BCCI ने ज़िम्बाब्वे T20 श्रृंखला के लिए टीम में किए तीन महत्वपूर्ण बदलाव
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 5 मैचों की T20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में तीन महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। हार्षित राणा, साई सुदर्शन, और जितेश शर्मा को टीम में शामिल किया गया है। ये बदलाव संजू सैमसन, शिवम दुबे, और यशस्वी जायसवाल की जगह पर किए गए हैं, जो बारबाडोस में फंसे हुए हैं।
मौसम की मार ने बदल डाले खेल के नियम
बारबाडोस में हरीकेन की वजह से हवाई अड्डा बंद हो गया है, जिसके चलते यह खिलाड़ी समय पर ज़िम्बाब्वे के लिए रवाना नहीं हो पाए। खासकर, यह हरीकेन एक बेहद खतरनाक कैटेगरी 5 के तूफान में बदल गया है, जिसने जीवन के लिए खतरे की स्थिति पैदा कर दी है। इस आपात स्थिति में BCCI को त्वरित निर्णय लेना पड़ा और टीम में बदलाव करने पड़े।
नए खिलाड़ियों की चुनौतियाँ
नए चुनाव में हार्षित राणा, साई सुदर्शन और जितेश शर्मा को शामिल किया गया है। साई सुदर्शन अभी लंदन में सर्रे के लिए काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं और उन्हें तुरंत हरारे के लिए रवाना होने की उम्मीद है। वहीं, हार्षित राणा और जितेश शर्मा को अपने करियर के लिए यह एक बड़ा अवसर माना जा रहा है।
टीम की तैयारियाँ और आगामी मैच
इस संशोधित टीम की कप्तानी शुबमन गिल करेंगे। दल का पहला और दूसरा मैच ज़िम्बाब्वे के खिलाफ शनिवार, 6 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसके लिए पूरी टीम एक नए जोश और उत्साह के साथ तैयार है। प्रमुख खिलाड़ियों के ना होने के बावजूद टीम में युवा खिलाड़ियों की भरमार है जो अपने खेल से सबको प्रभावित कर सकते हैं।
टीम की सूची
संशोधित टीम इस प्रकार है: शुबमन गिल (कप्तान), रुतुराज गायकवाड, अभिषेक शर्मा, रिंकू सिंह, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रियान पराग, वॉशिंगटन सुंदर, रवि बिश्नोई, आवेश खान, खलील अहमद, मुकेश कुमार, तुषार देशपांडे, साई सुदर्शन, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), हार्षित राणा।
इस टीम के सभी खिलाड़ी युवा और प्रतिभाशाली हैं, और उनकी मेहनत और टीमवर्क मैच की दिशा तय करेगी।
T20 विश्व कप की तैयारी
TC विश्व कप के लिए भी इस टीम के कई खिलाड़ी प्रमुख हैं, और उनकी बारबाडोस से हरारे के लिए उड़ान की योजना आज ही है, जबकि हवाई अड्डे के फिर से खुलने की उम्मीद है। हवाई अड्डा बंद होने की वजह से बड़ी चुनौतियाँ सामने आई हैं, पर भारतीय टीम अपने जज़्बे से इन पर विजय पाने को तैयार है।
निष्कर्ष
टीम में किए गए ये बदलाव न सिर्फ समय की मांग थे, बल्की खिलाड़ियों की फर्स्टलाइन की मजबूती को बनाए रखने के लिए भी ज़रूरी थे। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये नए खिलाड़ी मैदान पर कैसा प्रदर्शन करते हैं और टीम को किस प्रकार समर्थन प्रदान करते हैं।
ये बदलाव बिल्कुल सही है। हार्षित राणा का बल्लेबाजी का अंदाज़ टी20 में बहुत काम आएगा। साई सुदर्शन की गेंदबाजी भी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिलेगी। युवा खिलाड़ियों को मौका देना ही भारतीय क्रिकेट का भविष्य है।
