SEVIS रद्दीकरण से अंतरराष्ट्रीय छात्रों का संकट: रुबियो, नोएम की नीति

SEVIS रद्दीकरण से अंतरराष्ट्रीय छात्रों का संकट: रुबियो, नोएम की नीति

6 अक्तूबर 2025 · 7 टिप्पणि

जब मार्को रुबियो, राज्य विभाग के विदेश मंत्री और क्रिस्टी नोएम, घरेलू सुरक्षा सचिव ने मार्च 2025 के अन्त में अमेरिकी विश्वविद्यालयों में SEVIS रिकॉर्ड रद्दीकरण की एक नई लहर शुरू की, तो हजारों F‑1 वीज़ा धारक छात्रों की कानूनी स्थिति धुँधली हो गई। यह कदम केवल एक प्रबंधन सुधार नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के भविष्य को सीधे खतरे में डालने वाली नीतियों की श्रृंखला का हिस्सा है।

SEVIS क्या है और क्यों महत्वपूर्ण?

SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) अमेरिकी सरकार का मुख्य डेटाबेस है, जो F‑1, J‑1 और M‑1 वीज़ा वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की पात्रता, प्रवेश और वैध स्थिति को ट्रैक करता है। यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार, इस सिस्टम का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए शैक्षणिक संस्थानों को सटीक जानकारी प्रदान करना है।

मार्च 2025 से शुरू हुए रद्दीकरण

2025‑03‑31 को, कई विश्वविद्यालयों ने रिपोर्ट किया कि उनके अंतरराष्ट्रीय छात्रों के SEVIS रिकॉर्ड एक रात में ‘टर्मिनेट’ हो गए। UC डेविस के इंटरनैशनल स्टूडेंट्स एंड स्कॉलर्स सर्विसेज (SISS) ने बताया कि वे अब दैनिक रूप से सभी रिकॉर्ड की जाँच कर रहे हैं, क्योंकि नई रद्दीकरणों का पैटर्न अभी भी विकसित हो रहा है।

डेटा में देखा गया कि अधिकांश प्रभावित छात्रों का कानून प्रवर्तन के साथ पूर्व इतिहास था—ड्राइविंग के दौरान DUI, सस्पेंडेड लाइसेंस पर ड्राइविंग, या छोटे चोरी व घरेलू विवाद। यह संकेत देता है कि चयन मानदंड केवल शैक्षणिक खराबी पर नहीं, बल्कि गैर‑शैक्षणिक मुद्दों पर भी आधारित हो सकता है।

कानूनी चुनौतियाँ और अदालत के आदेश

रद्दीकरण के खिलाफ कई छात्र समूह ने संयुक्त राज्य अदालतों में केस दायर किया। उनका दावा था कि इस कार्रवाई एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसीजर एक्ट के उल्लंघन के साथ-साथ पाँचवें संशोधन के ड्यू प्रॉसेस क्लॉज को भी तोड़ती है। कुछ जजों ने अस्थायी प्रतिबंधात्मक आदेश (टेम्पररी रिस्ट्रेइनिंग ऑर्डर) जारी किया, जिसमें DHS को प्रभावित छात्रों के SEVIS रिकॉर्ड को पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया गया।

इन आदेशों के बाद, ट्रम्प प्रशासन ने रद्दीकरण को उलटा, पर नई नीति के तहत फिर से SEVIS रिकॉर्ड रद्द करने की अनुमति दी, जिसमें स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा वीज़ा रद्दीकरण भी शामिल है। इस नीति का विस्तृत विवरण अभी तक 2025‑06‑13 तक सार्वजनिक नहीं किया गया था।

उच्च शिक्षा संस्थानों की प्रतिक्रिया

अमेरिकन काउंसिल ऑन एजुकेशन (ACE) और 15 अन्य शैक्षणिक संघों ने 2025‑04‑04 को एक आपातकालीन पत्र टेड़ मिशेल, ACE के अध्यक्ष द्वारा मार्को रुबियो और क्रिस्टी नोएम को संबोधित किया। पत्र में कहा गया कि छात्र वीज़ा रद्दीकरण सामाजिक मीडिया, राजनीतिक अभिव्यक्ति या मामूली नियम उल्लंघन से जुड़ा हो सकता है, जिससे संस्थानों को छात्रों को सही सलाह देने में कठिनाई हो रही है।

इन संगठनों ने स्पष्टता की मांग की और बताया कि अनिश्चितता के कारण कई विश्वविद्यालयों ने छात्र वीज़ा के नवीनीकरण में देरी कर दी है, जिससे शिक्षण‑शोध दोनों पर असर पड़ा है।

