बाबर की गैरमौजूदगी और प्लेइंग XI पर सवाल
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज बाबर आज़म ने चैंपियंस ट्रॉफी के महत्वपूर्ण मैच से पहले टीम के प्रशिक्षण सत्र में भाग नहीं लिया, जिससे उनके प्लेइंग इलेवन में शामिल होने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। उनकी हाल की फॉर्म को देखते हुए, खासकर जब उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 94 गेंदों में 64 रन बनाए थे, उनकी अनुपस्थिति से यह सवाल उठता है कि क्या वे भारत के खिलाफ खेलेंगे या नहीं।
शनिवार, 22 फरवरी को जब पाकिस्तान टीम ने प्रैक्टिस की, तो बाबर आज़म की गैरमौजूदगी ने इस बात को और अधिक चर्चा में ला दिया। इंटरिम मुख्य कोच आकीब जावेद के अनुसार, बाबर ने आराम करना पसंद किया, लेकिन इससे उनकी तैयारी पर सवाल उठने लगे हैं।
पीसीबी प्रमुख का दबाव और टीम की उम्मीदें
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चीफ मोहसिन नकवी भी ट्रेनिंग सेशन में मौजूद थे, और उन्होंने खिलाड़ियों से भारत के खिलाफ जीत को सुनिश्चित करने की अपील की। नकवी ने कहा कि एक निर्णायक जीत न केवल आलोचकों को खामोश करेगी, बल्कि टीम में आत्मविश्वास भी बढ़ाएगी।
दूसरी ओर, पाकिस्तान के चैंपियंस ट्रॉफी में बने रहने के लिए यह मैच निर्णयात्मक है, क्योंकि पिछले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार के बाद उनके आगे का रास्ता अब इस मैच पर निर्भर करता है। बाबर के खेल को लेकर सवाल उस समय महत्वपूर्ण हो गए हैं, जब टीम को एक प्रेरणादायक नेतृत्व की आवश्यकता है।
स्वाभाविक रूप से, इस मुकाबले में न सिर्फ बाबर आज़म बल्कि पूरी टीम पर ध्यान केंद्रित होगा। उनके प्रदर्शन से न केवल उनकी व्यक्तिगत फॉर्म बल्कि टीम के भविष्य के परिणाम भी प्रभावित हो सकते हैं।
बाबर की अनुपस्थिति चिंताजनक है, लेकिन टीम के अन्य खिलाड़ियों को भी मौका देना चाहिए। कभी-कभी आराम भी तैयारी का हिस्सा होता है।
ये सब बहाने हैं! बाबर को बाहर कर दो, ये लोग तो बस अपनी फॉर्म के डर से खेलने से डर रहे हैं! भारत के खिलाफ इतना डर क्यों? जीतना है तो खेलो!
बाबर आज़म का बल्लेबाजी अंदाज़ अब ओल्ड वर्ल्ड लुक रखता है - एक विचारशील, लेकिन अत्यधिक सावधान दृष्टिकोण जो टी20 और ओडीआई के आधुनिक तालमेल से बाहर है। उनकी गति कम है, और इस टूर्नामेंट में तेज़ स्कोरिंग की आवश्यकता है।
बाबर आए या न आए, टीम जीतेगी।
मुझे लगता है कि बाबर को थोड़ा आराम देना चाहिए। वो लगातार खेल रहे हैं, शारीरिक और मानसिक रूप से थक गए होंगे। अगर वो फिट हैं तो खेलेंगे, अगर नहीं तो कोई और अच्छा खेलेगा।
पीसीबी के चीफ का दबाव टीम के लिए बहुत खतरनाक है। खिलाड़ियों को निर्णय लेने की आजादी देनी चाहिए, न कि भावनात्मक दबाव डालना चाहिए। ये तो बस एक क्रिकेट मैच है, न कि राष्ट्रीय अस्तित्व का प्रश्न।
क्रिकेट में नेतृत्व का अर्थ केवल बल्लेबाजी नहीं है। बाबर आज़म एक अच्छे बल्लेबाज हैं, लेकिन उनके बिना टीम का नेतृत्व अन्य खिलाड़ियों द्वारा संभाला जा सकता है। टीम का विकास उनके निर्भरता पर नहीं होना चाहिए। यह एक सामूहिक प्रयास है, और एक व्यक्ति की अनुपस्थिति से टीम का अंत नहीं होता। इतिहास में कई टीमें बिना अपने स्टार खिलाड़ियों के भी जीती हैं। यह एक अवसर है अन्य खिलाड़ियों के लिए अपनी पहचान बनाने का।
हमारे खिलाड़ियों को भारत के खिलाफ खेलने से डर लगता है? ये बाबर आज़म तो बस अपनी फॉर्म के डर से छिप रहे हैं। भारत के खिलाफ जीतने का नाम लेने वाले लोगों को टीम से बाहर कर देना चाहिए। हम जीतेंगे या मरेंगे, लेकिन भागेंगे नहीं!
