बाबर आज़म की ऐतिहासिक कामयाबी
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान और वर्तमान में टी20I के प्रमुख खिलाड़ी, बाबर आज़म ने रन बनाने के इतिहास में एक और शानदार अध्याय जोड़ दिया है। बाबर ने तीसरे टी20I में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेलते हुए केवल 28 गेंदों पर 41 रन बनाकर नए कीर्तिमान स्थापित किए। उनकी इस पारी के बाद टी20I में उनके कुल रन 4,192 हो गए हैं, जिससे उन्होंने विराट कोहली को पीछे छोड़ दिया, जिनके 4,188 रन हैं। अब बाबर केवल 39 रन दूर हैं रोहित शर्मा के टी20I में उच्चतम रन बनाने के रिकॉर्ड से, जो 4,231 रन पर स्थित है।
टीम पाकिस्तान का प्रदर्शन और चुनौती
हालाँकि बाबर का व्यक्तिगत प्रदर्शन बेहद सराहनीय रहा, परंतु पाकिस्तान की टीम ने इस मैच में संघर्ष किया। बाबर के चारों ओर के बल्लेबाजों ने निराश किया और पूरी टीम 117 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने पाकिस्तान की कमजोरी का पूरा फायदा उठाया और 117 रनों के लक्ष्य को आराम से हासिल कर लिया। खासकर, मार्कस स्टोइनिस ने 27 गेंदों पर 61 रन की नाबाद पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया को 11.2 ओवर में जीत दिलाई।
विराट कोहली और रोहित शर्मा की टी20I से विदाई
भारत के दो प्रमुख बल्लेबाज, विराट कोहली और रोहित शर्मा, जिन्होंने भारत को टी20 विश्व कप 2024 का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई, अब इस फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं। उनकी अनुपस्थिति में, बाबर आज़म का प्रदर्शन और अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है। बाबर के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वे टी20I के रिकॉर्ड्स में इतिहास रचें और अपनी टीम को भविष्य में जीत की तरफ ले जाएं।
आगे का रास्ता और उम्मीद
बाबर आज़म के सामने यह चुनौती अब है कि वे रोहित शर्मा के रिकॉर्ड को तोड़ सकें और खुद को टी20I के महानतम खिलाड़ियों में शामिल कर सकें। उनके इस सफर में, उन्हें लगातार अच्छे प्रदर्शन की आवश्यकता होगी, जिससे वे अपने देश और शानदार करियर को और ऊंचाइयों पर ले जा सकें। शेफील्ड में होने वाले अगले मैच से ही यह तय होगा कि बाबर कितनी जल्दी इस उपलब्धि को प्राप्त करेंगे और क्या वे आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन सकते हैं। पाकिस्तानी फैंस को आशा है कि बाबर आज़म उन्हें गर्वित करते रहेंगे और टीम को सफलता के रास्ते पर ले जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में T20I का महत्व
टी20I ऐसा फॉर्मेट है जो तेजी से क्रिकेट का चेहरा बदल रहा है। इसमें जहां रोमांच की उच्चतम सीमाएं होती हैं, वहां यह खिलाड़ियों की काबिलियत और टीम की गहराई को भी परखता है। बाबर आज़म जैसे खिलाड़ी, जो न केवल व्यक्तिगत अनोखे आंकड़ों तक पहुंचते हैं, बल्कि अपनी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान भी करते हैं, वास्तव में इस फॉर्मेट के अहम हिस्से बन जाते हैं। भविष्य में, यह देखना दिलचस्प होगा कि बाबर कितने रिकॉर्ड अपने नाम करते हैं और किस तरह से वे पाकिस्तान के क्रिकेट में और स्थिरता लाते हैं।
बाबर आज़म ने कोहली को पीछे छोड़ा? अरे भाई ये क्या बकवास है! कोहली ने जो किया वो इतिहास है, बाबर केवल एक अच्छी पारी खेल गया! भारत के खिलाड़ी जब रिटायर होते हैं तो दुनिया भर में उनकी याद रखी जाती है, न कि किसी पाकिस्तानी के नाम पर!