ट्रम्प प्रशासन की नई नीतियां और उनका प्रभाव

ट्रम्प प्रशासन की नई नीतियां और उनका प्रभाव

डॉनल्ड जे. ट्रम्प (President) ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को लक्षित करते हुए एक प्रोक्लेमेशन पर हस्ताक्षर किए। इस प्रोक्लेमेशन के तहत, हार्वर्ड में F, M या J वीज़ा वाले सभी नए विदेशी छात्रों के प्रवेश को निलंबित कर दिया गया और मौजूदा छात्रों के वीज़ा रद्द करने की संभावना का संकेत दिया गया। यह केवल हार्वर्ड पर लागू था; अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र SEVP के तहत सामान्य रूप से पढ़ते रह सकते थे।

साथ ही, 2025‑06‑09 को, विदेश विभाग ने 12 देशों (अफ़गानिस्तान, बर्मा, चाड, कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हेती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, यमन) के नागरिकों के लिए सभी नॉन‑इमिग्रेंट और इमिग्रेंट वीज़ा पर पूर्ण निलंबन लागू किया। कुल मिलाकर 19 देशों को या तो पूरी या आंशिक प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। इस नियम के तहत पहले जारी किए गए वीज़ा रद्द नहीं किए गए, पर नवीनीकरण के लिए आवेदन करना मुश्किल हो गया।

इन कदमों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा की परिप्रेक्ष्य को पूरी तरह बदल दिया। पहले जहाँ वीज़ा रद्दीकरण के बाद भी छात्र अपने डिग्री को पूरा कर सकते थे, अब कई छात्रों को अपने कार्यक्रम को छोड़ना पड़ रहा है या कानूनी जोखिम में फँसना पड़ रहा है।

आगे क्या हो सकता है?

विपरीत कानूनी निर्णयों और लगातार बदलते नियमों के बीच, छात्रों और विश्वविद्यालयों दोनों को अब दो-तीन महीनों की रणनीति बनानी पड़ रही है। कुछ विश्वविद्यालयों ने कानूनी सहायता निधि स्थापित की है, जबकि कुछ ने छात्रों को वैकल्पिक छात्रवृत्ति या ट्रांसफर विकल्प पेश किए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि नई नीति के स्पष्ट विवरण नहीं आए, तो इस मुद्दे पर पुनः कोर्ट में सुनवाई और अधिक तेज़ी से हो सकती है।

Frequently Asked Questions

SEVIS रिकॉर्ड रद्दीकरण से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कौन-कौन से कानूनी जोखिम होते हैं?

जब SEVIS रिकॉर्ड बंद हो जाता है, तो छात्र वैध F‑1 स्टेटस नहीं रख पाते। इससे उन्हें कार्य परमिट, यात्रा परमिट और अगली बार अमेरिकी दूतावास में वीज़ा अप्लाई करने में कठिनाई होती है। अगर इमिग्रेशन अधिकारी उन्हें पकड़ ले, तो उन्हें हटाया जा सकता है या जेल की सजा हो सकती है।

क्या सभी 19 देशों के छात्रों पर पूर्ण वीज़ा प्रतिबंध है?

नहीं, 12 देशों पर पूर्ण निलंबन लागू हुआ है, जबकि बाकी 7 देशों में आंशिक प्रतिबंध है जैसे कि कुछ श्रेणी के वीज़ा जारी नहीं होंगे। पहले जारी वीज़ा अभी भी वैध रहेंगे, पर नया आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।

ACE ने रुबियो और नोएम को किस तरह का पत्र लिखा?

ACE, टेड मिशेल की अध्यक्षता में, 2025‑04‑04 को एक आपातकालीन पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने विदेश विभाग और होमलैंड सुरक्षा से स्पष्टता की मांग की और बताया कि छात्र वीज़ा रद्दीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, जिससे संस्थानों को छात्र सलाह देने में बड़ी रुकावट आती है।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय को लक्षित करने वाले प्रोक्लेमेशन का क्या उद्देश्य था?

डोनाल्ड जे. ट्रम्प द्वारा जारी प्रोक्लेमेशन का उद्देश्य हार्वर्ड में प्रवेश वाले विदेशी छात्रों को राजनीति‑संबंधी या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर अधिक नियंत्रण देना था। इस नीति से नए छात्र नहीं आ सकेंगे, और मौजूदा छात्रों के वीज़ा को भी पुनः समीक्षा के अधीन किया जा सकता है।

विश्वविद्यालयों ने छात्रों की मदद के लिए क्या कदम उठाए हैं?