हर खिलाड़ी के लिए आराम जरूरी है। बाबर को लगा होगा कि उन्हें शारीरिक रूप से तैयार रहने के लिए एक दिन की जरूरत है। यह अनुभवी खिलाड़ियों की समझ है। टीम डॉक्टर्स और कोच इसे समझते हैं।
क्या आप जानते हैं कि बाबर आज़म के बिना पाकिस्तान ने कितने मैच जीते हैं? क्या आप जानते हैं कि उनकी फॉर्म का असली अर्थ क्या है? ये सिर्फ एक बल्लेबाज नहीं, ये एक भावना है। और अगर भावना टूट जाए तो टीम क्या बचेगी?
बाबर की अनुपस्थिति का मतलब यह नहीं कि टीम कमजोर है। टीम के अन्य सदस्यों के लिए यह एक अवसर है अपने क्षमताओं को साबित करने का। बल्लेबाजी एक व्यक्तिगत खेल नहीं, एक सामूहिक प्रयास है।
बाबर की फॉर्म अब एक डिस्क्रिप्टिव वैरिएबल है जिसका इनपुट इंटरनल मेंटल फ्रेमवर्क और एक्सटर्नल डायनेमिक्स दोनों से प्रभावित होता है। उनकी अनुपस्थिति से टीम के ऑप्टिमाइजेशन स्पेस में एक नया लोकल मैक्सिमा उत्पन्न हो सकता है।
बाबर की जगह कोई और खेले तो भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस टीम में तो अब कोई भी बड़ा खिलाड़ी नहीं है।
अगर बाबर खेलेंगे तो अच्छा होगा अगर नहीं तो भी चलेगा टीम के लिए अब जरूरी है कि सब एक साथ खेलें
आज के क्रिकेट में एक खिलाड़ी की फॉर्म का निर्णय उसके बल्ले के आंकड़ों से नहीं बल्कि उसके खेल के अंदाज़ और टीम के साथ समन्वय से होता है। बाबर की शैली अब आधुनिक आवश्यकताओं से बाहर है।
बाबर को आराम देना चाहिए। वो अब बस एक बल्लेबाज नहीं, वो एक प्रतीक है। अगर वो थक गए हैं तो उन्हें आराम देना टीम की जिम्मेदारी है।
हर खिलाड़ी के जीवन में एक बिंदु आता है जब शरीर बोलने लगता है। बाबर आज़म की अनुपस्थिति उसी बिंदु का संकेत है। यह आराम नहीं, यह रिकवरी है। और रिकवरी के बिना कोई भी खिलाड़ी लंबे समय तक नहीं चल सकता। टीम को इस बात को समझना चाहिए।
मैं बस यही कहना चाहती हूं कि बाबर को वापस लाओ। बिना उनके ये टीम बस एक खाली चीज है। मैं रो रही हूं।
ये बाबर आज़म के बिना टीम को जीतने की कोशिश कर रही है जैसे कोई बिना बिजली के फ्रिज चलाने की कोशिश कर रहा हो। बाबर नहीं तो ये टीम क्या खेलेगी? नाम लिखकर? कोई भी बल्लेबाज इतना बड़ा नहीं है जो इतना बड़ा खालीपन भर सके।