उन्हें अपनी गेंदबाजी में बदलाव करना होगा-स्पिनर्स को शुरुआत में डालना होगा, नहीं तो ओपनर्स तो बस अपने घर लौट जाएंगे। और फिर वो जोसेफ? वो तो अकेले एक टीम है, अगर वो भी फेल हो गया तो वेस्टइंडीज के लिए कोई बचाव नहीं। ऑस्ट्रेलिया की टीम में हर कोई एक एक्टर है, और वो जो नाटक चल रहा है, वो तो बस एक ब्रॉडवे शो है। विंडीज के लिए अब सिर्फ़ एक चीज़ बची है-हिम्मत।
क्या हम अपनी टीम की गलतियों को देखने के बजाय, दूसरी टीम की शानदार प्रदर्शन को देखकर अपने आप को बेहतर बनाने की कोशिश नहीं कर सकते? जोश इंग्लिस की पारी ने सिर्फ़ रन नहीं बनाए, बल्कि एक सोच को भी दिखाया-कि जब आप बिना डर के खेलें, तो नतीजा अपने आप आ जाता है। विंडीज के लिए ये टीम बदलाव नहीं, बल्कि एक नए दृष्टिकोण की जरूरत है। क्या हम अपने खिलाड़ियों को बस गेंदबाजी के लिए तैयार कर रहे हैं, या उन्हें खेलने का जज्बा भी दे रहे हैं? कभी-कभी जीत के लिए जरूरी नहीं कि आप सब कुछ बदलें, बस एक चीज़ बदल जाए-आपका विश्वास।
ड्रीम11 के लिए मैंने इंग्लिस को कप्तान रखा है, और ग्रीन को उपकप्तान-बिल्कुल सही फैसला था। अलजारी जोसेफ को भी शामिल किया, क्योंकि अगर वो एक विकेट ले लेते हैं तो वो बहुत ज्यादा पॉइंट्स दे सकते हैं। मैंने डेविड मिलर को भी टीम में रखा, क्योंकि वो अगर आखिरी 5 ओवर में आ जाए तो बहुत बड़ा असर डालता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ बल्लेबाजी करना अब बहुत आसान नहीं, लेकिन अगर आप शांत रहें और बाकी टीम के साथ चलें, तो फैंटेसी में भी जीत संभव है।
वार्नर पार्क की पिच पर शुरुआती ओवर में तेज़ गेंदबाज़ों को थोड़ा स्विंग मिल रहा है, लेकिन जैसे-जैसे गेंद पुरानी हो रही है, स्पिनर्स का असर बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया के लिए ये बहुत फायदेमंद है क्योंकि उनके पास मार्कस मार्श और ग्रीन जैसे खिलाड़ी हैं जो दोनों फॉर्मेट्स में अच्छे हैं। विंडीज को अगर वापसी करनी है तो उन्हें अपने मिडिल ऑर्डर को ज्यादा समय देना होगा-अभी तक उनका बल्लेबाजी क्रम बहुत असंगठित लग रहा है। जोसेफ को अगर पावरप्ले में डाला जाए और वो दो विकेट ले लें तो ये मैच पलट सकता है।
अगर विंडीज को ये मैच जीतना है तो उन्हें अपने बल्लेबाजों को बिना डर के खेलने देना होगा। लेकिन उनके बल्लेबाज तो बस बैठे हैं, जैसे कोई बारिश का इंतज़ार कर रहा हो। और गेंदबाज़? वो तो बस गेंद फेंक रहे हैं, नहीं तो लक्ष्य देख रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ ऐसा करना बहुत बेकार है। इंग्लिस ने जो किया, वो कोई चमत्कार नहीं, बल्कि एक अभ्यास है। विंडीज को अपने खिलाड़ियों को ड्रिल करना चाहिए-हर गेंद के बाद रिव्यू करना चाहिए। अगर नहीं, तो अगला मैच भी वही होगा।
मैं तो बस इंग्लिस की पारी देखकर रो पड़ी... उसकी आंखों में वो आत्मविश्वास... वो तो बस खेल रहा था, जैसे बच्चा गेंद फेंक रहा हो। मुझे लगा जैसे मैं भी उसके साथ खेल रही हूं। ऑस्ट्रेलिया के लिए ये बस खेल नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है। विंडीज को तो बस अपने आप को बदलना होगा... नहीं तो मैं अगले मैच में भी रोऊंगी।
इंग्लिस की पारी देखकर लगा जैसे ऑस्ट्रेलिया ने टी20 क्रिकेट को ही नया डिफिनेशन दे दिया। विंडीज के लिए ये बस एक निराशा की कहानी है। अगर आपकी टीम इतनी कमजोर है तो फैंटेसी टीम बनाने की जरूरत ही क्यों? बस बैठ जाओ और देखो कि दुनिया कैसे आगे बढ़ रही है।
पिच की विशेषताओं को देखते हुए, ऑस्ट्रेलियाई टीम के चयन में बैटिंग ऑर्डर की गहराई और ऑलराउंडर्स की उपलब्धता ने एक संरचनात्मक लाभ प्रदान किया है। विंडीज के गेंदबाजी अनुक्रम में असमर्थता ने बल्लेबाजों के लिए आरामदायक बाहरी अवसर प्रदान किए हैं, जिससे बल्लेबाजी अधिक रिस्क-फ्री बन गई है। यदि विंडीज अपने गेंदबाजों को अधिक लचीला ढंग से इस्तेमाल करते हैं, तो वे अभी भी इस मैच को बदल सकते हैं-विशेष रूप से अगर वे ओपनिंग ओवर में दो विकेट ले लें।
ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी का एक्सेलरेशन एक सिस्टमैटिक एप्रोच का परिणाम है-इंग्लिस की स्ट्रोक प्लेयिंग, ग्रीन की पावर हिटिंग, मार्श की रन रेट बढ़ाने की क्षमता-ये सब एक एल्गोरिदम की तरह काम कर रहा है। वेस्टइंडीज के लिए अब तक का गेंदबाजी प्रदर्शन एक फेल्योर इन फॉर्मूला ड्राइविंग है-कोई स्ट्रेटेजी नहीं, कोई रिस्क मैनेजमेंट नहीं। अगर वो अलजारी जोसेफ को पावरप्ले में डालते हैं, तो शायद उनके पास एक छोटा सा चांस है। वरना, ये सीरीज तो अब बस एक फॉर्मलिटी है।
मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि विंडीज के लिए अभी भी उम्मीद है। अगर वो अपने बल्लेबाजों को थोड़ा अधिक समय दें, तो वो एक बड़ी साझेदारी बना सकते हैं। और जोसेफ को अगर वो दूसरे ओवर में डाल दें, तो शायद ये मैच अलग बन जाए। ऑस्ट्रेलिया तो अच्छी टीम है, लेकिन क्रिकेट अभी तक खेला नहीं गया है।