इस निर्णय में एक गहरी दर्शनशास्त्रीय बात है। टीम के लिए अस्थायी खालीपन को अवसर में बदलना ही वास्तविक नेतृत्व है। जब बाहरी परिस्थितियाँ अनियंत्रित हो जाएँ, तो अंदरूनी ताकत का विकास ही सच्ची शक्ति होती है। ये युवा खिलाड़ी बस एक टीम नहीं, एक नए युग के प्रतीक हैं।
अरे भाई ये सब बकवास है क्या यशस्वी जायसवाल को बाहर कर दिया और जितेश शर्मा को विकेटकीपर बना दिया जो तो अभी तक रणजी में भी नहीं खेला अच्छा तो उसका नाम भी गलत है जितेश शर्मा नहीं जितेश शर्मा है जितेश शर्मा नहीं अरे ये लोग तो बिल्कुल भी नहीं जानते क्या कर रहे हैं
हमारे बोर्ड तो अब हर बार अपने खिलाड़ियों को बाहर भेज रहे हैं और बाहरी लोगों को टीम में डाल रहे हैं। यशस्वी जायसवाल को बारबाडोस में फंसा दिया और फिर उसकी जगह अज्ञात नाम डाल दिए। ये टीम तो अब नए खिलाड़ियों की ट्रायल टीम बन गई है। ये नहीं होगा तो विश्व कप का खेल भी नहीं होगा।
ये बदलाव बहुत अच्छा है। युवाओं को मौका दो। जीत आएगी।
इस टीम में जो नए खिलाड़ी हैं, उनके लिए यह बस एक मौका नहीं, एक जिम्मेदारी है। उन्हें अपने आप को साबित करना होगा। लेकिन एक बात याद रखनी चाहिए - असली शक्ति उनके नामों में नहीं, उनके जज़्बे में है। जो खेलेगा, वही असली भारतीय खिलाड़ी होगा।
मैं तो साई सुदर्शन के लंदन से हरारे जाने के बारे में बहुत प्रभावित हुई। ये लोग दुनिया भर में खेल रहे हैं और फिर भी जब भारत की टीम के लिए बुलाया जाता है, तो तुरंत आ जाते हैं। यही तो असली खिलाड़ी होते हैं। इनका जज़्बा देखकर गर्व होता है।
बारबाडोस में हरीकेन की वजह से टीम का बदलाव होना अनिवार्य था। ये नए खिलाड़ी अपने करियर के लिए बहुत बड़ा मौका पा रहे हैं। शुबमन गिल की कप्तानी में ये टीम बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। युवा खिलाड़ियों को भरोसा देना और उन्हें गलतियों का अवकाश देना ही भारतीय क्रिकेट के लिए सही रास्ता है।
मुझे लगता है कि जितेश शर्मा को विकेटकीपर बनाना बहुत बड़ी गलती है। उन्होंने तो अभी तक कोई फर्स्ट-क्लास मैच नहीं खेला है। ये बदलाव बिल्कुल अनियोजित है। और यशस्वी जायसवाल को भी बाहर करना बेकार था। वो तो टी20 में बहुत अच्छा खेलता है।
इस निर्णय के पीछे एक बहुत बड़ी सोच है। BCCI ने सिर्फ एक टीम को बदला नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण बदला है। अब वो टीम को नहीं, बल्कि एक भविष्य को बना रहे हैं। ये युवा खिलाड़ी जो अभी नए हैं, वो अगले दशक के भारतीय क्रिकेट के आधार होंगे। उन्हें अभी अवसर देना जरूरी है, भले ही वो अभी अनुभवहीन हों। एक बार जब वो मैदान पर उतरेंगे, तो वो अपने जज़्बे से सबको चौंका देंगे। ये बदलाव एक रणनीति है, सिर्फ एक जरूरत नहीं।
मैं तो बस यही कहूँगी कि इन नए खिलाड़ियों को बहुत ज्यादा दबाव मत दो... उन्हें खेलने दो। अगर वो गलती करें, तो भी उन्हें बहुत ज्यादा नहीं डांटना। बस उन्हें प्यार से बाहर ले आओ और फिर दोबारा भेज दो। मैं इनके लिए रो रही हूँ।