मैच का सारांश
दुर्भाग्यवश मौसम ने खेल को बाधित किया, लेकिन भारत महिला क्रिकेट ने लचीलापन दिखाया। न्यूज़ीलैंड ने 150 रन बनाकर अपनी पारी समाप्त की, पर बारिश के कारण लक्ष्य 124 रन पर घटा दिया गया, जैसा कि डकिंग लुइस सिंगर (DLS) विधि तय करती है।
चौबीस रन की आवश्यकता के साथ शुरू हुई भारत की पारी, लेकिन ओपनिंग जोड़ी ने जल्दी ही गति पकड़ ली। हार्मनप्रीत कौर ने 45 बॉला, जबकि स्मृति मंडाना ने तेज़ 38 रन बनाए, जिससे लक्ष्य पर 2 ओवर से कम में पहुंचे। अंत में नवपारी का बकाया 5 रन 3 गेंदों में नहीं बचा, इसलिए भारत ने 4 विकेट से जीत हासिल की।
मुख्य पहलू और आगे का मार्ग
इस जीत में दो प्रमुख बिंदु उजागर हुए – पहला, मध्यम बारिश की वजह से मैदान पर स्पिनर का प्रभाव बढ़ा, और भारत के साम्यसिंह ने 2 विकेट लेकर न्यूज़ीलैंड की टॉप ऑर्डर को भंग किया। दूसरा, तेज़ रन‑रेट की जरूरत ने मध्य क्रम को आक्रामक बनना सिखाया, जिससे लक्ष्य पर जल्दी पहुँच बना।
- इंडियन बॉलरिंग यूनिट ने 6 विकेटों से 1.47 औसत रन दिया।
- न्यूज़ीलैंड की टॉप स्कोरर राचेल स्मिथ रही, 38 रन के साथ।
- भारत की फील्डिंग ने कई महत्वपूर्ण कैच कर विपक्ष को दबाव में रखा।
वार्म‑अप जीत से टीम में आत्मविश्वास बढ़ा है, क्योंकि समूह चरण में बेहतरीन फॉर्म में प्रवेश करना जरूरी है। कोच जॉनी रॉबर्ट्स ने कहा कि इस जीत से टीम को मौसम‑परिवर्तन के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी और खिलाड़ियों को पिच के अलग‑अलग चरमोत्कर्षों के अनुकूल बनना सिखाया जाएगा। आगे आने वाले मैचों में भारत को अपनी बैटिंग लक्षण को स्थिर रखते हुए बॉलिंग में दबाव बनाए रखने की जरूरत है, जिससे वह विश्व कप में टॉप‑फ़ॉरवर्ड बना रहे।
ये मैच देखकर लगा जैसे भारतीय महिला टीम ने सिर्फ रन नहीं बनाए, बल्कि दबाव को भी बदल दिया। बारिश के बाद भी जो तेजी से लक्ष्य पूरा किया, वो असली क्रिकेट है।
न्यूजीलैंड को तो बस बहाना बनाना आता है! बारिश हुई तो डीएलएस? हमारी टीम तो बारिश के बीच भी जीत दर्ज कर देती है! ये जीत इतनी आसान नहीं है जितना लगता!
इस जीत में सिर्फ हार्मनप्रीत और स्मृति का ही नहीं, बल्कि उन तीनों फील्डर्स का भी योगदान है जिन्होंने जिम्मेदारी से कैच उठाए - ये चीज़ें टीम की असली शक्ति हैं, जिन्हें टीवी एनालिस्ट नहीं देख पाते।
जीत गए!
क्या साम्यसिंह का स्पिन बारिश के बाद ज्यादा फायदेमंद रहा या न्यूजीलैंड के बल्लेबाज बस अपनी रणनीति बदल नहीं पाए थे
मैंने देखा कि फील्डिंग में एक युवा खिलाड़ी ने बहुत साफ और तेज रिले थ्रो किया - उसका नाम बताया जा सकता है? ऐसे खिलाड़ियों को ज्यादा जगह देना चाहिए।
अगर ये टीम इसी तरह आगे बढ़े तो विश्व कप का ट्रॉफी भारत के घर आएगा। ये जीत सिर्फ एक मैच नहीं, एक संदेश है - भारतीय महिलाएं अब डरने वाली नहीं, डराने वाली हैं।
न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत तो अच्छी बात है पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के सामने ये टीम क्या करेगी ये तो देखना होगा क्योंकि वो टीमें असली बॉस हैं और हम अभी तक उनके आगे बहुत कुछ नहीं कर पाए
क्रिकेट में रन रेट और दबाव का खेल हमेशा रहा है, लेकिन आज का मैच एक नया दृष्टिकोण देता है - कि बारिश और दबाव के बीच जीतने की रणनीति भी एक कला है। जो टीम इसे समझ जाए, वो ही विश्व कप जीतती है।
मैं इस जीत को एक राष्ट्रीय उपलब्धि के रूप में देखता हूं, क्योंकि यह न केवल खेल के तकनीकी पहलू को दर्शाती है, बल्कि भारतीय समाज में महिलाओं के लिए एक नई प्रेरणा भी है। यह एक ऐसा पल है जिसे हम अपने बच्चों को सिखाना चाहिए - जहां लगन, निरंतरता और टीमवर्क एक साथ आएं, तो कोई भी बाधा टूट जाती है।
हार्मनप्रीत की बल्लेबाजी तो बहुत अच्छी रही, पर अगर मध्य क्रम के लिए भी कोई ऐसा खिलाड़ी हो जो बारिश के बाद भी तेजी से रन बना सके, तो टीम और भी अधिक खतरनाक बन जाएगी।
मैंने देखा कि बारिश के बाद फील्ड सेटिंग्स बदलने में देरी हुई थी, जिससे न्यूजीलैंड के लोअर ऑर्डर को एक दो रन ज्यादा मिल गए - ये एक छोटी गलती थी जिसे अगले मैच में सुधारना चाहिए।
हर जीत के पीछे एक अदृश्य टीम होती है - ट्रेनर, फिजियो, एनालिस्ट। आज की जीत में भी उनका हाथ था। उन्हें भी जगह देना चाहिए।
मैंने तो सोचा था कि भारत इस बार जीतेगा लेकिन ये इतनी आसानी से नहीं होगा अब तक जो हुआ है वो तो बस शुरुआत है अगला मैच असली परीक्षा होगा
भारत की महिला टीम ने आज साबित कर दिया कि वो बस एक टीम नहीं, एक आंदोलन है। जहां लड़कियां बारिश के बीच भी जीत के लिए लड़ती हैं, वहां समाज का बदलाव भी शुरू हो जाता है।