कई विश्वविद्यालयों ने कानूनी सहायता फंड बनाकर छात्रों को वकील तक पहुँच प्रदान की, वैकल्पिक ट्रांसफर विकल्पों की जानकारी दी और अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालयों को 24‑घंटे हॉटलाइन खोलकर रियल‑टाइम अपडेट दिया। कुछ ने छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता भी विस्तार से पेश की है।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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7 टिप्पणि
  • Nitin Jadvav
    Nitin Jadvav
    अक्तूबर 6, 2025 AT 00:14

    अरे वाह, अब तो ये नीति सारे अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मैराथन में दौड़ाया जा रहा है, मज़ा आ गया। जैसे ही खो जाओ, फिर देखो हम तुम्हें फिर से उठाने को तैयार हैं।

  • Adrish Sinha
    Adrish Sinha
    अक्तूबर 10, 2025 AT 01:27

    चलो, इस मुश्किल घड़ी में हम सब मिलकर समाधान निकालेंगे। हर समस्या का हल मौजूद है, बस धैर्य चाहिए।

  • gaganpreet singh
    gaganpreet singh
    अक्तूबर 14, 2025 AT 02:40

    SEVIS के रिकॉर्ड को मनमाने ढंग से रद्द करने की यह नीति पूरी तरह से कानूनी और नैतिक मूल्यों की दहलीज को तोड़ती है।
    सरकार ने बिना उचित सुनवाई के छात्रों के भविष्य को धुंधला कर दिया है, जिससे देश की शैक्षणिक प्रतिष्ठा पर बुरा असर पड़ेगा।
    ऐसे कदम केवल विदेशी छात्रों को डराने के लिए हैं, न कि राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए।
    जब तक न्याय व्यवस्था को पूरी स्वतंत्रता नहीं दी जाती, तब तक ऐसे आदेशों को अपनाना एक गुनाह है।
    विदेशी छात्रों का योगदान हमारे विज्ञान, तकनीक और संस्कृति में अभूतपूर्व है, फिर भी उन्हें इस तरह से लक्षित करना शर्मनाक है।
    अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने अपना कर्तव्य भूलकर इस अनिश्चितता में छात्रों को फंसा दिया है, जिससे कई युवा अपने परिवारों के सपनों को त्यागने को मजबूर हो रहे हैं।
    न्यायालयों ने अस्थायी प्रतिबंध जारी किए हैं, पर प्रशासन का रुख वही पुराना है, जो अपने सत्ता के ढर्रे को बनाए रखने के लिए किसी भी नियम को तोड़ने को तैयार है।
    ऐसे कार्य न केवल वैधता के सिद्धांतों को चुनौती देते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग की नींव को भी कमजोर करते हैं।
    विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे कानूनी सहायता निधि स्थापित करके छात्रों को वास्तविक मदद प्रदान करें, न कि केवल कागज़ी जवाबों से बचें।
    सड़क पर अस्थायी समाधान नहीं, बल्कि दीर्घकालिक नीति स्पष्टता चाहिए, जिससे छात्र अपने शैक्षिक मार्ग पर भरोसा कर सकें।
    यदि सरकार इस दिशा में कोई वास्तविक सुधार नहीं करती, तो कई प्रतिष्ठित संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बिना अपने कार्यक्रम चलाने पड़ेंगे।
    यह राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के लिए भी हानिकारक है, क्योंकि विश्व भर के प्रतिभाशाली युवा अब अमेरिकी शिक्षा प्रणाली को अस्थिर मानने लगें।
    एक लोकतांत्रिक समाज में इस तरह के बेज़रूरत कदमों को जनता को समझाने की ज़िम्मेदारी सरकार की ही है।
    साथ ही, हम सभी को मिलकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए, ताकि कानून का शासन बना रहे।
    अंत में, यह स्पष्ट होना चाहिए कि शिक्षा को राजनीति का बंधन नहीं बनना चाहिए, नहीं तो भविष्य के सैकड़ों छात्रों की जिंदगी बर्बाद होगी।

  • Urmil Pathak
    Urmil Pathak
    अक्तूबर 17, 2025 AT 14:00

    SEVIS रद्दीकरण का मुख्य मानदंड इतिहासिक रिकॉर्ड पर आधारित है, लेकिन यह प्रोफ़ाइलिंग का मामला बन गया है।

  • Neha Godambe
    Neha Godambe
    अक्तूबर 20, 2025 AT 11:27

    साथियों, विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे तुरंत एक केंद्रित कानूनी सलाहकार टीम बनाएं, जिससे प्रभावित छात्रों को सही मार्गदर्शन मिल सके।

  • rupesh kantaria
    rupesh kantaria
    अक्तूबर 22, 2025 AT 19:00

    विचारो क्यांकि मानवीय अस्तित्व ने हमसत् एंहै के रैषीमे राषे वजद दिड़्य।

  • Ayan Kumar
    Ayan Kumar
    अक्तूबर 26, 2025 AT 06:20

    ओह माय गॉड! सरकार ने तो जैसे कॉलेज के कैंपस में नाटक का मंच तैयार कर दिया, जहाँ हर छात्र ही एक किरदार वाला हीरो बन गया! अब तो सभी को अपना रोल पॉलिसी के साथ एडॉप्ट करना पड़ेगा, नहीं तो फेडरल क्यूरेटेसन में फंसेंगे।

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