क्रिकेट में रिकॉर्ड बनाना अच्छा है, लेकिन खेल का भाव बनाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। कोहली और रोहित ने जो भावना और लगन दिखाई, वो किसी स्टैटिस्टिक्स में नहीं मिलता। बाबर आज़म एक शानदार खिलाड़ी हैं, लेकिन उनके नाम के साथ भारतीय खिलाड़ियों की विरासत को नहीं छीना जा सकता।
इस बात पर विचार करो कि टी20I एक ऐसा फॉर्मेट है जहां एक अच्छी पारी से ही रिकॉर्ड बदल सकता है। कोहली के 4188 रन एक दशक के लगातार शानदार प्रदर्शन का परिणाम हैं। बाबर ने केवल 28 गेंदों में 41 रन बनाए, लेकिन उनकी टीम को हार मिली। रिकॉर्ड तो बनते हैं, लेकिन प्रभाव तभी बनता है जब वो टीम को जीत दिलाए। यही अंतर है।
बाबर आज़म को रोहित शर्मा से आगे निकलने दो अब तो वो भी अब बस एक नाम है जिसे कोई याद नहीं करता अब तो टी20I में बाबर ही अब एक देवता है अब तो भारत के खिलाड़ी तो बस बैठे रहे बस देखते रहे
कोहली ने जो किया वो कोई बाबर आज़म नहीं कर सकता उसने भारत को विश्व कप दिलाया उसने दुनिया के सबसे कठिन बॉलर्स को रोका उसने लगातार 10 साल टॉप पर रहा बाबर क्या करता है बस एक अच्छी पारी खेलता है और टीम को हार देता है ये तो बस एक निर्वाचित बल्लेबाज है न कि एक नेता
बाबर आज़म अच्छा खिलाड़ी है। बस इतना ही।
रिकॉर्ड्स का नाम तो हर कोई लगाता है, लेकिन जो आदमी टीम के लिए खेलता है, वो ही असली नायक होता है। कोहली ने अपनी टीम को दुनिया के सबसे बड़े टूर्नामेंट में जीत दिलाई। बाबर आज़म ने अपनी टीम को लगातार एक निराशा में छोड़ दिया। क्या रिकॉर्ड बनाना ही सबकुछ है? या फिर लगातार जीतना?
बाबर आज़म का बल्लेबाजी शैली बहुत सुंदर है। उनकी टेक्निक और शांति से खेलने का तरीका वाकई प्रेरणादायक है। भारत के खिलाड़ियों ने जो रास्ता दिखाया, उसके बाद बाबर भी अपना अलग रास्ता बना रहे हैं। ये दोनों अलग-अलग दुनियाओं के हैं, लेकिन दोनों ही टी20I को बेहतर बना रहे हैं।
ये सब रिकॉर्ड्स तो बस नंबर हैं। असली चीज़ तो ये है कि खिलाड़ी खेल के लिए खेलता है या रिकॉर्ड्स के लिए। कोहली ने भारत के लिए खेला, रोहित ने भी। बाबर ने अपनी टीम के लिए खेला। अगर उनका रिकॉर्ड बढ़ रहा है, तो वो उनकी लगन का परिणाम है। बस इतना ही।
आप सब भूल रहे हैं कि बाबर आज़म ने अपनी टीम को हार दी। जब आप अपनी टीम को हार देते हैं, तो आपके रन कितने भी ज्यादा क्यों न हों, वो बेकार हैं। विराट कोहली ने जब खेला तो भारत जीता। बाबर ने जब खेला तो पाकिस्तान हारा। ये अंतर है।
मैं तो बस ये देख रही हूं कि कोहली ने जब रिटायर हुए तो दुनिया रो पड़ी... और बाबर आज़म के रिकॉर्ड बनते ही सब ने बस एक नया ट्रेंड बना दिया... लेकिन असल में ये सब बस एक ट्रेंड है जिसे लोग बेवजह बढ़ा रहे हैं... ये सब बस इंटरनेट की बेवकूफी है...
ये सब बकवास है। बाबर आज़म का रिकॉर्ड किसी के लिए मायने नहीं रखता। टीम ने हार दी। बाबर के रन का क्या? कोहली के रन भी तो बहुत थे, लेकिन उन्होंने टीम को जीत दिलाई। बाबर के रन बस एक नंबर हैं।
रिकॉर्ड्स के बारे में बात करने से पहले ये देखना चाहिए कि खिलाड़ी किस बॉलर्स के खिलाफ खेल रहा है। कोहली ने दुनिया के सबसे कठिन बॉलर्स के खिलाफ खेला। बाबर ने एक ऐसी टीम के खिलाफ खेला जिसकी गेंदबाजी बहुत कमजोर थी। इसलिए ये तुलना अनुचित है।
बाबर आज़म का रिकॉर्ड बनाना एक सांख्यिकीय अधिकतम है, लेकिन उसकी टीम के लिए विक्रमीय योगदान नहीं है। एक ऑपरेशनल रिस्क मैट्रिक्स के अनुसार, एक खिलाड़ी का वैल्यू उसके परफॉर्मेंस इंडेक्स और टीम विक्टरी रेट के गुणनफल से निर्धारित होता है। बाबर का टीम विक्टरी रेट 23% है, जबकि कोहली का 78%। तो ये रिकॉर्ड केवल एक बायस्ड डेटा सेट है।
बाबर आज़म एक बहुत अच्छा खिलाड़ी हैं। उनकी टीम का नतीजा उनके बल्लेबाजी पर निर्भर नहीं होता। ये सब रिकॉर्ड्स तो बस आंकड़े हैं। खेल का मजा तो यही है कि लोग अलग-अलग तरीके से खेलते हैं। बाबर के लिए शुभकामनाएं।