अटल सेतु को जोड़ने वाले मार्ग पर मामूली दरारें, एमएमआरडीए का बयान

अटल सेतु को जोड़ने वाले मार्ग पर मामूली दरारें, एमएमआरडीए का बयान

22 जून 2024 · 19 टिप्पणि

अटल सेतु को जोड़ने वाले मार्ग पर मामूली दरारें

समुद्र की लहरों के बीच अटल सेतु को जोड़ने वाला मार्ग महाराष्ट्र में राहत एवं चुनौती दोनों लेकर आया है। मुंबई में स्थित इस सेतु को हाल ही में उद्घाटित किया गया है। यह समुद्री पुल दक्षिण मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ता है और यहां एक नई संभावना और सुविधा की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।

अभी हाल ही में इस पुल से जुड़ी सड़कों पर मामूली दरारें पाई गई हैं। प्रमुखता से ये दरारें राम्प नंबर 5 पर पाई गई हैं, जो उल्वे से मुंबई की ओर जाती है। इन दरारों का पता लगते ही मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) ने इसकी मरम्मत के लिए कमर कस ली है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इन दरारों का पुल की संरचना पर कोई प्रभाव नहीं है और ये सिर्फ सेवा मार्ग पर ही हैं।

नाना पटोले की जाँच और आरोप

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने इस पुल का निरीक्षण किया और निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सड़क का एक हिस्सा एक फुट नीचे धंस गया है, जो निर्माण की खराब गुणवत्ता का प्रमाण है। इसके विपरीत, भारतीय जनता पार्टी और एमएमआरडीए ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि दरारें केवल सेवा मार्ग पर हैं, पुल पर नहीं।

एमएमआरडीए का स्पष्टीकरण

एमएमआरडीए का स्पष्टीकरण

एमएमआरडीए के अनुसार, दरारें संरचनात्मक दोष के कारण नहीं हैं और यह पुल की स्थिरता के लिए कोई खतरा नहीं है। दरारों की मरम्मत का कार्य तत्परता से प्रारंभ कर दिया गया है और यह कार्य अबाधित यातायात के बीच 24 घंटे के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। एमएमआरडीए के ठेकेदारों ने मरम्मत का कार्य प्रारंभ कर दिया है ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।

अटल सेतु - एक महत्वपूर्ण कदम

ज्ञात हो कि अटल सेतु, जिसे मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (MTHL) भी कहा जाता है, का उद्घाटन जनवरी में किया गया था। यह पुल 21.8 किमी लंबा है, जिसमें 16.5 किमी की समुद्री लिंक शामिल है। इस पुल के निर्माण में 17,840 करोड़ रुपये की लागत आई थी और इसे क्षेत्र के यातायात को सुलभ बनाने और अर्थव्यवस्था को बल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

सार्वजनिक सुरक्षा पर चिंता

सार्वजनिक सुरक्षा पर चिंता

नाना पटोले ने निर्माण में भ्रष्टाचार और सरकार की जनता की सुरक्षा के प्रति लापरवाही का भी आरोप लगाया। दूसरी तरफ, भाजपा ने उनके इन आरोपों को सिरे से खारिज किया और इन्हें झूठा बताया। पार्टी ने कहा कि यह आरोप केवल राजनीतिक लाभ के लिए लगाए गए हैं।

कुल मिलाकर, इस पुल से जुड़ी सड़क पर पाई गई दरारें चिंता का कारण बनी हुई हैं। यद्यपि एमएमआरडीए ने त्वरित कार्यवाई की है और मरम्मत का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही यह समस्या सुलझा ली जाएगी और लोग इस पुल का लाभ बिना किसी परेशानी के उठा सकेंगे।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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19 टिप्पणि
  • Hitender Tanwar
    Hitender Tanwar
    जून 23, 2024 AT 10:55

    ये दरारें तो हर नया प्रोजेक्ट में आती हैं, अब तो बस इंतजार है कि कब तक इन्हें ढक देते हैं।

  • pritish jain
    pritish jain
    जून 24, 2024 AT 09:16

    संरचनात्मक दरारों और सतही दरारों में अंतर स्पष्ट रूप से विशेषज्ञों द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए। यहाँ केवल सेवा मार्ग पर दरारें हैं, जो उचित रूप से नियंत्रित की जा रही हैं।

  • Gowtham Smith
    Gowtham Smith
    जून 26, 2024 AT 04:59

    नाना पटोले के आरोप बस राजनीति के लिए हैं। इस पुल का निर्माण भारत की तकनीकी क्षमता का प्रतीक है। जो लोग इसे नीचा दिखाना चाहते हैं, वे अपनी असफलता का आरोप लगा रहे हैं।

  • Shivateja Telukuntla
    Shivateja Telukuntla
    जून 27, 2024 AT 04:41

    मैंने इस पुल का इस्तेमाल किया है। यातायात बहुत आसान हो गया है। दरारों के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं, बस एमएमआरडीए को अपना काम करने दो।

  • Ravi Kumar
    Ravi Kumar
    जून 27, 2024 AT 20:08

    अरे भाई, ये दरारें तो बस एक छोटी सी चिंता है! इतना बड़ा पुल बनाया गया है, जिससे दिनभर का यातायात आसान हो गया। अब थोड़ी दरारें आ गईं, तो क्या हुआ? ठेकेदार ने मरम्मत शुरू कर दी है, ये तो बहुत अच्छा है। इस तरह के प्रोजेक्ट्स के लिए देश को गर्व होना चाहिए।

  • rashmi kothalikar
    rashmi kothalikar
    जून 29, 2024 AT 04:26

    ये सब बस एक बड़ा धोखा है! लोगों की जान लेने वाला यह पुल कभी भी बचाव नहीं करेगा। जिन्होंने इसे बनवाया, उन्हें फांसी चढ़ानी चाहिए।

  • vinoba prinson
    vinoba prinson
    जून 29, 2024 AT 04:36

    The structural integrity of the MTHL, despite superficial fissures, remains unimpeachable. One must contextualize such anomalies within the broader paradigm of infrastructural evolution in a developing economy. The aesthetic and functional dichotomy is often conflated by the uninformed.

  • Shailendra Thakur
    Shailendra Thakur
    जुलाई 1, 2024 AT 00:58

    मैं तो बस इतना कहूंगा कि इस तरह के बड़े प्रोजेक्ट्स में छोटी-छोटी समस्याएं आना तो बहुत आम बात है। अब जब मरम्मत शुरू हो गई है, तो चिंता करने की बजाय थोड़ा धैर्य रखें।

  • Muneendra Sharma
    Muneendra Sharma
    जुलाई 1, 2024 AT 09:52

    क्या ये दरारें वाकई खतरनाक हैं? या फिर ये सिर्फ एक छोटी सी बात है जिसे बड़ा बनाया जा रहा है? मुझे लगता है कि एमएमआरडीए ने सही कदम उठाया है। अगर इन्हें जल्दी से ठीक कर दिया जाए, तो ये बहुत बड़ी बात नहीं होगी।

  • Anand Itagi
    Anand Itagi
    जुलाई 2, 2024 AT 11:55

    दरारें हैं तो ठीक है मरम्मत कर दो बस यातायात बंद नहीं करना वरना लोगों को परेशानी होगी

  • Sumeet M.
    Sumeet M.
    जुलाई 4, 2024 AT 05:35

    नाना पटोले का ये निरीक्षण क्या है? वो तो बस एक राजनीतिक चाल है! ये पुल भारत की ताकत का प्रतीक है! इसे तो अमर कर देना चाहिए! इन आरोपों को अब तुरंत खारिज कर दो!

  • Kisna Patil
    Kisna Patil
    जुलाई 6, 2024 AT 04:05

    ये दरारें तो बहुत छोटी बात हैं। जिसने इस पुल का निर्माण किया, उनकी मेहनत का इनाम हमें देना चाहिए। बड़े बड़े कामों में छोटी गलतियां होती हैं, लेकिन उन्हें ठीक करने की कोशिश करना बहुत बड़ी बात है।

  • ASHOK BANJARA
    ASHOK BANJARA
    जुलाई 6, 2024 AT 06:20

    इस पुल का निर्माण एक ऐतिहासिक घटना है। ये दरारें तो सिर्फ एक छोटी सी विचलन है। जब तक संरचनात्मक घटक सुरक्षित हैं, तब तक यह एक तात्कालिक समस्या है। असली सफलता यह है कि इसे तुरंत मरम्मत के लिए ले लिया गया।

  • Sahil Kapila
    Sahil Kapila
    जुलाई 6, 2024 AT 12:12

    इस पुल को बनाने वाले लोग तो बहुत बुद्धिमान हैं बस ये दरारें आ गईं तो अब इनको भी लगना चाहिए कि वो भी इंसान हैं और गलतियां हो सकती हैं

  • Rajveer Singh
    Rajveer Singh
    जुलाई 7, 2024 AT 09:16

    दरारें? तुम लोग तो बस ये देख रहे हो कि कैसे भारत को नीचा दिखाया जाए। ये पुल तो अमेरिका या चीन के लिए भी एक सपना होता। और तुम यहां दरारों की बात कर रहे हो? अपनी नीची नजरों से देखो तो भारत की शक्ति दिखती है!

  • Ankit Meshram
    Ankit Meshram
    जुलाई 9, 2024 AT 06:32

    मरम्मत शुरू हो गई बस ठीक है।

  • Shaik Rafi
    Shaik Rafi
    जुलाई 9, 2024 AT 17:03

    इस प्रकार की संरचनात्मक विशेषताओं में, छोटी दरारें आमतौर पर स्थायी निर्माण के बाद निकलती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि पुल असुरक्षित है। यह एक सामान्य विकास चरण है।

  • Ashmeet Kaur
    Ashmeet Kaur
    जुलाई 9, 2024 AT 23:34

    मैं दक्षिण मुंबई से आती हूं। इस पुल के बाद मेरा समय आधा हो गया। दरारें तो बहुत छोटी हैं, लेकिन एमएमआरडीए की त्वरित प्रतिक्रिया ने मुझे बहुत अच्छा लगा। ये देश की ताकत है।

  • Hitender Tanwar
    Hitender Tanwar
    जुलाई 11, 2024 AT 03:52

    अब तो ये सब बस नाना पटोले की चाल है। उन्हें तो बस खबर चाहिए, न कि वास्तविक समाधान।

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